HP Assembly Session: करुणामूलक नौकरियों पर विपक्ष ने घेरी सरकार, सुक्खू-जयराम में हुई नोकझोंक
विधानसभा शीत सत्र में करुणामूलक नौकरियों के सवाल पर मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब नोकझोंक हुई।
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हिमाचल प्रदेश विधानसभा शीत सत्र में करुणामूलक नौकरियों के सवाल पर मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर इस मुद्दे पर कई बार आमने-सामने हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने करुणामूलक वर्ग के लिए कुछ नहीं किया। अब सदन में राजनीति की जा रही है। प्रदेश सरकार ने आय सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया है। इस आधार पर 31 दिसंबर तक मिलने वाले प्रस्तावों को नौकरियां देने में प्राथमिकता दी जाएगी। नए साल से भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।
लंबित मामलों पर बाद में विचार करने की मुख्यमंत्री ने बात कही। इस पर नेता विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि सीएम का बयान गलत है। पूर्व सरकार के समय में करुणामूलक आधार पर सबसे अधिक नौकरियां दी गईं।भाजपा विधायक दीपराज ने मामला उठाते हुए कहा कि आय सीमा ढाई लाख होने के चलते करुणामूलक नौकरियों के लिए आवेदन करने वाले 2554 केस सरकार ने रिजेक्ट कर दिए हैं। अब आय सीमा तीन लाख हो गई है तो इन मामलों पर भी विचार होना चाहिए। विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि कृषि विवि पालमपुर में करुणामूलक आधार पर नौकरियां नहीं दी जा रही हैं।
वर्ष 1988 के मामले भी अभी तक लंबित हैं। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि जो केस रिजेक्ट हुए हैं, उन पर पहले विचार होना चाहिए। जयराम ने कहा कि पूर्व और वर्तमान सरकार के समय में कितनी नौकरियां दी गईं, इसका रिकॉर्ड सदन में रखना चाहिए। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने क्लास थ्री श्रेणी को भी इस भर्ती में शामिल किया है। जैसे-जैसे पद रिक्त होंगे, उन्हें भरा जाएगा। नीतियां लगातार बदलती रहती हैं। मृतक अनुबंध और दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के आश्रितों को सरकार की वर्तमान नीति के आधार पर रोजगार देने का प्रावधान है।
सुक्खू बोले- गुस्सा ना करें नेता विपक्ष, जयराम ने कहा-गलत नहीं सुन सकता
प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता विपक्ष को हर बात पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। अपने स्वभाव में रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष में बैठने से जयराम ठाकुर परेशान रहते हैं। जयराम ठाकुर ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं अपने स्वभाव के अनुरुप बहुत शांत रहता हूं लेकिन सदन में दी जा रही गलत जानकारियों को नहीं सुन सकता हूं।
सवालों के जवाब नहीं मिलने पर विपक्ष ने जताया एतराज
कुछ सवालों से संबंधित जानकारियां ही एकत्रित होने के जवाब मिलने पर भाजपा विधायकों ने एतराज जताया। भाजपा विधायक जीतराम कटवाल और नेता विपक्ष ने सवाल पूछा था कि बीते तीन साल के दौरान विभागों में कितने पद भरे गए। जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जानकारियां विस्तृत हैं। ऐसे में एकत्र करने में समय लग रहा है। सूचना एकत्र करने की व्यवस्था पूर्व सरकार के समय से चल रही है। हम व्यवस्था बदलकर अगले सत्र में जवाब देंगे। इस पर जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व के सत्र में यह सवाल लगा था, तब भी जानकारी ही एकत्र हो रही थी और अब भी जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया है। एक अन्य सवाल का भी जवाब नहीं मिलने पर विधायक जीतराम कटवाल ने कहा कि यह सूचना एकत्र करने वाला सवाल ही नहीं है। या तो सरकार ने नौकरियां दी नहीं हैं या बहुत अधिक दी हैं। यह ब्यौरा तो होना चाहिए।
आपराधिक मामलों में फंसे लोग नहीं बनते स्कूली समारोहों में मुख्य अतिथि : रोहित
शिक्षा मंत्री राेहित ठाकुर ने बताया कि आपराधिक मामलों में फंसे लोग स्कूली समारोहों में मुख्य अतिथि नहीं बनाए जाते हैं। विधायक त्रिलोक जंबाल के सवाल का लिखित जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूलों में होने वाले वार्षिक समारोहों में मुख्य अतिथि का चयन स्टाफ और स्कूल प्रबंधन समिति की आम राय से होता है। जिनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हो, उन्हें नहीं बुलाया जाता। यह सामान्य समझ एवं आवश्यक प्रशासनिक निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके लिए अलग से दिशा निर्देशों की जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को आमंत्रित किया जाता है जो विद्यार्थियों को प्रेरित करें और उनका मार्गदर्शन करने के योग्य हो।
आउटसोर्स कर्मियों के नियमितीकरण को नहीं है कोई नीति
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के नियमितीकरण की वर्तमान में कोई भी नीति निर्धारित नहीं है। इन कर्मियों के हितों की सुरक्षा के लिए एक मार्गदर्शिका जारी की गई है। इसमें वेतन वृद्धि, ईएसआई, यात्रा भत्ते का प्रावधान है। विधायक दीपराज के सवाल का लिखित जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने यह जानकारी दी।