Rajasthan News: कांग्रेस में बड़ा फेरबदल, भरतपुर सांसद संजना जाटव और रेहाना रियाज चिश्ती बनीं राष्ट्रीय सचिव
कांग्रेस ने बड़ा संगठनात्मक फेरबदल किया है। भरतपुर सांसद संजना जाटव और रेहाना रियाज चिश्ती को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। संजना को मध्य प्रदेश और रेहाना रियाज को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दी गई।
विस्तार
कांग्रेस ने अपने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए नौ नेताओं को राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया है, वहीं पांच सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। इनमें राजस्थान से दो चेहरों,भरतपुर सांसद संजना जाटव और महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है।
संजना जाटव को सौंपी मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी
कांग्रेस ने युवा सांसद संजना जाटव को राष्ट्रीय सचिव बनाकर मध्य प्रदेश प्रभारी महासचिव हरीश चौधरी के साथ जोड़ा है। संजना जाटव की गिनती कांग्रेस के सक्रिय और युवा नेताओं में होती है।
उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में भरतपुर सीट से बीजेपी के रामस्वरूप कोली को 51,983 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2023 के विधानसभा चुनाव में वे कठूमर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी थीं और मामूली 409 वोटों से हार गई थीं। अब मध्य प्रदेश में प्रभारी और सह-प्रभारी दोनों ही राजस्थान से होंगे — हरीश चौधरी और संजना जाटव।
रेहाना रियाज चिश्ती को मिली महाराष्ट्र की जिम्मेदारी
पूर्व महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती को कांग्रेस ने राष्ट्रीय सचिव बनाकर महाराष्ट्र प्रभारी महासचिव के साथ अटैच किया है। रेहाना रियाज लंबे समय से संगठन में सक्रिय रही हैं और महिला कांग्रेस में राष्ट्रीय पदाधिकारी के रूप में भी काम कर चुकी हैं।
अन्य राज्यों में भी नियुक्तियां
कांग्रेस ने कुल 9 नए राष्ट्रीय सचिवों की नियुक्ति की है और 5 के कार्यक्षेत्र बदले हैं।
नई नियुक्तियों में —
-
श्रीनिवास बी.वी. (पूर्व यूथ कांग्रेस अध्यक्ष) – गुजरात
-
सचिन सावंत – तेलंगाना
-
हिना कावड़े व सूरज ठाकुर – पंजाब
-
जेट्टी कुसुम कुमार – ओडिशा
-
निवेदिता आल्वा – तमिलनाडु
-
उषा नायडू – मध्य प्रदेश
-
भूपेंद्र माड़वी – झारखंड
-
परगट सिंह – जम्मू-कश्मीर
-
मनोज यादव – उत्तराखंड
देवेंद्र यादव को गुजरात की जिम्मेदारी
राजस्थान के सह-प्रभारी सचिव रहे देवेंद्र यादव को अब गुजरात की जिम्मेदारी दी गई है। इस फेरबदल के साथ कांग्रेस ने यह संकेत दिया है कि वह आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए संगठन को नई ऊर्जा और संतुलन के साथ मजबूत करना चाहती है।