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अंता चुनाव परिणाम: नतीजों ने बदली राजनीति की तस्वीर, कांग्रेस को मिली बड़ी जीत; तीसरे नंबर पर फिसलती बची भाजपा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: प्रिया वर्मा Updated Fri, 14 Nov 2025 02:04 PM IST
सार

अंता उपचुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा प्रत्याशी की करारी हार के बाद ये तस्वीर बहुत कुछ कहती है। भाजपा को सरकार में होकर भी जीत नहीं मिली और तस्वीर बदल गई।
 

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Anta election results: Political earthquake, Congress wins big, BJP narrowly escapes third place
चुनाव परिणामों ने बदली तस्वीर - फोटो : अमर उजाला
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अंता के नतीजों ने सियासत की उस तस्वीर को बदल दिया है जिसमें बीजेपी प्रत्याशी मोरपाल सुमन के प्रचार में सीएम भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे एक साथ चुनावी रथ पर नजर आ रहे थे क्योंकि अंता का गढ़ आखिरकार कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने जीत लिया।

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इन परिणामों में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात रही निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और भाजपा की जीत का अंतर, इसने भाजपा को लगभग तीसरे नंबर पर ही धकेल दिया था। बीजेपी के हाथ से न सिर्फ अंता सीट छिन गई बल्कि सत्ता और संगठन की पूरी ताकत झोंकने के बावजूद बीजेपी प्रत्याशी मोरपाल सुमन 15 राउंड तक तीसरे नंबर पर रहे। 
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विजयी प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया ने अंता से तीसरा चुनाव जीता है, इससे पहले वे 2008 और 2018 में भी अंता से विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। बीजेपी ने अंता सीट जीतने के लिए सीएम भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ सहित अपनी पूरी टीम को मैदान में उतार दिया था। सीएम भजनलाल शर्मा ने यहां दो बार रोड शो भी किए थे लेकिन इसके बावजूद बीजेपी के प्रदर्शन ने यहां उसके समर्थकों निराश किया।

प्रमोद जैन भाया ने पोस्टल बैलेट राउंट से ही अपनी बढ़त यहां बरकरार रखी थी। इसके बाद ईवीएम की गणना में शुरुआती दो राउंड को छोड़कर वे शेष सभी राउंड्स में लगभग बढ़त बनाए रहे।

ये भी पढ़ें: Anta Upchunav Result Live: अंता उपचुनाव में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया जीते, नरेश मीणा तीसरे नंबर पर

अंता में जीत-हार से विधानसभा में सियासी समीकरणों पर भले कोई अंतर नहीं आ रहा है लेकिन इसके सियासी असर बहुत गहरे होंगे। विधानसभावार आंकड़े देखें तो मौजूदा समय में राजस्थान विधानसभा में 199 विधायकों में से 118 बीजेपी के 66 कांग्रेस के व शेष अन्य दलों के हैं। अंता की सीट जीतने से कांग्रेस की संख्या बढ़कर 67 हो जाएगी। 

अंता विधानसभा सीट झालवाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र में आती है। यह क्षेत्र पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है और यहां से उनके बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं। इस कारण इस उपचुनाव का राजनीतिक महत्व काफी ज्यादा है। बीजेपी ने यहां वसुंधरा राजे को फ्रंट फुट पर रखा और उन्हें सीएम भजनलाल शर्मा के साथ प्रचार में लगाए रखा। एक मैसेज देने की कोशिश की गई कि बीजेपी ने अंता के लिए सभी तरह के मतभेद भुला लिए और पार्टी पूरी तरह एकजुट है लेकिन जिस तरह के नतीजे आए हैं उसने अब सरकार और संगठन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी सिर्फ हारी ही नहीं बल्कि निर्दलीय नरेश मीणा ने भी बीजेपी को कड़ी टक्कर दी है। नरेश शुरुआती 15 राउंड्स तक बीजेपी से आगे रहे और बीजेपी तीसरे पायदान पर रही, जबकि यहां प्रचार के लिए बीजेपी ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी।

नरेश ने क्या बदला

अंता में अब तक हुए चार चुनावों में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही रहा। इसमें दो बार बीजेपी जीती और दो बार कांग्रेस। इस बार यहां 5वां चुनाव था। इन 5 मुकाबलों में बीजेपी ने अपने चेहरे 4 बार बदले लेकिन कांग्रेस ने हर बार यहां भाया पर ही दांव लगाया। इसकी वजह भी अब नतीजों से समझ आने लगी है। प्रमोद जैन भाया यहां अपने आप में एक क्षत्रप हैं, जिस तरह से उन्होंने इलेक्शन का मैनेजमेंट किया वह चौंकाने वाला रहा लेकिन नरेश मीणा ने यहां पहली बार मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया। वोटों की गिनती शुरू होने से पहले यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला माना जा रहा था लेकिन नरेश ने सभी को चौंकाते हुए मुकाबले को रोचक बना दिया।

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नेताओं की प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत :  अंता उपचुनाव में कांग्रेस को विजय दिलाने के लिए मैं सभी मतदाताओं का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं और नवनिर्वाचित विधायक प्रमोद जैन भाया को हार्दिक बधाई देता हूं। अंता की जीत ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में आमजन का विश्वास एक बार फिर मजबूत किया है। 

भाजपा सरकार पिछले दो वर्षों की अपनी एक भी ठोस उपलब्धि बताने में नाकाम रही है। हमारी लोकप्रिय जनहितकारी योजनाओं को कमजोर करने के कारण आम आदमी बेहद परेशान है और यह परिणाम कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व में चलाई गई योजनाओं पर जनता की मुहर है।  इस परिणाम से लगता है कि मात्र दो वर्षों में ही सरकार पर एंटी-इंकंबेंसी हावी हो गई है और यह सरकार अपने लिटमस टेस्ट में फेल साबित हुई है। 

कांग्रेस के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को अंता में की गई मेहनत के लिए धन्यवाद देता हूं। 

अंता के नतीजों पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि वे जनता के आदेश को स्वीकार करते हैं। वहीं पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भाया को जीत की बधाई दी।

कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया की पत्नी और बारां जिला प्रमुख उर्मिला जैन समर्थकों के बीच पहुंचीं। उन्होंने कहा कि पूरा बारां उनका परिवार है और जहां परिवार होता है, वहां किसी तरह की प्रतिद्वंद्विता नहीं रहती। जनता ने इस चुनाव में कांग्रेस और भाया पर अपना भरोसा जताया है।

उर्मिला जैन ने आगे कहा कि उन्होंने ऐसा चुनाव पहले कभी नहीं देखा। लोकतंत्र में चुनाव होते रहते हैं लेकिन इस बार उनके खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया गया, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।

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