काशी की ज्ञानवापी मस्जिद से शुरू हुआ मंदिर-मस्जिद विवाद अब राजस्थान पहुंच गया है। अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया है। इसे लेकर दिल्ली की एक संस्था ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा। जिसमें पुरातत्व विभाग से दरगाह का सर्वे करवाने की मांग की गई है।
सीएम गहलोत को लिखे गए पत्र की जानकारी सामने आने के बाद दरगाह को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इसे लेकर गुरुवार को एडीएम सिटी भावना गर्ग ने दरगाह का दौरा किया। बताया जा रहा है कि दरगाह के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।
महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लिखा पत्र
दिल्ली के रहने वाले राजवर्धन सिंह परमार महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। परमान ने ही सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा, अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहले हिंदू मंदिर था, इसलिए इसका पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण करवाया जाए।
इस दौरान वहां मंदिर होने के पुख्ता सबूत सामने आएंगे। परमार ने सीएम को लिखे पत्र में दावा किया कि दरगाह के अंदर कई जगहों पर हिंदू धार्मिक चिंह भी हैं। जिसमें स्वास्तिक के निशान प्रमुख हैं। परमार ने सीएम को लिखे पत्र की कॉपी राष्ट्रपति, राजस्थान के राज्यपाल सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों को भी भेजी है।
दरगाह का इतिहास 900 साल पुराना
हाल ही में ख्वाजा गरीब नवाज का 810वां उर्स मनाया गया है। दरगाह के जानकारों का कहना है कि इसका इतिहास 900 साल पुराना है। इससे पहले दरगाह के मंदिर होने का कोई भी दावा नहीं किया गया है। सीएम के पत्र लिखने के बाद इसे लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
विस्तार
काशी की ज्ञानवापी मस्जिद से शुरू हुआ मंदिर-मस्जिद विवाद अब राजस्थान पहुंच गया है। अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को हिंदू मंदिर होने का दावा किया गया है। इसे लेकर दिल्ली की एक संस्था ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा। जिसमें पुरातत्व विभाग से दरगाह का सर्वे करवाने की मांग की गई है।
सीएम गहलोत को लिखे गए पत्र की जानकारी सामने आने के बाद दरगाह को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इसे लेकर गुरुवार को एडीएम सिटी भावना गर्ग ने दरगाह का दौरा किया। बताया जा रहा है कि दरगाह के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।
महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लिखा पत्र
दिल्ली के रहने वाले राजवर्धन सिंह परमार महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। परमान ने ही सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा, अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहले हिंदू मंदिर था, इसलिए इसका पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण करवाया जाए।
इस दौरान वहां मंदिर होने के पुख्ता सबूत सामने आएंगे। परमार ने सीएम को लिखे पत्र में दावा किया कि दरगाह के अंदर कई जगहों पर हिंदू धार्मिक चिंह भी हैं। जिसमें स्वास्तिक के निशान प्रमुख हैं। परमार ने सीएम को लिखे पत्र की कॉपी राष्ट्रपति, राजस्थान के राज्यपाल सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों को भी भेजी है।
दरगाह का इतिहास 900 साल पुराना
हाल ही में ख्वाजा गरीब नवाज का 810वां उर्स मनाया गया है। दरगाह के जानकारों का कहना है कि इसका इतिहास 900 साल पुराना है। इससे पहले दरगाह के मंदिर होने का कोई भी दावा नहीं किया गया है। सीएम के पत्र लिखने के बाद इसे लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है।