मोहाली। नगर निगम के साल 2022-23 के बजट पर निकाय विभाग ने अपनी कैंची चला दी है। निगम द्वारा पास किए गए 161 करोड़ के बजट में से निकाय विभाग ने 25 करोड़ की कटौती की है। अब नगर निगम को 136 करोड़ में विकास कार्य करवाने होंगे। हालांकि निगम अब अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है। अधिकारियों की मानें तो कटौती से शहर के विकास पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद निगम ने बजट तैयार करते समय कई सावधानियां बरती थीं। केवल जनता से सीधे जुड़े प्रोजेक्ट पर फोकस किया गया था। इतना ही नहीं हाउस की मीटिंग में बजट सर्वसम्मति से पास हुआ था। उस समय यह माना जा रहा था कि बजट को निकाय विभाग से कोई अड़चन नहीं आएगी। साथ ही जो प्रोजेक्ट शहर में चल रहे हैं वह बिना किसी अड़चन पूरे होंगे। हालांकि, निगम के पास पैसे की कमी नहीं है। क्योंकि निगम को गमाडा और बिजली विभाग आमदन होती है। दूसरी तरफ बजट में कोई ऐसा प्रोजेक्ट शामिल नहीं किया गया है जिस पर बहुत खर्च आएगा।
ऐसे बढ़ाएगा निगम अपना बजट
निगम 25 करोड़ की कटौती को पूरा करने के लिए अब प्रॉपर्टी टैक्स, बिल्डिंग एप्लीकेशन, विज्ञापन, लाइसेंस व तहबाजारी पर ज्यादा ध्यान देगा। क्योंकि इनसे ही सबसे अधिक आमदनी निगम को होनी है। दो साल कोरोना की वजह से काफी नुकसान भी हुआ है। लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है। ऐसे में नगर निगम पूूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है। साल 2021-22 में निगम का प्रॉपर्टी टैक्स इकट्ठा करने का लक्ष्य 28 करोड़ रुपये था, लेकिन यह छह करोड़ रुपये कम हो गया। इसी तरह विज्ञापनों में अनुमानित 11 करोड़ रुपये के मुकाबले 8.72 करोड़ रुपये आए। सबसे बड़ा झटका बिल्डिंग एप्लीकेशन फीस से लगा, जहां आय 70 लाख रुपये आंकी गई थी, लेकिन केवल 35 हजार रुपये कमाए। कम्युनिटी हाल से अनुमानित 60 लाख रुपये के मुकाबले 36 लाख रुपये की कमाई हुई।
गत वर्ष से इस बार बजट मिला ज्यादा
नगर निगम द्वारा जब प्रस्तावित बजट तैयार कर निकाय विभाग को भेजा जाता है तो उसमें कटौती जरूर होती है। अगर गत तीन से चार सालों के बजट को देखा जाए तो इससे यह साफ हो जाती है। गत वर्ष साल 2021-22 के लिए भी विभाग ने निगम के बजट में 31 करोड़ की कटौती की थी। प्रस्तावित 148 करोड़ का था, लेकिन 117 करोड़ रुपये को ही मंजूरी दी गई थी। हालांकि आखिर तक कोई विकास कार्य प्रभावित नहीं हुए। चुनावी साल होने के चलते सरकार ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। कई मदों में शहर को पैसा मिला था।
क्या कहते हैं अधिकारी
निकाय विभाग द्वारा बजट में कटौती करना कोई नई बात नहीं है। नगर निगम द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्य में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आएगी। जल्द ही इस मामले को लेकर निकाय विभाग के मंत्री व अधिकारियों से मिलेंगे।
कुलजीत सिंह बेदी, डिप्टी मेयर नगर निगम।
मोहाली। नगर निगम के साल 2022-23 के बजट पर निकाय विभाग ने अपनी कैंची चला दी है। निगम द्वारा पास किए गए 161 करोड़ के बजट में से निकाय विभाग ने 25 करोड़ की कटौती की है। अब नगर निगम को 136 करोड़ में विकास कार्य करवाने होंगे। हालांकि निगम अब अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है। अधिकारियों की मानें तो कटौती से शहर के विकास पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद निगम ने बजट तैयार करते समय कई सावधानियां बरती थीं। केवल जनता से सीधे जुड़े प्रोजेक्ट पर फोकस किया गया था। इतना ही नहीं हाउस की मीटिंग में बजट सर्वसम्मति से पास हुआ था। उस समय यह माना जा रहा था कि बजट को निकाय विभाग से कोई अड़चन नहीं आएगी। साथ ही जो प्रोजेक्ट शहर में चल रहे हैं वह बिना किसी अड़चन पूरे होंगे। हालांकि, निगम के पास पैसे की कमी नहीं है। क्योंकि निगम को गमाडा और बिजली विभाग आमदन होती है। दूसरी तरफ बजट में कोई ऐसा प्रोजेक्ट शामिल नहीं किया गया है जिस पर बहुत खर्च आएगा।
ऐसे बढ़ाएगा निगम अपना बजट
निगम 25 करोड़ की कटौती को पूरा करने के लिए अब प्रॉपर्टी टैक्स, बिल्डिंग एप्लीकेशन, विज्ञापन, लाइसेंस व तहबाजारी पर ज्यादा ध्यान देगा। क्योंकि इनसे ही सबसे अधिक आमदनी निगम को होनी है। दो साल कोरोना की वजह से काफी नुकसान भी हुआ है। लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है। ऐसे में नगर निगम पूूरी रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है। साल 2021-22 में निगम का प्रॉपर्टी टैक्स इकट्ठा करने का लक्ष्य 28 करोड़ रुपये था, लेकिन यह छह करोड़ रुपये कम हो गया। इसी तरह विज्ञापनों में अनुमानित 11 करोड़ रुपये के मुकाबले 8.72 करोड़ रुपये आए। सबसे बड़ा झटका बिल्डिंग एप्लीकेशन फीस से लगा, जहां आय 70 लाख रुपये आंकी गई थी, लेकिन केवल 35 हजार रुपये कमाए। कम्युनिटी हाल से अनुमानित 60 लाख रुपये के मुकाबले 36 लाख रुपये की कमाई हुई।
गत वर्ष से इस बार बजट मिला ज्यादा
नगर निगम द्वारा जब प्रस्तावित बजट तैयार कर निकाय विभाग को भेजा जाता है तो उसमें कटौती जरूर होती है। अगर गत तीन से चार सालों के बजट को देखा जाए तो इससे यह साफ हो जाती है। गत वर्ष साल 2021-22 के लिए भी विभाग ने निगम के बजट में 31 करोड़ की कटौती की थी। प्रस्तावित 148 करोड़ का था, लेकिन 117 करोड़ रुपये को ही मंजूरी दी गई थी। हालांकि आखिर तक कोई विकास कार्य प्रभावित नहीं हुए। चुनावी साल होने के चलते सरकार ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। कई मदों में शहर को पैसा मिला था।
क्या कहते हैं अधिकारी
निकाय विभाग द्वारा बजट में कटौती करना कोई नई बात नहीं है। नगर निगम द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्य में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आएगी। जल्द ही इस मामले को लेकर निकाय विभाग के मंत्री व अधिकारियों से मिलेंगे।
कुलजीत सिंह बेदी, डिप्टी मेयर नगर निगम।