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कबड्डी खिलाड़ी हत्याकांड: विदेश में रची गई साजिश...जिसे मारना था वह बच गया, गुरविंदर हत्या मामले की पूरी कहानी

संवाद न्यूज एजेंसी, खन्ना (पंजाब) Published by: अंकेश ठाकुर Updated Tue, 11 Nov 2025 10:41 PM IST
सार

तीन नवंबर की रात को समराला के गांव मानकी  कबड्डी खिलाड़ी गुरविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में खन्ना पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर इस हत्याकांड की गुत्थी को सुलझा लिया है।

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विस्तार
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लुधियाना के समराला में कबड्डी खिलाड़ी गुरविंदर सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने पूरी गुत्थी सुलझा ली है। तरनतारन में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूरे घटनाक्रम को लेकर एसएसपी डॉ. ज्योति यादव बैंस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई अहम खुलासे किए। एसएसपी बैंस ने बताया कि यह मामला पुरानी रंजिश से जुड़ा है। पुलिस ने चार मुख्य आरोपियों समेत एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने आरोपियों को पनाह दी थी और भागने में मदद दी थी। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने वारदात के बाद आरोपियों को तरनतारन में छिपाने की व्यवस्था की थी।

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एसएसपी बैंस के मुताबिक, वारदात के बाद आरोपी विदेश में बैठे गैंगस्टर जतिंदर टिड्डी के संपर्क में थे। टिड्डी ने उन्हें अपने साथी दविंदर सिंह के घर तरनतारन में जाकर छिपने की सलाह दी थी। सभी आरोपी लगातार फोन पर संपर्क में थे और देश छोड़ने की तैयारी कर रहे थे। इसके पीछे बठिंडा जेल में बंद गैंगस्टर रवि राजगढ़ का भी हाथ है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर जो अनमोल बिश्नोई के नाम से फर्जी पोस्ट वायरल की गई थी, वह भी एक साजिश का हिस्सा थी। जांच में पाया गया कि यह पोस्ट सुखदीप सिंह सीपा निवासी गांव मलणा, जिला मुक्तसर साहिब ने विदेश में बैठकर की थी। उसने सिर्फ लोकप्रियता पाने के लिए खुद को इस केस से जोड़ने की कोशिश की। उसे भी अब इस केस में नामजद कर लिया गया है। 
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रंजिश की जड़: रक्तदान कैंप की मारपीट
एसएसपी ने बताया कि यह रंजिश रक्तदान कैंप में हुई मारपीट की घटना से शुरू हुई थी। कुछ दिन पहले समराला में आयोजित कैंप के दौरान धर्मवीर उर्फ धर्मा और उसके साथी, जोकि बाबू समराला (एंटी ग्रुप) से जुड़े हैं, ने करण मादपुर के पिता के साथ झगड़ा किया था। उसी का बदला लेने के लिए करण मादपुर ने 3 नवंबर की रात को धर्मवीर धर्मा को निशाना बनाते हुए फायरिंग की। लेकिन गोली कबड्डी खिलाड़ी गुरविंदर सिंह को लग गई, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई। गुरविंदर उस समय सिर्फ अपने दोस्तों के साथ वहां मौजूद था और उसका किसी विवाद से कोई लेना-देना नहीं था। वारदात से एक दिन पहले संदीप सिंह नामक व्यक्ति भी आरोपियों के साथ रेकी करने गया था। सभी आरोपियों ने मिलकर हमले की पूरी योजना बनाई थी। 

3 नवंबर की रात- वारदात और जांच की शुरुआत
3 नवंबर की रात को मानकी गांव में फायरिंग की घटना के बाद पुलिस ने तुरंत हत्या का केस दर्ज किया। टीमों का गठन कर खन्ना पुलिस ने सीआईए स्टाफ और समराला थाना पुलिस की मदद से जांच शुरू की। पुलिस को जल्द ही सुराग मिला कि आरोपी तरनतारन जिले में छिपे हुए हैं। इसके बाद पुलिस टीमों ने लगातार रेड की और कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए पकड़ा। कई दिनों की मशक्कत के बाद आखिरकार पुलिस आरोपियों तक पहुंची। 

हथियार बरामदगी के समय पुलिस के साथ मुठभेड़
खन्ना पुलिस ने तरनतारन से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें दो मुख्य आरोपी गुरतेज सिंह उर्फ तेजी और हरकरण सिंह उर्फ करण (मादपुर) शामिल हैं। पुलिस ने दोनों को मर्डर में इस्तेमाल हथियारों की बरामदगी के लिए दोराहा के पास कुब्बे गांव में एक पुरानी बिल्डिंग में ले जाया। रिकवरी के दौरान अचानक करण मादपुर ने चालाकी से पिस्तौल उठाकर पुलिस पर गोली चला दी। गोली सीआईए इंचार्ज नरपिंदरपाल सिंह की जांघ में लगी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें करण मादपुर के घुटने में गोली लगी और वह घायल हो गया। दूसरा आरोपी गुरतेज सिंह पहली मंजिल से कूदकर भागने की कोशिश में गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके से एक पिस्तौल और कई जिंदा कारतूस बरामद किए गए। 

क्या कहती है पुलिस 
एसएसपी डॉ. ज्योति यादव बैंस ने बताया कि यह हत्या पूरी तरह रंजिश का नतीजा है, जिसमें निर्दोष गुरविंदर सिंह की जान चली गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस ने सभी मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिए हैं और अब बाकी साजिशकर्ताओं की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस अब भी कुछ फरार लोगों की तलाश में है, जिनकी पहचान हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि गुरविंदर सिंह को न्याय मिले। अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जो लोग गैंगस्टरों के संपर्क में रहकर ऐसे अपराध करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

आरोपियों का क्रिमिनल रिकॉर्ड 
मामले में गिरफ्तार संदीप सिंह निवासी दयालपुर के खिलाफ 15 केस दर्ज हैं। हरकरण सिंह करण मादपुर के खिलाफ 5 केस दर्ज हैं। गुरतेज सिंह तेजी निवासी चक सराय के खिलाफ 5 केस दर्ज हैं। राजवीर सिंह लाली निवासी मादपुर के खिलाफ एक केस है। जसप्रीत सिंह जस्सू व दविंदर सिंह तरनतारन के खिलाफ कोई केस नहीं है। राजवीर सिंह रवि राजगढ़ के खिलाफ 17 केस दर्ज हैं। सुखदीप सिंह सीपा के खिलाफ 2 केस हैं। जतिंदर कुमार टिड्डी के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं।

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