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Rajasthan: 'तेंदू एक आदिवासी बच्चा', राहुल ने सभा में सुनाया 45 साल पहले इंदिरा गांधी से हुई चर्चा का किस्सा

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Wed, 09 Aug 2023 08:02 PM IST
सार

राहुल गांधी ने सभा में भाजपा पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस चाहती है कि आप (आदिवासी) जंगल में रहो, जंगल के बाहर ना निकलो, आपके बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर, लॉयर ना बनें, बिजनेस ना चलाएं, हवाई जहाज ना उड़ाएं, वे आप पर वनवासी का ठप्पा लगाना चाहते हैं।

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Rahul Gandhi told  story of discussion with Indira Gandhi about tribals in Mangarh Dham
कांग्रेस नेता राहुल गांधी। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विश्व आदिवासी दिवस पर राजस्थान के मानगढ़ धाम में जनसभा को संबोधित किया। अपने भाषण की शुरुआत में राहुल गांधी ने कहा- यहां के आदिवासियों ने अंग्रेजों की लड़ाई में हिंदुस्तान को बनाने के लिए जो काम किया, जो कुर्बानियां दी, उसके लिए मैं आप सबको और आदिवासी समाज को दिल से धन्यवाद करता हूं।  

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राहुल ने कहा- जब मैं छोटा था, 6-7 साल का था, तो मेरी दादी इंदिरा ने मुझे एक किताब दी थी। उसका नाम तेंदू एक आदिवासी बच्चा था। वो एक आदिवासी बच्चे की जिंदगी के बारे में किताब थी। वो जंगल में कैसे जीता था, तीर-कमान से मछली मारता था, उसके माता-पिता, उसका परिवार किस प्रकार से जीता था। उस किताब में ये सब लिखा था, वो किताब मुझे सबसे अच्छी लगती थी और मैं दादी के साथ उसे पढ़ता था। 
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दादी पेज घुमाती थीं और फिर मैं उनसे सवाल पूछता था और वो मुझे जवाब देती थीं। शायद, मैं आपको 45 साल पुरानी बात बता रहा हूं। मैंने एक दिन पूछा कि दादी ये आदिवासी शब्द का मतलब क्या है? जैसे आप जानते हो वो आदिवासियों से बहुत प्यार करती थीं, आपसे बहुत गहरा रिश्ता था उनका।

तो मैंने दादी से पूछा ये आदिवासी शब्द क्या होता है? मुझे आज तक याद है इंदिरा गांधीजी ने क्या कहा था। वह मैं आज आपको वो बताना चाह रहा हूं। उन्होंने कहा कि ये हिंदुस्तान के पहले निवासी हैं, ये जो हमारी जमीन है, जिसको आज हम भारत कहते हैं, ये जमीन इन आदिवासियों की थी। उन्होंने कहा जो आज का मॉर्डन समाज है, उसको आदिवासियों से जिंदगी जीना समझना चाहिए, ये उनके शब्द थे। जल, जंगल, जमीन के साथ क्या बर्ताव होना चाहिए? क्या रिश्ता होना चाहिए? आदिवासियों से सीखना चाहिए।

उन्होंने ये भी कहा था कि सालों पहले आदिवासी पूरे हिंदुस्तान में रहते थे, आहिस्ते-आहिस्ते, उनको धकेला गया। तो ये बात मेरे दिमाग में बैठ गई कि आदिवासी पहले निवासी थे और ये जो पूरा देश है, इसकी जमीन पहले आदिवासियों की हुआ करती थी।

हिंदुस्तान के जो ओरिजनल मालिक थे वो यहां अंग्रेजों की गोली खाकर शहीद हुए। अब भाजपा ने एक नया शब्द निकाला है वनवासी। वनवासी का मतलब जो जंगल में रहते हैं। हम आपको आदिवासी कहलाते हैं, ये पूरा का पूरा देश आपका है और हम चाहते हैं कि आप जो भी करें, जहां भी करें, आप सफलता प्राप्त करें। चाहे आपके बच्चे कॉलेज में जाना चाहें, यूनिवर्सिटी में जाना चाहें, हवाई जहाज उड़ाना चाहें, कम्प्यूटर चलाना चाहें, बिजनेस करना चाहें, इंडस्ट्री को चलाना चाहें, हम चाहते हैं कि आपको मौका मिलना चाहिए।

जो भी आप करना चाहते हैं, जो भी आप अपने बच्चों के लिए सपना देखना चाहते हैं, वो आपका सपना पूरा होना चाहिए। वो (भाजपा) क्या कहते हैं? वो कहते हैं आप आदिवासी नहीं हो, आप हिंदुस्तान के पहले निवासी नहीं थे, वो कहते हैं कि आप आदिवासी नहीं, वनवासी हो। मतलब आप इस देश के ओरिजनल मालिक नहीं हो, आप तो जंगल में रहते हो। ये आपका अपमान है, ये भारत माता का अपमान है, सिर्फ आदिवासियों का नहीं, पूरे देश का अपमान है। आप वनवासी नहीं हो, आप आदिवासी हो। ये पहले आपकी जमीन थी।

बीजेपी और आरएसएस चाहती है कि आप जंगल में रहो, जंगल के बाहर ना निकलो, आपके बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर, लॉयर ना बनें, बिजनेस ना चलाएं, हवाई जहाज ना उड़ाएं, वे आप पर वनवासी का ठप्पा लगाना चाहते हैं। मतलब आप जंगल में रहते हो तो आप दूसरे लोगों से कम हो। हम इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं, इसे हम कभी नहीं मान सकते। आप इस देश के मालिक हो, ये जमीन आपकी जमीन है और इस देश में आपको हक मिलना चाहिए।

वे (भाजपा) आपको वनवासी कहते हैं फिर आप के जंगल आप से ही छीनकर अडानीजी को पकड़ा देते हैं। वनवासी आपको कहते हैं, मगर हमने जब आपको जंगल का, जमीन का, जल का हक दिया, पैसा कानून दिया, आदिवासी बिल दिया तो भाजपा और आरएसएस ने क्या किया? वो जो औजार हमने आपको दिए थे, उन्होंने एक के बाद एक रद्द कर दिए। वो चाहते हैं कि आप जंगल में रहो और फिर आहिस्ते-आहिस्ते वे जंगल को काटते जाते हैं। आपके हक,  आपकी जमीन छीनते जाते हैं। 

वो अंत में चाहते हैं कि वो आपको वनवासी कहें और हिंदुस्तान में जंगल ही गायब हो जाए, तो आप कहीं के नहीं रहो। आप आदिवासी हो, आदिवासी थे और आदिवासी रहोगे और इस इतिहास को कोई बदल नहीं सकता। हिस्ट्री की किताब में कोई कुछ लिख ले, सच्चाई ये है कि ये जमीन पहले आदिवासियों की थी और आदिवासियों को इस देश में हक मिलना चाहिए, कोई भी सपना देखने का हक मिलना चाहिए।

आदिवासियों, भाइयों और बहनों मैं  आपका सिपाही हूं, दिल्ली में रहता हूं। मगर, जब भी आप चाहो मुझे राजस्थान बुला लो, अपने घरों में बुला लो और जो भी आप चाहते हैं, मुझसे पूछो, हमारी सरकार से पूछो। हम दिल से आपकी मदद करेंगे। हम चाहते हैं कि जो आपका हक है, वो आपको मिले। जो आपके सपने हैं, वो पूरे हों। आपके बच्चे यूनिवर्सिटी, कॉलेज और जिंदगी में तेजी से आगे बढ़े। आपने जो इस देश के लिए कुर्बानी दी, जो आपने खून दिया, उसको हम कभी नहीं भूल सकते हैं।

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