पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी को सोमवार को झटका लगा। पार्टी के फिरोजपुर देहात से घोषित उम्मीदवार आशु बांगड़ ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। इस्तीफा देते हुए उन्होंने पार्टी पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए।
फिरोजपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आशु बांगड़ ने कहा कि दिल्ली से आए आब्जर्वर बदतमीजी से पेश आते हैं। उन पर काफी दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप वालंटियर की आवाज दबाई जा रही है। पार्टी के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा पर आरोप लगाते हुए बांगड़ ने कहा कि चड्ढा आप को एक कंपनी की तरह चला रहा है। दिल्ली के आप नेताओं की बोली ठीक नहीं है। आम आदमी पार्टी के राज अगली बैठक में खोलूंगा। अब मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में बांगड़ ने कहा कि अभी मैं किसी पार्टी में नहीं जा रहा हूं। मैंने अपने समर्थकों के साथ एक बैठक रखी है, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। बांगड़ ने कहा कि मैंने पैसे देकर टिकट नहीं ली है, उन पर लगे आरोप बुनियाद हैं।
केजरीवाल पर लगाया आरोप-आपको पंजाबियों पर भरोसा नहीं
आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के नाम पत्र में बांगड़ ने लिखा है कि ईमानदार पार्टी और एक व्यक्ति के हाथ में हुकूमत न होकर वालंटियरों को निर्णय लेने की आजादी होगी, ये सोचकर आप में शामिल हुआ था, जो गलत साबित हुआ है।
बांगड़ ने कहा जैसे-जैसे पार्टी की गतिविधियों में सरगर्म होता रहा वैसे-वैसे पता लगने लगा कि आप भी अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरह ही है। जिस कारण उनकी उम्मीदें, आशाएं एक-एक करके टूटने लगी। बांगड़ ने पत्र में केजरीवाल को लिखा है कि आपको पंजाबियों पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। पिछली बार की तरह इस बार भी पंजाब लीडरशिप पर राघव चड्ढा जैसा गंदा नेता थोप दिया है। आम आदमी पार्टी का किसान विरोधी चेहरा भी सामने आ गया है, जब राघव चढ्डा ने एक बयान में कहा कि सभी किसान भाजपा संग मिले हुए हैं। ऐसा कह कर पंजाबियों के मुंह पर थप्पड़ मारा है।
आप को बताया सरमाएदारों की पार्टी
आप ने किसान जत्थेबंदियों में फूट डालकर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए उकसाया और बलवीर सिंह राजेवाल को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने का सपना दिखाकर उन्हें ठेंगा दिखा दिया। आप पहले भी पंजाब में सुच्चा सिंह छोटेपुर, धर्मवीर गांधी, हरिंदर सिंह खालसा, सुखपाल खैरा और कंवर संधू समेत दर्जन नेताओं की बलि चढ़ा चुकी है। इस गंदी राजनीति का अगला शिकार राजेवाल और भगवंत मान बन सकते हैं। अब ये पार्टी आम आदमी पार्टी नहीं बल्कि सरमाएदारों की पार्टी है। सियासी जानकारों के मुताबिक आशु बांगड़ का चुनाव प्रचार भी ठीक चल रहा था। लोगों का समर्थन भी मिल रहा था। एक दम आशु के इस्तीफा देने से फिरोजपुर की राजनीति गरमा गई है।
विस्तार
पंजाब विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी आम आदमी पार्टी को सोमवार को झटका लगा। पार्टी के फिरोजपुर देहात से घोषित उम्मीदवार आशु बांगड़ ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। इस्तीफा देते हुए उन्होंने पार्टी पर कई सनसनीखेज आरोप लगाए।
फिरोजपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आशु बांगड़ ने कहा कि दिल्ली से आए आब्जर्वर बदतमीजी से पेश आते हैं। उन पर काफी दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आप वालंटियर की आवाज दबाई जा रही है। पार्टी के पंजाब सह प्रभारी राघव चड्ढा पर आरोप लगाते हुए बांगड़ ने कहा कि चड्ढा आप को एक कंपनी की तरह चला रहा है। दिल्ली के आप नेताओं की बोली ठीक नहीं है। आम आदमी पार्टी के राज अगली बैठक में खोलूंगा। अब मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में बांगड़ ने कहा कि अभी मैं किसी पार्टी में नहीं जा रहा हूं। मैंने अपने समर्थकों के साथ एक बैठक रखी है, उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। बांगड़ ने कहा कि मैंने पैसे देकर टिकट नहीं ली है, उन पर लगे आरोप बुनियाद हैं।
केजरीवाल पर लगाया आरोप-आपको पंजाबियों पर भरोसा नहीं
आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के नाम पत्र में बांगड़ ने लिखा है कि ईमानदार पार्टी और एक व्यक्ति के हाथ में हुकूमत न होकर वालंटियरों को निर्णय लेने की आजादी होगी, ये सोचकर आप में शामिल हुआ था, जो गलत साबित हुआ है।
बांगड़ ने कहा जैसे-जैसे पार्टी की गतिविधियों में सरगर्म होता रहा वैसे-वैसे पता लगने लगा कि आप भी अन्य राजनीतिक पार्टियों की तरह ही है। जिस कारण उनकी उम्मीदें, आशाएं एक-एक करके टूटने लगी। बांगड़ ने पत्र में केजरीवाल को लिखा है कि आपको पंजाबियों पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। पिछली बार की तरह इस बार भी पंजाब लीडरशिप पर राघव चड्ढा जैसा गंदा नेता थोप दिया है। आम आदमी पार्टी का किसान विरोधी चेहरा भी सामने आ गया है, जब राघव चढ्डा ने एक बयान में कहा कि सभी किसान भाजपा संग मिले हुए हैं। ऐसा कह कर पंजाबियों के मुंह पर थप्पड़ मारा है।
आप को बताया सरमाएदारों की पार्टी
आप ने किसान जत्थेबंदियों में फूट डालकर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए उकसाया और बलवीर सिंह राजेवाल को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने का सपना दिखाकर उन्हें ठेंगा दिखा दिया। आप पहले भी पंजाब में सुच्चा सिंह छोटेपुर, धर्मवीर गांधी, हरिंदर सिंह खालसा, सुखपाल खैरा और कंवर संधू समेत दर्जन नेताओं की बलि चढ़ा चुकी है। इस गंदी राजनीति का अगला शिकार राजेवाल और भगवंत मान बन सकते हैं। अब ये पार्टी आम आदमी पार्टी नहीं बल्कि सरमाएदारों की पार्टी है। सियासी जानकारों के मुताबिक आशु बांगड़ का चुनाव प्रचार भी ठीक चल रहा था। लोगों का समर्थन भी मिल रहा था। एक दम आशु के इस्तीफा देने से फिरोजपुर की राजनीति गरमा गई है।