जीरकपुर। जीबीपी ग्रुप के मालिक अभी तक सामने नहीं आए हैं जबकि उनके खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। एसएसपी ने बताया कि करीब 15 लोगों की शिकायत के बाद सतीश गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अभी तक 25 से 30 लाख की धोखाधड़ी की बात आई है। हालांकि शिकायतकर्ताओं में इजाफे के साथ इसमें बढ़ोतरी हो सकती है। एसपी (देहात) रवजोत कौर ग्रेवाल के नेतृत्व में टीम जांच में जुटी है।
जीबीपी ग्रुप के जीरकपुर, डेराबस्सी व खरड़ में दर्जनों हाउसिंग व कामर्शियल प्रोजेक्ट चल रहे हैं। हजारों निवेशकों ने करोड़ों रुपये फ्लैट, शोरूम और प्लाटों में निवेश किए हैं। इस ग्रुप के बिल्डर सतीश गुप्ता, रमन गुप्ता, प्रदीप गुप्ता व अनुपम गुप्ता कई दिन से गायब हैं।
सिंघपुरा चौक के नजदीक सैंटरम नाम से कामर्शियल प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है, जहां सैकड़ों शोरूम हैं। इसके अलावा 200 फुटी एरो सिटी रोड पर एथेंस नामक प्रोजेक्ट में लग्जरी फ्लैट बनाए जा रहे हैं। गांव दयालपुरा में एक रिहायशी कॉलोनी काटी गई है। डेराबस्सी और खरड़ में भी कई रिहायशी कॉलोनियां हैं, जो पूरी तरह बस चुकी हैं।
गारंटी रिटर्न के चक्कर में लुटे निवेशक
बिल्डर ने लोगों को लुभाने के लिए योजना बनाई थी, जिसमें जमा कराई गई एकमुश्त रकम पर पजेशन के समय तक निवेशक को हर महीने एक फीसदी ब्याज दिया जाना था। इसी लालच में भारी संख्या में लोग इनके जाल में फंसते चले गए।
जीरकपुर। जीबीपी ग्रुप के मालिक अभी तक सामने नहीं आए हैं जबकि उनके खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। एसएसपी ने बताया कि करीब 15 लोगों की शिकायत के बाद सतीश गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अभी तक 25 से 30 लाख की धोखाधड़ी की बात आई है। हालांकि शिकायतकर्ताओं में इजाफे के साथ इसमें बढ़ोतरी हो सकती है। एसपी (देहात) रवजोत कौर ग्रेवाल के नेतृत्व में टीम जांच में जुटी है।
जीबीपी ग्रुप के जीरकपुर, डेराबस्सी व खरड़ में दर्जनों हाउसिंग व कामर्शियल प्रोजेक्ट चल रहे हैं। हजारों निवेशकों ने करोड़ों रुपये फ्लैट, शोरूम और प्लाटों में निवेश किए हैं। इस ग्रुप के बिल्डर सतीश गुप्ता, रमन गुप्ता, प्रदीप गुप्ता व अनुपम गुप्ता कई दिन से गायब हैं।
सिंघपुरा चौक के नजदीक सैंटरम नाम से कामर्शियल प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है, जहां सैकड़ों शोरूम हैं। इसके अलावा 200 फुटी एरो सिटी रोड पर एथेंस नामक प्रोजेक्ट में लग्जरी फ्लैट बनाए जा रहे हैं। गांव दयालपुरा में एक रिहायशी कॉलोनी काटी गई है। डेराबस्सी और खरड़ में भी कई रिहायशी कॉलोनियां हैं, जो पूरी तरह बस चुकी हैं।
गारंटी रिटर्न के चक्कर में लुटे निवेशक
बिल्डर ने लोगों को लुभाने के लिए योजना बनाई थी, जिसमें जमा कराई गई एकमुश्त रकम पर पजेशन के समय तक निवेशक को हर महीने एक फीसदी ब्याज दिया जाना था। इसी लालच में भारी संख्या में लोग इनके जाल में फंसते चले गए।