हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच सोमवार को भारी बारिश ने तबाही मचाई है। प्रदेश में जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर भारी बारिश से पहाड़ियां दरकना शुरू हो गई हैं। सोमवार दोपहर बाद भी तंबू मोड़, सनवारा समेत बाईपास के समीप पहाड़ियों से पत्थर और मलबा सड़क तक पहुंच गया। हालांकि इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ लेकिन कुछ समय के लिए एनएच पर जाम लग गया था। इसके बाद फोरलेन कंपनी के कर्मचारियों और पुलिस जवानों ने मौके पर पहुंच कर यातायात को बहाल किया। सुरक्षा के लिए प्रभावित क्षेत्रों में ट्रैफिक को वनवे कर दिया।
कालका-शिमला एनएच फोरलेन कटिंग से पहाड़ियां कमजोर पड़ गई हैं। हल्की सी बारिश के बाद दरकना शुरू हो जाती है। सोमवार को सुबह से हो रही बारिश से एनएच की पहाड़ियां दरकना शुरू हो गईं। इस कारण यातायात भी प्रभावित हुआ है। तंबू मोड़ और सनवारा के समीप कंपनी ने सुरक्षा के लिए पहाड़ी वाली लेन को बंद कर दिया है। इसके बाद ट्रैफिक वन वे हो गया है। इस मौके पर कंपनी और पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई है।
ट्रैफिक वनवे करने के बाद यातायात भी धीमा हो गया है। इस कारण वाहन चालकों को परेशानी झेलनी पड़ी है। ग्रिल कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर बलविंद्र सिंह ने बताया कि जिन जगहों पर पहाड़ियों के दरकने का खतरा है। उन जगहों पर कंपनी कर्मियों की तैनाती की है। सोमवार दोपहर बाद भी तंबू मोड़ और सनवारा के समीप सड़क पर गिरे मलबे को तुरंत हटा दिया है। कुछ देर के लिए वाहनों को दूसरी लेन में डायवर्ट किया गया था।
प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की चेतावनी
बता दें प्रदेश में रविवार रात से सोमवार दोपहर तक पालमपुर में सबसे ज्यादा 230 मिमी बारिश हुई है। देहरागोपीपुर 185 मिमी, सुजानपुर टीहरा 156 मिमी, जोगिंद्रनगर 112 मिमी, बिलासपुर 104 मिमी, बैजनाथ 90 मिमी, हमीरपुर 77 मिमी, ऊना 70 मिमी, धर्मशाला 64 मिमी, कांगड़ा 59 मिमी , मंडी 50 मिमी और में डलहौजी 32 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मंगलवार सुबह 5:30 बजे तक के लिए चंबा, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और कुल्लू जिले में बाढ़ आने की गंभीर चेतावनी जारी की है। मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में सोमवार को हुई भारी बारिश ने कहर बरपाया है। भूस्खलन के कारण प्रदेश में कई सड़कें बंद हो गई हैं। नदी-नाले उफान पर हैं। चंबा जिले में एक कार भूस्खलन की चपेट में आने से रावी नदी में समा गई। कार में एक ही परिवार के तीन लोग सवार थे। पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर बचाव अभियान चला रखा है। अभी एक महिला का शव बरामद हुआ है। अन्य दो की तलाश जारी है।
उधर, सिरमौर जिले के शिलाई उपमंडल में देर रात एक ऑल्टो कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से चालक की मौत हो गई। प्राथमिक उपचार के बाद चालक को शिलाई अस्पताल से पांवटा साहिब सिविल अस्पताल रेफर किया गया गया था। यहां पर चिकित्सकों ने बचाने की पूरी कोरिश की लेकिन उसने दम तोड़ दिया। मिली जानकारी के मुताबिक शिलाई-रोनहाट सड़क मार्ग पर बांदली के पास देर शाम एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
हादसे में कार सवार किशन सिंह निवासी कुफर पंचायत बांदली को गंभीर चोटें आईं। घायलावस्था में उसे शिलाई अस्पताल लाया गया। हालत ज्यादा बिगड़ने पर उसे पांवटा साहिब सिविल अस्पताल रेफर किया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉ. एवी राघव ने बताया कि मृतक के पेट में रक्त फैल गया था और सिर में भी गंभीर चोटें आई थीं। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस को सूचित कर दिया गया है।
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हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच सोमवार को भारी बारिश ने तबाही मचाई है। प्रदेश में जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर भारी बारिश से पहाड़ियां दरकना शुरू हो गई हैं। सोमवार दोपहर बाद भी तंबू मोड़, सनवारा समेत बाईपास के समीप पहाड़ियों से पत्थर और मलबा सड़क तक पहुंच गया। हालांकि इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ लेकिन कुछ समय के लिए एनएच पर जाम लग गया था। इसके बाद फोरलेन कंपनी के कर्मचारियों और पुलिस जवानों ने मौके पर पहुंच कर यातायात को बहाल किया। सुरक्षा के लिए प्रभावित क्षेत्रों में ट्रैफिक को वनवे कर दिया।
कालका-शिमला एनएच फोरलेन कटिंग से पहाड़ियां कमजोर पड़ गई हैं। हल्की सी बारिश के बाद दरकना शुरू हो जाती है। सोमवार को सुबह से हो रही बारिश से एनएच की पहाड़ियां दरकना शुरू हो गईं। इस कारण यातायात भी प्रभावित हुआ है। तंबू मोड़ और सनवारा के समीप कंपनी ने सुरक्षा के लिए पहाड़ी वाली लेन को बंद कर दिया है। इसके बाद ट्रैफिक वन वे हो गया है। इस मौके पर कंपनी और पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई है।
ट्रैफिक वनवे करने के बाद यातायात भी धीमा हो गया है। इस कारण वाहन चालकों को परेशानी झेलनी पड़ी है। ग्रिल कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर बलविंद्र सिंह ने बताया कि जिन जगहों पर पहाड़ियों के दरकने का खतरा है। उन जगहों पर कंपनी कर्मियों की तैनाती की है। सोमवार दोपहर बाद भी तंबू मोड़ और सनवारा के समीप सड़क पर गिरे मलबे को तुरंत हटा दिया है। कुछ देर के लिए वाहनों को दूसरी लेन में डायवर्ट किया गया था।
प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की चेतावनी
बता दें प्रदेश में रविवार रात से सोमवार दोपहर तक पालमपुर में सबसे ज्यादा 230 मिमी बारिश हुई है। देहरागोपीपुर 185 मिमी, सुजानपुर टीहरा 156 मिमी, जोगिंद्रनगर 112 मिमी, बिलासपुर 104 मिमी, बैजनाथ 90 मिमी, हमीरपुर 77 मिमी, ऊना 70 मिमी, धर्मशाला 64 मिमी, कांगड़ा 59 मिमी , मंडी 50 मिमी और में डलहौजी 32 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने मंगलवार सुबह 5:30 बजे तक के लिए चंबा, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और कुल्लू जिले में बाढ़ आने की गंभीर चेतावनी जारी की है। मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में सोमवार को हुई भारी बारिश ने कहर बरपाया है। भूस्खलन के कारण प्रदेश में कई सड़कें बंद हो गई हैं। नदी-नाले उफान पर हैं। चंबा जिले में एक कार भूस्खलन की चपेट में आने से रावी नदी में समा गई। कार में एक ही परिवार के तीन लोग सवार थे। पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर बचाव अभियान चला रखा है। अभी एक महिला का शव बरामद हुआ है। अन्य दो की तलाश जारी है।