Rajasthan News: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बोले-‘संघ किसी को नष्ट करने नहीं, समाज को जोड़ने के लिए है’
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जयपुर में कहा कि संघ किसी को नष्ट करने के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज को संगठित करने के लिए बना है। उन्होंने कहा कि भारत संस्कृति से एक है और “हिन्दू” शब्द सबको जोड़ने वाला है। भागवत ने सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण और नागरिक कर्तव्यों के पालन पर जोर दिया।
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जयपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने कहा कि संघ किसी को नष्ट करने के लिए नहीं, बल्कि समाज को संगठित करने के लिए काम करता है। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान संस्कृति के आधार पर है और “हिन्दू शब्द सबको जोड़ने वाला है।” भागवत कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में RSS के शताब्दी वर्ष पर आयोजित ‘उद्यमी संवाद: नए क्षितिज की ओर’ कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संघ को समझने के लिए उसकी शाखा में आकर प्रत्यक्ष अनुभव लेना चाहिए।
समाज को संगठित करने का लक्ष्य
भागवत ने कहा कि संघ पूरे समाज को जोड़कर ऐसा वातावरण बनाना चाहता है, जहां लोग निस्वार्थ भाव से देश के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि सहकार, कृषि और उद्योग भारत के विकास के आधार स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाना किसी एक नेता, पार्टी, सरकार या संगठन से संभव नहीं, यह सामूहिक प्रयास का कार्य है। सभी को साथ लेकर चलना होगा।
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सामाजिक समरसता पर जोर
संघ प्रमुख ने कहा कि समाज में समरसता बढ़ाने के लिए मंदिर, पानी और श्मशान सभी के लिए खुले होने चाहिए। परिवार के सदस्य सप्ताह में एक बार साथ भोजन करें और अपनी परंपराओं को अपनाएं।उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, पानी बचाने, पेड़ लगाने और प्लास्टिक हटाने जैसे कार्यों में समाज की सहभागिता पर बल दिया।
“नियम-कानून और संविधान का पालन जरूरी”
भागवत ने कहा कि नागरिकों में कर्तव्य और अनुशासन की भावना जागृत होनी चाहिए। समाज का हर व्यक्ति अपने तरीके से काम करे, ताकि हम एक-दूसरे के बाधक नहीं, बल्कि पूरक बनें।