हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव की अग्नि परीक्षा पास करने पर ही चारों प्रत्याशियों का राजनीतिक कॅरिअर बचेगा। चुनावी वैतरणी पार नहीं कर पाने वाले उम्मीदवारों का राजनीतिक सफर चौपट हो सकता है। जैसे-जैसे मंडी संसदीय क्षेत्र सहित जुब्बल-कोटखाई, अर्की और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव की तारीख करीब आने लगी है, कांग्रेस प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ने लगी हैं। पार्टी नेता और पदाधिकारी प्रचार में खूब पसीना बहा रहे हैं। उपचुनाव कांग्रेस के चारों प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य संवारने के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं।
अगर कोई प्रत्याशी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे तो इससे उनके राजनीतिक भविष्य में भी आंच आ सकती है। बताया जा रहा है कि मंडी संसदीय क्षेत्र और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा उपचुनाव पर पार्टी नेताओं ने पैनी नजर है। दूसरी ओर, अर्की से संजय अवस्थी और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के भवानी सिंह पठानिया के राजनीतिक कॅरिअर को भी दोनों नेताओं की जीत और हार से जोड़कर देखा जा रहा है। देखना यह है कि सत्ता पक्ष भाजपा के उम्मीदवारों को कौन पराजित कर अपना भविष्य सुरक्षित करता है।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव की अग्नि परीक्षा पास करने पर ही चारों प्रत्याशियों का राजनीतिक कॅरिअर बचेगा। चुनावी वैतरणी पार नहीं कर पाने वाले उम्मीदवारों का राजनीतिक सफर चौपट हो सकता है। जैसे-जैसे मंडी संसदीय क्षेत्र सहित जुब्बल-कोटखाई, अर्की और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव की तारीख करीब आने लगी है, कांग्रेस प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ने लगी हैं। पार्टी नेता और पदाधिकारी प्रचार में खूब पसीना बहा रहे हैं। उपचुनाव कांग्रेस के चारों प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य संवारने के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं।
अगर कोई प्रत्याशी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे तो इससे उनके राजनीतिक भविष्य में भी आंच आ सकती है। बताया जा रहा है कि मंडी संसदीय क्षेत्र और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा उपचुनाव पर पार्टी नेताओं ने पैनी नजर है। दूसरी ओर, अर्की से संजय अवस्थी और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के भवानी सिंह पठानिया के राजनीतिक कॅरिअर को भी दोनों नेताओं की जीत और हार से जोड़कर देखा जा रहा है। देखना यह है कि सत्ता पक्ष भाजपा के उम्मीदवारों को कौन पराजित कर अपना भविष्य सुरक्षित करता है।