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अमृतपाल की स्पीच लगा देगी आग: पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में क्यों कहा ऐसा?, जानिए क्या है सांसद का पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: चंडीगढ़ ब्यूरो Updated Tue, 02 Dec 2025 01:51 PM IST
सार

सांसद अमृतपाल सिंह की संसद सत्र में शामिल होने की मांग को लेकर दाखिल याचिका का विरोध करते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि यदि यह अनुमति दी गई तो उसकी एक स्पीच से पंजाब की पांच नदियों (पंज-आब) में आग लग सकती है।

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Punjab govt told High Court that MP Amritpal Singh speech would ignite fire
सांसद अमृतपाल सिंह - फोटो : फाइल
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सांसद अमृतपाल सिंह की संसद सत्र में शामिल होने की मांग को लेकर दाखिल याचिका का विरोध करते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि यदि यह अनुमति दी गई तो उसकी एक स्पीच से पंजाब की पांच नदियों (पंज-आब) में आग लग सकती है। पंजाब सरकार ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तय प्रक्रिया का अनुपालन कर कानून के अनुरूप उनकी मांग खारिज की गई है।

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अमृतपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए संसद सत्र में शामिल होने की मांग की है। इससे पहले दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को एक सप्ताह के अंदर अमृतपाल की पैरोल पर फैसला लेने का निर्देश दिया था लेकिन सरकार ने इस मांंग को खारिज कर दिया था। पंजाब सरकार की ओर से मांग खारिज होने के बाद अमृतपाल ने दोबारा हाईकोर्ट की शरण ली है। सोमवार को मामले की सुनवाई आरंभ होते ही पंजाब सरकार ने अमृतपाल सिंह की मांग का विरोध किया। पंजाब सरकार ने कहा कि यदि उसे बाहर आने दिया तो उसकी एक स्पीच भी कानून व्यवस्था के लिए भयंकर खतरा पैदा कर सकती है। पंजाब सरकार ने कहा कि अमृतपाल को संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति न देने का निर्णय पूरी तरह से परिस्थितियों की समीक्षा के बाद लिया गया है।
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कोर्ट ने कहा वीसी के जरिये अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती
सुनवाई के दौरान अमृतपाल की ओर से दलील दी गई कि वह अपने संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपने संसदीय क्षेत्र के लाखों लोगों की आवाज उठाना उनका दायित्व है। यदि उन्हें भौतिक रूप से संसदीय सत्र में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती तो उन्हें वीसी के जरिये इसकी अनुमति दी जाए। केंद्र सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह संभव नहीं है। कोर्ट ने कहा कि आज के समय में हर संस्था में वीसी के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं मौजूद हैं तो आखिर क्यों इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। यदि इस प्रकार से वीसी के जरिये सांसदों को संसदीय सत्र में शामिल होने की अनुमति दी गई तो कोई संसद आएगा ही नहीं। उन्होंने कहा कि संसद की प्रक्रिया में बहुत से पहलु होते हैं जिन्हें वर्तमान व्यवस्था के तहत वीसी के जरिये नहीं पूरा किया जा सकता। कोर्ट ने अब पंजाब सरकार को वह सामग्री अगली सुनवाई पर उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है जिसके आधार पर अमृतपाल को संसदीय सत्र में शामिल होने की अनुमति देने से इन्कार किया गया था।

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