पटियाला। पंजाब में गर्मी के तीखे तेवरों के चलते शनिवार को रिकार्ड तोड़ते हुए बिजली की मांग 10640 मेगावाट दर्ज की गई, जो इस सीजन की अब तक की सबसे अधिक डिमांड रही। खास बात यह रही कि इसके मुकाबले पावरकाम के पास बिजली की उपलब्धता केवल 3931 मेगावाट की रही। उधर, थर्मल प्लांटों में कोयले का संकट बना हुआ है। इसके चलते ही पावरकाम ने कोयला बचाने के लिए अपने लहरा मुहब्बत प्लांट की दो यूनिटें बंद कर रखी हैं। जबकि एक यूनिट तकनीकी खराबी के कारण बंद है। उधर, गोइंदवाल प्लांट की भी एक यूनिट कोयले की कमी के चलते बंद है। इससे 940 मेगावाट बिजली सप्लाई बंद पड़ी है।
माहिरों के मुताबिक बाहर से सस्ती बिजली मिलने के चलते फिलहाल बिजली की बढ़ी मांग को पूरा करने में दिक्कत नहीं हो रही है। लेकिन जून में पैडी सीजन के शुरू होते ही रोजाना तकरीबन 1000 मेगावाट बिजली की कमी होने की पूरी संभावना है। ऐसे में पंजाब के उपभोक्ता लंबे कटों के लिए तैयार रहें। रोपड़ थर्मल प्लांट में इस समय पांच दिन का, लहरा मुहब्बत में सात दिन का, तलवंडी साबो में छह, राजपुरा में सबसे अधिक 21 दिनों का और गोइंदवाल में सबसे कम करीब डेढ़ दिन का कोयला शेष है। उधर पैडी सीजन नजदीक है और ऐसे में थर्मलों में कोयले के स्टाक में लगातार दावों के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है। शनिवार को पंजाब में इस गर्मी के सीजन की अब तक की सबसे अधिक 10640 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई और इसके मुकाबले पावरकाम के पास उपलब्धता केवल 3931 मेगावाट बिजली की रही। जिसमें से रोपड़ की सभी चार और लहरा की केवल एक यूनिटों से पावरकाम को 794 मेगावाट बिजली मिली। जबकि राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल प्लांटों से 2752 मेगावाट बिजली पावरकाम को प्राप्त हुई। ऐसे में बिजली की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए पावरकाम ने बाहर से बिजली खरीदी। इन दिनों बाजार में केवल चार रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलने के कारण पावरकाम को खरीद में ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही है। इसके चलते पावरकाम फिलहाल बढ़ती मांग को पूरा कर पा रहा है। लेकिन पैडी सीजन में बिजली की बड़ी किल्लत के चलते मुश्किलें बढ़ने की आशंका है।
मरम्मत व संभाल पर करोड़ों खर्च कर बंद कर दिया बठिंडा प्लांट, उच्चस्तरीय जांच हो: इंजीनियर्स एसोसिएशन
पंजाब राज्य बिजली बोर्ड इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर अजयपाल सिंह अटवाल ने अमर उजाला से बताया कि बठिंडा थर्मल प्लांट और रोपड़ प्लांट की दो यूनिटों की मरम्मत व संभाल पर करोड़ों रुपये खर्च करके इन्हें अपग्रेड किया गया था। बावजूद इसके बठिंडा प्लांट और रोपड़ की दो यूनिटों को बंद कर दिया गया। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए कि किन परिस्थितियों में यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि अगर आज बठिंडा थर्मल प्लांट और रोपड़ की बंद की दो यूनिटें बिजली उत्पादन कर रही होतीं तो पंजाब में बिजली की किल्लत नहीं होनी थी। इनके बंद किए जाने से पंजाब में 880 मेगावाट बिजली सप्लाई बंद पड़ गई है।
पटियाला। पंजाब में गर्मी के तीखे तेवरों के चलते शनिवार को रिकार्ड तोड़ते हुए बिजली की मांग 10640 मेगावाट दर्ज की गई, जो इस सीजन की अब तक की सबसे अधिक डिमांड रही। खास बात यह रही कि इसके मुकाबले पावरकाम के पास बिजली की उपलब्धता केवल 3931 मेगावाट की रही। उधर, थर्मल प्लांटों में कोयले का संकट बना हुआ है। इसके चलते ही पावरकाम ने कोयला बचाने के लिए अपने लहरा मुहब्बत प्लांट की दो यूनिटें बंद कर रखी हैं। जबकि एक यूनिट तकनीकी खराबी के कारण बंद है। उधर, गोइंदवाल प्लांट की भी एक यूनिट कोयले की कमी के चलते बंद है। इससे 940 मेगावाट बिजली सप्लाई बंद पड़ी है।
माहिरों के मुताबिक बाहर से सस्ती बिजली मिलने के चलते फिलहाल बिजली की बढ़ी मांग को पूरा करने में दिक्कत नहीं हो रही है। लेकिन जून में पैडी सीजन के शुरू होते ही रोजाना तकरीबन 1000 मेगावाट बिजली की कमी होने की पूरी संभावना है। ऐसे में पंजाब के उपभोक्ता लंबे कटों के लिए तैयार रहें। रोपड़ थर्मल प्लांट में इस समय पांच दिन का, लहरा मुहब्बत में सात दिन का, तलवंडी साबो में छह, राजपुरा में सबसे अधिक 21 दिनों का और गोइंदवाल में सबसे कम करीब डेढ़ दिन का कोयला शेष है। उधर पैडी सीजन नजदीक है और ऐसे में थर्मलों में कोयले के स्टाक में लगातार दावों के बावजूद कोई सुधार नहीं हो रहा है। शनिवार को पंजाब में इस गर्मी के सीजन की अब तक की सबसे अधिक 10640 मेगावाट बिजली की मांग दर्ज की गई और इसके मुकाबले पावरकाम के पास उपलब्धता केवल 3931 मेगावाट बिजली की रही। जिसमें से रोपड़ की सभी चार और लहरा की केवल एक यूनिटों से पावरकाम को 794 मेगावाट बिजली मिली। जबकि राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल प्लांटों से 2752 मेगावाट बिजली पावरकाम को प्राप्त हुई। ऐसे में बिजली की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए पावरकाम ने बाहर से बिजली खरीदी। इन दिनों बाजार में केवल चार रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलने के कारण पावरकाम को खरीद में ज्यादा दिक्कत नहीं हो रही है। इसके चलते पावरकाम फिलहाल बढ़ती मांग को पूरा कर पा रहा है। लेकिन पैडी सीजन में बिजली की बड़ी किल्लत के चलते मुश्किलें बढ़ने की आशंका है।
मरम्मत व संभाल पर करोड़ों खर्च कर बंद कर दिया बठिंडा प्लांट, उच्चस्तरीय जांच हो: इंजीनियर्स एसोसिएशन
पंजाब राज्य बिजली बोर्ड इंजीनियर्स एसोसिएशन के महासचिव इंजीनियर अजयपाल सिंह अटवाल ने अमर उजाला से बताया कि बठिंडा थर्मल प्लांट और रोपड़ प्लांट की दो यूनिटों की मरम्मत व संभाल पर करोड़ों रुपये खर्च करके इन्हें अपग्रेड किया गया था। बावजूद इसके बठिंडा प्लांट और रोपड़ की दो यूनिटों को बंद कर दिया गया। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए कि किन परिस्थितियों में यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि अगर आज बठिंडा थर्मल प्लांट और रोपड़ की बंद की दो यूनिटें बिजली उत्पादन कर रही होतीं तो पंजाब में बिजली की किल्लत नहीं होनी थी। इनके बंद किए जाने से पंजाब में 880 मेगावाट बिजली सप्लाई बंद पड़ गई है।