आरजू हत्याकांड के 15 दिन बाद शुक्रवार को फोरेंसिक एक्सपर्ट ने रिपोर्ट पुलिस को सौंपी दी है। पांच पन्ने की रिपोर्ट आरजू की मौत को हादसा बता रही है, जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट दम घुटने से मौत की पुष्टि कर रही है। हत्या या हादसा में उलझी पुलिस दोनों रिपोर्टों पर विशेषज्ञों की राय लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।
मध्यप्रदेश के शहडोल निवासी इंजीनियर आरजू गुप्ता का शव 25 दिसंबर को नौबस्ता गोशाला डब्ल्यू ब्लॉक स्थित ससुराल में बाथरूम में पड़ा मिला था। पोस्टमार्टम में आरजू के शरीर पर सात चोटों के निशान पाए गए थे। मौत का कारण स्मूथरिंग (दम घुटने से मौत) बताया गया था। मामले में ससुरालियों के खिलाफ दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने आरजू के पति अमनदीप को जेल भेज दिया था।
पुलिस को सौंपी गई रिपोर्ट में फोरेंसिक एक्सपर्ट ने बताया है कि बाथरूम में लगे गैस गीजर में वर्ष 2019 में एलपीजी गैस सिलेंडर लगाया गया था। इसका उपयोग 8 दिसंबर 2020 से शुरू हुआ था। मौके से सिलिंडर में एक किलो गैस मिली थी। 17 दिनों में घर के पांच सदस्यों के बीच सिलिंडर का खाली होना नामुमकिन है। यानि गैस लीक हो रही थी। एलपीजी में प्रोपेन व ब्यूटेन गैस होती है, जो हवा से भारी है।
लीकेज होने की स्थिति में गैसें जमीन की सतह से ढाई फीट ऊंचाई तक जाकर ठहर जाती हैं। रिपोर्ट में लिखा है कि गीजर की टोटी खोलते वक्त गैस बाहर निकल रही थी। इस केस में यही लग रहा है। किसी कारण से आरजू बेहोश होकर मुंह के बल गिरकर बेहोश हुई। सतह पर जमी गैस ने उसकी जान ले ली। फोरेंसिक टीम ने आरजू की मौत की वजह सफोकेशन स्मूथरिंग बताई है।
दो सवालों के जवाब नहीं
हालांकि फोरेंसिक एक्सपर्ट दो सवालों के जवाब नहीं दे सके हैं। पहला यह कि बाथरूम में अगर गैस का रिसाव हुआ तो उसकी महक आरजू को क्यों नहीं लगी। दूसरा यह कि पाटे के पलटने पर तेज आवाज हुई होगी। ऐसे में कमरे में लेटे अमनदीप को आवाज क्यों नहीं सुनाई दी। पुलिस अब दोनों रिपोर्टों पर विशेषज्ञों की राय लेने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।