मुठभेड़ में ढेर किए गए आसिफ उर्फ टिड्डा और दीनू की खौफ के कारण प्रॉपर्टी डीलर मो. जफर और उनका परिवार एक माह तक अपने घर में कैद रहा। बदमाशों ने पहले फोन पर रंगदारी मांगी। फिर उनके घर आकर धमकाया और दो लाख रुपये वसूल लिए। इसके बाद रात में उनके घर पर फायरिंग की गई। इसके बाद ही पीड़ित ने पुलिस से संपर्क किया था। यूपी के मुरादाबाद स्थित कटघर के बरवाला मझरा निवासी मो. जफर ने दर्ज कराए केस में बताया कि 22 सितंबर 2025 की रात करीब साढ़े आठ बजे अपने घर में मौजूद थे। इसी दौरान उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने उन्हें धमकाते हुए एक करोड़ रुपये की मांग की। रकम न देने पर गोली मारने की धमकी दी। इसके बाद कॉल कट गई।
एक माह घर में कैद रहा परिवार संग प्रॉपर्टी डीलर: 'टिड्डा बोल रहा हूं, एक करोड़ चाहिए', पुलिस ने मारी तीन गोली
मुठभेड़ में ढेर किए गए आसिफ उर्फ टिड्डा ने पिता की मौत के बाद मेरठ में अपना नया ठिकाना बनाया। इसके बाद उसने गैंग बनाकर वारदातों को अंजाम दिया। 20 साल पहले उसके खिलाफ मेरठ के ब्रह्मपुरी में चोरी का केस हुआ। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
फोन कर बदमाश बोले, टिड्डा बोल रहा हूं
अगले दिन फिर कॉल आई और कॉल करने वाले ने बताया कि वह मेरठ से आसिफ टिड्डा बोल रहा है अब तक रुपयों का इंतजाम हुआ या नहीं। प्रॉपर्टी डीलर ने इतनी ज्यादा रकम की व्यवस्था नहीं होने की बात की। तब बदमाश ने उन्हें धमकाया कि अगर रुपये का इंतजाम नहीं कर सकते तो खुद को मरा समझ लेना। तीन दिन बाद दो बदमाश उनके दफ्तर में पहुंच गए। उन्होंने एक बदमाश ने अपनी जेब से तमंचा निकालकर उन पर तान दिया और गोली मारने की धमकी देकर हुए बताया कि बताया कि वह मेरठ का आसिफ टिड्डा है। मेरे नाम के बारे में पता कर लेना। प्रॉपर्टी डीलर ने अपने ऑफिस से ही बदमाशों को दो लाख रुपये दे दिए। इसके बाद बदमाश उनका पर्स भी कर ले गए और जल्द ही बाकी रकम का इंतजार करने की बात कहकर चले गए थे।
कटघर पुलिस ने दर्ज किया था मुकदमा
इसके कुछ दिन बाद फिर कॉल की और रकम मांगी। मो. जफर ने डर के कारण पुलिस से संपर्क किया लेकिन बदमाशों ने 27 सितंबर की रात करीब एक बजे उनके घर पर फायरिंग कर उन्हें डराया। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से संपर्क किया पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद कटघर थाने में बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद से पुलिस और बदमाशों की तलाश में जुटी थी
पिता की मौत के बाद मेरठ में बनाया ठिकाना
मुठभेड़ में ढेर किए गए आसिफ उर्फ टिड्डा ने पिता की मौत के बाद मेरठ में अपना नया ठिकाना बनाया। इसके बाद उसने गैंग बनाकर वारदातों को अंजाम दिया। 20 साल पहले उसके खिलाफ मेरठ के ब्रह्मपुरी में चोरी का केस हुआ। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। लूट, डकैती, फिरौती मांगने, अपहरण जैसे जघन्य वारदातों को अंजाम दिया। पुलिस के मुताबिक, एक लाख का इनामी बदमाश आसिफ उर्फ टिड्डा का परिवार गाजियाबाद जिले भोजपुर क्षेत्र के कलछीना में रहता था। आसिफ के पिता की मौत हुई तो उसने अपना ठिकाना बदल लिया। इसके बाद वह मेरठ के रसीद नगर में रहने लगा और अपना गैंग बना लिया। इसके बाद उसने चोरी की घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया। 20 साल पहले मेरठ के ही ब्रह्मपुरी थाने में उसके खिलाफ चोरी का पहला मुकदमा दर्ज किया गया। उसने अलीगढ़, बुलंदशहर, हापुड़, मुरादाबाद, सहारनपुर, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा के पानीपत में वारदातों को अंजाम दिया।
आसिफ उर्फ टिड्डा ने अपनी गैंग के साथ 13 मार्च 2020 को मुजफरनगर के रतपुरी थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद बनवाडा में अब्दुल बहाव के घर में घुसकर लूटपाट कर अब्दुल बहाव और उसके भाई इस्माइल का अपहरण कर साथ ले गया था। गांव के बाहर इस्माइल को रास्ते में फेंक दिया था और अब्दुल बहाव की हत्या कर दी थी। अब्दुल बहाव की दो दिन बाद ही शादी होनी थी।
65 मुकदमे हैं दर्ज
नौ जनवरी 2022 की रात अलीगढ़ की प्रतिभा कॉलोनी में सरिता के घर घुसकर परिवार को बंधक बनाकर डकैती की घटना को अंजाम दिया। इससे पहले 2013 में हरियाणा में पानीपत के चांदीबाग में घर में घुसकर परिवार को बंधक बनाकर 40 लाख रुपये की की डकैती का अंजाम दिया था। इसी तरह आरोपी ने अलग अलग जनपदों में घटनाएं की। उसके खिलाफ 65 मुकदमे दर्ज हैं।