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Rajasthan: अलवर नगर परिषद में उठापटक जारी; सभापति कार्यालय में ताला, निलंबित सभापति बीना गुप्ता धरने पर बैठीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, अलवर
Published by: अर्पित याज्ञनिक
Updated Tue, 01 Aug 2023 05:37 PM IST
सार
कार्यालय के बाहर धरने पर बैठीं बीना गुप्ता का कहना है कि मैं इसी तरह रोज आऊंगी। देखते हैं कब तक यह ताला नहीं खुलता है।
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निलंबित सभापति बीना गुप्ता धरने पर बैठीं।
- फोटो : Amar Ujala Digital
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विस्तार
सबसे बड़ी बात यह है कि दो दिन से यह नगर परिषद अखाड़ा बन गई है। बीना गुप्ता के कारण न तो वर्तमान में कार्यवाहक सभापति के रूप में काम कर रहे घनश्याम गुर्जर नगर परिषद आ रहे हैं और न ही नगर परिषद के आयुक्त नगर परिषद आ रहे हैं। सभापति कार्यालय को ताला लगा दिया गया है। अस्थाई तौर पर पुलिस तैनात कर दी गई है। इधर, बीना गुप्ता का कहना है कि मैं इसी तरह रोज आऊंगी। देखते हैं कब तक यह ताला नहीं खुलता है।
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निलंबित सभापति बीना गुप्ता आज दूसरे दिन भी हाईकोर्ट के 26 मई को दिए आदेशों को लेकर नगर परिषद कार्यालय पहुंचीं। वह सभापति कार्यालय के बाहर कुर्सी पर बैठी रहीं। नगर परिषद पहुंची निलंबित सभापति बीना गुप्ता ने कहा कि उन्हें एसीबी की ओर से रिश्वत प्रकरण में ट्रैप करने और पूर्व आयुक्त एवं अधिशासी अभियंता कुमार संभव अवस्थी से जुड़े दोनों ही मामले में निलंबन के डीएलबी ने आदेश जारी किए थे, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में बीना गुप्ता को पार्षद व सभापति पद से बर्खास्त करने का आदेश खारिज किया है। वह पूर्व एक्सईएन कुमार संभव अवस्थी से मारपीट का मामला है। उसमें निलंबन भी खारिज हो गया। एसीबी की ओर से दायर भ्रष्टाचार के मामले में हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी को गलत माना है।
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निलंबित सभापति बीना गुप्ता ने बताया की वह कल कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर नगर पहुंची थी और सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक सभापति कक्ष के बाहर बैठी रहीं लेकिन नगर परिषद आयुक्त और कोई कर्मचारी नगर परिषद में नहीं मिला उसके बाद वह मिनी सचिवालय पहुंची और जिला कलेक्टर से मिली थी। उन्होंने बताया कि सरकार ने दोनों मामलों में बर्खास्त किए थे और हाईकोर्ट के आदेश के बाद दोनों मामले क्रैश हो गए और वर्दी कर दिया और इस संबंध में न्यायिक जांच भी पूरी हो चुकी है, जिसको 70 दिन हो चुके हैं। मुझे ना तो बर्खास्तगी या निलंबन का कोई नोटिस दिया गया।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट से डीएलबी बड़ी नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि आप आगामी क्या कार्रवाई करेंगे तो उन्होंने कहा कि अगर सरकार नहीं मानी तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और देखते हैं कब तक यह ताला नहीं खोलते। मैं रोज इसी तरह आऊंगी। उन्होंने कहा कि नगर परिषद आयुक्त को कार्यालय आना चाहिए और मुझे सभापति का चार्ज सौंपा जाए या फिर मुझे लिखकर दें कि इसमें यह कमी है जिससे हम आपको सभापति का चार्ज नहीं दे सकते। उन्होंने अपने आप को सभापति बताया।आज दूसरे दिन भी वह नगर परिषद पहुंची और सभापति कक्ष के बाहर कुर्सी पर बैठ गई।