गणतंत्र दिवस के अवसर पर भव्य, दिव्य और नव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम का वैभव राजपथ पर पूरे देश और दुनिया ने देखा। परेड में बाबा के धाम की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। झांकी में बाबा धाम के पहले नंदी को देख लोग अभिभूत हुए। यह दूसरा अवसर पर है जब बनारस से जुड़ी झांकी राजपथ पर नजर आई। इसके पूर्व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश की झांकी में बाबा के धाम की झांकी और बनारस के घाट पर संस्कृति की झलक को प्रमुख रूप से शामिल किया गया। झांकी में गंगा स्नान करते साधु और पूजन करते हुए बटुकों का दल हिस्सा रहा। प्रदेश की झांकी में इस बार काशी विश्वनाथ धाम के अलावा एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) को शामिल किया गया है। झांकी में बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार के साथ ही धर्म नगरी काशी की परंपरा, कला और संस्कृति के रंग मां गंगा के संग नजर आए।
उत्तर प्रदेश की झांकी में बाबा के धाम की झांकी और बनारस के घाट पर संस्कृति की झलक को प्रमुख रूप से शामिल किया गया। झांकी में गंगा स्नान करते साधु और पूजन करते हुए बटुकों का दल हिस्सा रहा। प्रदेश की झांकी में इस बार काशी विश्वनाथ धाम के अलावा एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) को शामिल किया गया है। झांकी में बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार के साथ ही धर्म नगरी काशी की परंपरा, कला और संस्कृति के रंग मां गंगा के संग नजर आए।

13 दिसबर को पीएम मोदी ने किया था लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसबर को 700 करोड़ की लागत से 33 महीने में तैयार हुआ श्री काशी विश्वनाथ धाम विश्व को समर्पित किया था। धाम में बालेश्वर, मकराना, कोटा, ग्रेनाइट, चुनार, मैडोना स्टोन, मार्बल सात तरह के पत्थर इस्तेमाल हुए हैं।

8 मार्च 2019 को धाम का शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च 2019 को काशी विश्वनाथ धाम का शिलान्यास किया था। धाम के लिए जमीन खरीदने में लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च हुए, निर्माण कार्य में अब तक लगभग 339 करोड़ रुपये खर्च हुए। बाबा विश्वनाथ का धाम 50,200 वर्ग मीटर जमीन में बन रहा है। अभी दूसरे चरण का काम जारी है।

गंगा छोर पर गेटवे ऑफ कॉरिडोर
काशी विश्वनाथ धाम के गंगा छोर पर गेटवे ऑफ कॉरिडोर बना है। सड़क से गंगा तट मणिकर्णिका घाट जलासेन और ललिता घाट तक 50,200 वर्ग मीटर में विस्तारित कॉरिडोर बना है। काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से पहले गंगा स्नान या आचमन की मान्यता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जलासेन घाट पर बनाए जा रहे गेट को खास रूप दिया गया है। इसकी ऊंचाई 32 फीट व चौड़ाई 90 फीट है। मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए चार द्वार बनाए गए हैं।

पहला चरण
काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। 13 दिसंबर को पीएम मोदी के हाथों पहले चरण की परियोजना लोकार्पित हो गई। इसमें मंदिर परिसर के साथ ही मुमुक्षु भवन, यात्री सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, गंगा व्यू गैलरी, भोगशाला, फूड कोर्ट सेंटर, सुरक्षा केंद्र और मंदिर चौक सहित 19 भवन यात्री सुविधाओं के लिए तैयार किए गए हैं।