जीरकपुर। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशों पर जीरकपुर नगर काउंसिल आज चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर के दायरे में किए गए अवैध निर्माणों को पूरे दल-बल के साथ पहुंचकर गिराने की कार्रवाई करेगी। इस मामले में पहले अवैध निर्माण का सर्वे किया गया था, जिसमें करीब 398 निर्माण एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए खतरा माने गए थे। 2011 के बाद बने 81 गैरकानूनी कब्जों को तोड़ने के लिए नगर काउंसिल जीरकपुर ने पूरी तैयारी कर ली है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हवाई अड्डे के 100 मीटर के घेरे में अवैध बनाए सभी निर्माण गिराने के आदेश दिए थे। जीरकपुर के पभात क्षेत्र में हवाई अड्डे के ईद-गिर्द अवैध निर्माणों की भरमार है। इनकी पहचान करने के लिए हाईकोर्ट के आदेशों के बाद काउंसिल ने एक सर्वे कराया था। इसमें 400 के करीब अवैध इमारतों की निशानदेही हुई है। इनमें 40 गोदाम हैं, जबकि बाकी लोगों के घर हैं। जीरकपुर नगर काउंसिल ने इस कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस से 50 पुलिस कर्मचारियों की भी मांग की है, जिनमें महिला पुलिस कर्मचारी भी शामिल होंगी। इसके लिए जिन अवैध निर्माणों को गिराया जाना है वहां कांउसिल ने बाकायदा नंबर भी मार्क कर दिए हैं। जिसकी खबर आग की तरह इलाके में फैल गई और लोगों को आशियाना उजड़ने की चिंता भी सता रही है।
लोगों ने बताया कि वर्ष 2000 में नगर काउंसिल जीरकपुर के अस्तित्व में आने से पहले इस क्षेत्र में गोदाम बने हुए थे। यहां जमीन सस्ती होने के कारण धीरे-धीरे लोगों ने इस क्षेत्र में अपने सपनों के आशियानें भी बनाने शुरू कर दिए। 2005 के बाद तो यहां आबादी बसने का सिलसिला शुरू हो गया। ऊंची कीमत के लालच में यहां के किसानों ने अपनी जमीन प्लाटिंग कर बेचनी शरू कर दी। आज स्थिति है कि इस इलाके में आलीशान इमारतों की भरमार है। कई धार्मिक स्थल, शिक्षण संस्थानों की भरमार है। इससे लगी लघु इकाईयों की भरमार है। इनमें से कोई इलाका छोड़ने को तैयार नहीं।
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन के नौ सौ मीटर दायरे में हर प्रकार के काम पर प्रतिबंध लगाने के लिए वर्ष 2001 में अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद वर्ष 2003 में चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन को सी श्रेणी में रखा गया। इसी वर्ष रक्षा मंत्रालय ने दूसरी अधिसूचना जारी की, जिसमें नौ सौ मीटर को कम करके सौ मीटर कर दिया और वहां हर प्रकार के काम पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन इस पर प्रशासन की तरफ से प्रतिबंधित क्षेत्र को नोटिफाइड नहीं किया। जिसको लेकर रक्षा मंत्रालय ने जनवरी 2010 को नया नोटिफिकेशन फिर जारी किया। इसी को लेकर किसी ने जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की। जिस पर यह सुनवाई चल रही है और चंडीगढ़ हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानों के लिए तैयार केने की दिशा में हाईकोर्ट में भविष्य के संभावित खतरों पर विराम लगाने के लिए नगर काउंसिल जीरकपुर को 100 मीटर क्षेत्र में किए गए निर्माणों को हटाने के आदेश दिए हैं।
जीरकपुर। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के निर्देशों पर जीरकपुर नगर काउंसिल आज चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन के 100 मीटर के दायरे में किए गए अवैध निर्माणों को पूरे दल-बल के साथ पहुंचकर गिराने की कार्रवाई करेगी। इस मामले में पहले अवैध निर्माण का सर्वे किया गया था, जिसमें करीब 398 निर्माण एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए खतरा माने गए थे। 2011 के बाद बने 81 गैरकानूनी कब्जों को तोड़ने के लिए नगर काउंसिल जीरकपुर ने पूरी तैयारी कर ली है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हवाई अड्डे के 100 मीटर के घेरे में अवैध बनाए सभी निर्माण गिराने के आदेश दिए थे। जीरकपुर के पभात क्षेत्र में हवाई अड्डे के ईद-गिर्द अवैध निर्माणों की भरमार है। इनकी पहचान करने के लिए हाईकोर्ट के आदेशों के बाद काउंसिल ने एक सर्वे कराया था। इसमें 400 के करीब अवैध इमारतों की निशानदेही हुई है। इनमें 40 गोदाम हैं, जबकि बाकी लोगों के घर हैं। जीरकपुर नगर काउंसिल ने इस कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस से 50 पुलिस कर्मचारियों की भी मांग की है, जिनमें महिला पुलिस कर्मचारी भी शामिल होंगी। इसके लिए जिन अवैध निर्माणों को गिराया जाना है वहां कांउसिल ने बाकायदा नंबर भी मार्क कर दिए हैं। जिसकी खबर आग की तरह इलाके में फैल गई और लोगों को आशियाना उजड़ने की चिंता भी सता रही है।
लोगों ने बताया कि वर्ष 2000 में नगर काउंसिल जीरकपुर के अस्तित्व में आने से पहले इस क्षेत्र में गोदाम बने हुए थे। यहां जमीन सस्ती होने के कारण धीरे-धीरे लोगों ने इस क्षेत्र में अपने सपनों के आशियानें भी बनाने शुरू कर दिए। 2005 के बाद तो यहां आबादी बसने का सिलसिला शुरू हो गया। ऊंची कीमत के लालच में यहां के किसानों ने अपनी जमीन प्लाटिंग कर बेचनी शरू कर दी। आज स्थिति है कि इस इलाके में आलीशान इमारतों की भरमार है। कई धार्मिक स्थल, शिक्षण संस्थानों की भरमार है। इससे लगी लघु इकाईयों की भरमार है। इनमें से कोई इलाका छोड़ने को तैयार नहीं।
बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन के नौ सौ मीटर दायरे में हर प्रकार के काम पर प्रतिबंध लगाने के लिए वर्ष 2001 में अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद वर्ष 2003 में चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन को सी श्रेणी में रखा गया। इसी वर्ष रक्षा मंत्रालय ने दूसरी अधिसूचना जारी की, जिसमें नौ सौ मीटर को कम करके सौ मीटर कर दिया और वहां हर प्रकार के काम पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन इस पर प्रशासन की तरफ से प्रतिबंधित क्षेत्र को नोटिफाइड नहीं किया। जिसको लेकर रक्षा मंत्रालय ने जनवरी 2010 को नया नोटिफिकेशन फिर जारी किया। इसी को लेकर किसी ने जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर की। जिस पर यह सुनवाई चल रही है और चंडीगढ़ हवाई अड्डे को अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ानों के लिए तैयार केने की दिशा में हाईकोर्ट में भविष्य के संभावित खतरों पर विराम लगाने के लिए नगर काउंसिल जीरकपुर को 100 मीटर क्षेत्र में किए गए निर्माणों को हटाने के आदेश दिए हैं।