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Himachal News: अब ग्रीन हाउस में उगेगी गुच्छी; तीन राज्यों में होगा ट्रायल, खुब निदेशालय ने तैयार किया बीज

ललित कश्यप, संवाद न्यूज एजेंसी, सोलन। Published by: Krishan Singh Updated Fri, 14 Nov 2025 10:10 AM IST
सार

खुब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) सोलन ने जंगलों में पाई जाने वाली दुर्लभ गुच्छी मशरूम का बीज तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है। 

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Himachal: Now Gucchi will be grown in greenhouse; Trial will be conducted in three states, seeds ready
हिमाचली गुच्छी - फोटो : संवाद
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विस्तार
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औषणीय गुणों से भरपूर गुच्छी अब जंगली में ही नहीं, ग्रीन हाउस में भी तैयार होगी। खुब अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) सोलन ने जंगलों में पाई जाने वाली दुर्लभ गुच्छी मशरूम का बीज तैयार करने में सफलता हासिल कर ली है। अब इस बीज को देश के तीन राज्यों के उत्पादकों को ट्रायल के तौर पर दिया गया है। इसमें जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल के चयनित उत्पादकों के साथ एमओयू भी किया गया है। डीएमआर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर किसानों ने इस पर कार्य शुरू कर दिया है। सफलता मिलने के बाद सभी उत्पादकों को बीज के साथ इसका प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। निदेशालय को वर्ष 2020 से 2024 के बीच ग्रीन हाउस में गुच्छी तैयार करने में सफलता मिल चुकी है।

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तैयार गुच्छी की गुणवत्ता प्राकृतिक गुच्छी के समान है। पिछले वर्ष किए गए अंतिम शोध में गुच्छी (मोर्किला) की बंपर फसल निकली थी। इसके बाद गुच्छी के आकार और बीज को और बेहतर बनाने के लिए दोबारा से शोध शुरू किया गया था। इसमें भी सफलता मिली है। जानकारी के अनुसार जंगलों में प्राकृतिक तौर पर गुच्छी उगती है। डीएमआर के विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अभी तक गुच्छी करीब साढ़े छह हजार फीट से अधिक की ऊंचाई में देवदार, कायल आदि के जंगलों में प्राकृतिक रूप से उगती है। इसे खेतों में उगाना संभव नहीं था, क्योंकि इसका बीज विकसित नहीं किया जा सका था। लेकिन, अब डीएआर ने इसमें कामयाबी हासिल की है। बीज का सफल शोध रहा है। 

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रामबाण है गुच्छी
गठिया, थायराइड, गुच्छी में विटामिन डी, सी, के, आयरन, कॉपर, जिंक व फॉस्फोरस पाया जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका सेवन बोन हेल्थ व मानसिक तनाव को खत्म करने में सहायक होता है। दिल के रोगों व शरीर की चोट को भी जल्द भरने में यह लाभकारी है। 

गुच्छी के बीज का शोध सफल रहा है। इस बीज को जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल के कुछ उत्पादकों को प्रदान किया गया है। इनके साथ डीएमआर ने एक एमओयू भी किया है। ग्रीन हाउस में गुच्छी को तैयार किया जा रहा है। जबकि कमरे रे में में गुच्छी को तैयार करने का शोध भी जारी है। -डॉ. बृज लाल अत्री, प्रधान वैज्ञानिक एवं कार्यकारी निदेशक, खुब अनुसंधान निदेशालय सोलन

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