राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खालिस्तानी आतंकियों की ओर से कारोबारियों को धमकी देकर रंगदारी वसूलने के आरोप में सात आतंकियों पर एनआईए की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की है। इसमें पांच आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जबकि दो आरोपी इस समय फरार चल रहे हैं और वह कनाडा में रहे हैं। इस बात का जिक्र एनआईए ने चार्जशीट में किया है, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
आरोपियों में लवप्रीत सिंह उर्फ रवि निवासी जिला मोगा, राम सिंह उर्फ सोना निवासी जिला फिरोजपुर, कमलजीत शर्मा उर्फ कमल निवासी जिला मोगा, गगनदीप सिंह उर्फ गग्गू निवासी जिला मेरठ, वी. मोहम्मद आसिफ अली निवासी जिला मेरठ गिरफ्तार हो चुके हैं। जबकि अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श, रंजीत सिंह निवासी जिला मोगा और हरदीप सिंह निज्जर निवासी कनाडा में हैं। जबकि इस मामले के एक आरोपी पंकज ढींगरा की मौत हो चुकी है। उसे केस से बाहर कर दिया गया है। इन आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 17, 18, 188, 20, 21 और 23, लूटपाट, आर्म्स एक्ट समेत कई धाराओं के तहत चार्जशीट फाइल की गई है।
जानकारी के मुताबिक 22 मई, 2021 को पंजाब पुलिस को सूचना मिली थी कि अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श, चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू और रमनदीप सिंह इस समय विदेश में रहे हैं। उन्होंने एक गैंग बनाया है और उक्त गैंग के सदस्य पंजाब के कारोबारियों को फोन करके धमकियां देकर रंगदारी वसूलते हैं। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि कनाडा स्थित हरदीप सिंह निज्जर की ओर से यह रणनीति तैयार की गई थी। वह खुद को खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख बताता है और उसने अपने सहयोगी अर्शदीप सिंह अर्श को लोगों के अपहरण और जान से मारने का काम करके पंजाब में माहौल बिगाड़ने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि अर्शदीप सिंह ने पंजाब में रह रहे अपने ग्रुप के आतंकियों को हथियार मुहैया करवाने के निर्देश दिए थे और साथ ही किन लोगों को टारगेट करना है, इस संबंधी लक्ष्य भी दिया गया था और टारगेट पूरा करने के बाद पैसे और कनाडा का वीजा तक ऑफर किया गया था। इन सबकी कोशिश पंजाब का माहौल बिगाड़ना था। इस मामले में अभी एनआईए की ओर से जांच की जा रही है।
विस्तार
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खालिस्तानी आतंकियों की ओर से कारोबारियों को धमकी देकर रंगदारी वसूलने के आरोप में सात आतंकियों पर एनआईए की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर की है। इसमें पांच आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जबकि दो आरोपी इस समय फरार चल रहे हैं और वह कनाडा में रहे हैं। इस बात का जिक्र एनआईए ने चार्जशीट में किया है, जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
आरोपियों में लवप्रीत सिंह उर्फ रवि निवासी जिला मोगा, राम सिंह उर्फ सोना निवासी जिला फिरोजपुर, कमलजीत शर्मा उर्फ कमल निवासी जिला मोगा, गगनदीप सिंह उर्फ गग्गू निवासी जिला मेरठ, वी. मोहम्मद आसिफ अली निवासी जिला मेरठ गिरफ्तार हो चुके हैं। जबकि अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श, रंजीत सिंह निवासी जिला मोगा और हरदीप सिंह निज्जर निवासी कनाडा में हैं। जबकि इस मामले के एक आरोपी पंकज ढींगरा की मौत हो चुकी है। उसे केस से बाहर कर दिया गया है। इन आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 17, 18, 188, 20, 21 और 23, लूटपाट, आर्म्स एक्ट समेत कई धाराओं के तहत चार्जशीट फाइल की गई है।
जानकारी के मुताबिक 22 मई, 2021 को पंजाब पुलिस को सूचना मिली थी कि अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श, चरणजीत सिंह उर्फ रिंकू और रमनदीप सिंह इस समय विदेश में रहे हैं। उन्होंने एक गैंग बनाया है और उक्त गैंग के सदस्य पंजाब के कारोबारियों को फोन करके धमकियां देकर रंगदारी वसूलते हैं। एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि कनाडा स्थित हरदीप सिंह निज्जर की ओर से यह रणनीति तैयार की गई थी। वह खुद को खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख बताता है और उसने अपने सहयोगी अर्शदीप सिंह अर्श को लोगों के अपहरण और जान से मारने का काम करके पंजाब में माहौल बिगाड़ने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
एनआईए की जांच में यह भी सामने आया है कि अर्शदीप सिंह ने पंजाब में रह रहे अपने ग्रुप के आतंकियों को हथियार मुहैया करवाने के निर्देश दिए थे और साथ ही किन लोगों को टारगेट करना है, इस संबंधी लक्ष्य भी दिया गया था और टारगेट पूरा करने के बाद पैसे और कनाडा का वीजा तक ऑफर किया गया था। इन सबकी कोशिश पंजाब का माहौल बिगाड़ना था। इस मामले में अभी एनआईए की ओर से जांच की जा रही है।