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revised pay scale: In the third option there will be an increase of 15 percent in the basic salary and DA of 2015
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संशोधित वेतनमान: पंजाब का फार्मूला अपनाया तो 2015 के बेसिक वेतन और डीए में होगी 15 फीसदी की बढ़ोतरी
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Wed, 26 Jan 2022 04:36 PM IST
सार
राज्य सरकार ने कर्मचारियों को वेतनमान तय करने के दो फार्मूले दिए थे। एक फार्मूला बेसिक वेतन में 2.25 और दूसरा 2.59 के गुणक से वृद्धि का है। इसके लिए वर्ष 2009 के वेतन संशोधन नियमों और 2012 के पूर्व संशोधित वेतनमान के दौरान की बेसिक पे को आधार माना गया है।
वेतनमान(सांकेतिक)
- फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान जारी करने के लिए दिए जा रहे तीसरे विकल्प का फार्मूला किस तरह से बनाया जा रहा है, इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं है। मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा में इसे स्पष्ट नहीं किया है। इस बारे में अभी वित्त विभाग में मंथन चल रहा है। जल्द इसकी अधिसूचना जारी होगी। यदि पंजाब सरकार की तर्ज पर ही कर्मचारियों को 15 फीसदी का विकल्प दिया जाता है तो उनके 2015 के बेसिक वेतन और डीए में 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। उस वक्त बेसिक का 113 फीसदी डीए मिल रहा था। सीएम जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद लिपिकों समेत तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। 31 दिसंबर 2015 की बेसिक पे को इसके आकलन का आधार माना जाएगा। हालांकि, अगर फार्मूला लगता है तो इस तीसरे विकल्प पर एक जनवरी 2016 से लेकर 31 दिसंबर 2021 तक देय एरियर नहीं मिलेगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों को राहत देने का फैसला लिया है।
राज्य सरकार ने कर्मचारियों को वेतनमान तय करने के दो फार्मूले दिए थे। एक फार्मूला बेसिक वेतन में 2.25 और दूसरा 2.59 के गुणक से वृद्धि का है। इसके लिए वर्ष 2009 के वेतन संशोधन नियमों और 2012 के पूर्व संशोधित वेतनमान के दौरान की बेसिक पे को आधार माना गया है। यानी जो 2009 के बेसिक वेतन को आधार बनाना चाहते हैं, उनके बेसिक वेतन में 2.59 को गुना कर वेतन निर्धारण किया जाएगा। जो 2012 से वेतन निर्धारण करना चाहते हैं, उनके उस समय के बेसिक वेतन में 2.25 को गुना कर वेतन निर्धारण हो रहा है। इससे तृतीय श्रेणी में 2009-10 में नियुक्त किए तृतीय श्रेणी के कई वर्गों को नुकसान हो रहा था। आईआर को घटाने के बाद कई कर्मचारियों से तो रिकवरी की नौबत आ रही थी। अब 15 फीसदी वेतन वृद्धि का नया फार्मूला दिया गया है। इसके लिए कर्मचारी संगठन पिछले दिनों से एकजुट होने शुरू हो गए थे।
कर्मचारी हितैषी है प्रदेश सरकार: महासंघ
वहीं, हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से कर्मचारियों के पक्ष में की गई घोषणाओं पर खुशी जताई है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी ठाकुर और महामंत्री राजेश शर्मा ने इन घोषणाओं के पश्चात मुख्यमंत्री को जहां प्रदेश के कर्मचारियों का हितैषी करार दिया है, वहीं गरीबों व प्रदेश का हितैषी करार दिया। महासंघ की जिला मंडी के प्रधान चमन ठाकुर और महासचिव लाल सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल दिवस पर मुख्यमंत्री प्रदेश और कर्मचारियों को बहुत सारी सौगातें दी हैं।
तीसरे विकल्प की घोषणा ऐतिहासिक फैसला : महाजन
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने नए वेतनमान में पंजाब की तर्ज पर तीसरे विकल्प की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया है। संघ के अध्यक्ष नरेश महाजन ने कहा कि प्रदेश के ढाई लाख कर्मियों के हितों को सुरक्षित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उन्हाेंने कहा कि पंजाब की ओर से जारी नए वेतनमान के बाद हिमाचल में जिस तरह की अधिसूचना जारी हुई थी, उससे प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष था। नए वेतनमान के नाम पर उनके वेतन में कमी के हालात बन रहे थे। अध्यक्ष नरेश महाजन ने बताया कि उनके संगठन ने मुख्यमंत्री से इस मसले पर विस्तार से बात की थी और समूचे तथ्यों से उन्हें अवगत करवाया। उन्होंने पेंशनरों को भी पंजाब की तर्ज पर वित्तीय लाभ जारी किए जाने की घोषणा का स्वागत किया है।
विस्तार
हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान जारी करने के लिए दिए जा रहे तीसरे विकल्प का फार्मूला किस तरह से बनाया जा रहा है, इस पर अभी तस्वीर साफ नहीं है। मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा में इसे स्पष्ट नहीं किया है। इस बारे में अभी वित्त विभाग में मंथन चल रहा है। जल्द इसकी अधिसूचना जारी होगी। यदि पंजाब सरकार की तर्ज पर ही कर्मचारियों को 15 फीसदी का विकल्प दिया जाता है तो उनके 2015 के बेसिक वेतन और डीए में 15 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। उस वक्त बेसिक का 113 फीसदी डीए मिल रहा था। सीएम जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद लिपिकों समेत तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। 31 दिसंबर 2015 की बेसिक पे को इसके आकलन का आधार माना जाएगा। हालांकि, अगर फार्मूला लगता है तो इस तीसरे विकल्प पर एक जनवरी 2016 से लेकर 31 दिसंबर 2021 तक देय एरियर नहीं मिलेगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों को राहत देने का फैसला लिया है।
राज्य सरकार ने कर्मचारियों को वेतनमान तय करने के दो फार्मूले दिए थे। एक फार्मूला बेसिक वेतन में 2.25 और दूसरा 2.59 के गुणक से वृद्धि का है। इसके लिए वर्ष 2009 के वेतन संशोधन नियमों और 2012 के पूर्व संशोधित वेतनमान के दौरान की बेसिक पे को आधार माना गया है। यानी जो 2009 के बेसिक वेतन को आधार बनाना चाहते हैं, उनके बेसिक वेतन में 2.59 को गुना कर वेतन निर्धारण किया जाएगा। जो 2012 से वेतन निर्धारण करना चाहते हैं, उनके उस समय के बेसिक वेतन में 2.25 को गुना कर वेतन निर्धारण हो रहा है। इससे तृतीय श्रेणी में 2009-10 में नियुक्त किए तृतीय श्रेणी के कई वर्गों को नुकसान हो रहा था। आईआर को घटाने के बाद कई कर्मचारियों से तो रिकवरी की नौबत आ रही थी। अब 15 फीसदी वेतन वृद्धि का नया फार्मूला दिया गया है। इसके लिए कर्मचारी संगठन पिछले दिनों से एकजुट होने शुरू हो गए थे।
कर्मचारी हितैषी है प्रदेश सरकार: महासंघ
वहीं, हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से कर्मचारियों के पक्ष में की गई घोषणाओं पर खुशी जताई है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अश्वनी ठाकुर और महामंत्री राजेश शर्मा ने इन घोषणाओं के पश्चात मुख्यमंत्री को जहां प्रदेश के कर्मचारियों का हितैषी करार दिया है, वहीं गरीबों व प्रदेश का हितैषी करार दिया। महासंघ की जिला मंडी के प्रधान चमन ठाकुर और महासचिव लाल सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल दिवस पर मुख्यमंत्री प्रदेश और कर्मचारियों को बहुत सारी सौगातें दी हैं।
तीसरे विकल्प की घोषणा ऐतिहासिक फैसला : महाजन
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने नए वेतनमान में पंजाब की तर्ज पर तीसरे विकल्प की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा का स्वागत करते हुए इसे ऐतिहासिक बताया है। संघ के अध्यक्ष नरेश महाजन ने कहा कि प्रदेश के ढाई लाख कर्मियों के हितों को सुरक्षित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उन्हाेंने कहा कि पंजाब की ओर से जारी नए वेतनमान के बाद हिमाचल में जिस तरह की अधिसूचना जारी हुई थी, उससे प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष था। नए वेतनमान के नाम पर उनके वेतन में कमी के हालात बन रहे थे। अध्यक्ष नरेश महाजन ने बताया कि उनके संगठन ने मुख्यमंत्री से इस मसले पर विस्तार से बात की थी और समूचे तथ्यों से उन्हें अवगत करवाया। उन्होंने पेंशनरों को भी पंजाब की तर्ज पर वित्तीय लाभ जारी किए जाने की घोषणा का स्वागत किया है।
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