न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोकसर (लाहौल-स्पीति)
Published by: Krishan Singh
Updated Sun, 10 Nov 2019 07:30 PM IST
बर्फबारी से रोहतांग दर्रा बंद होने के कारण जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में फंसे लोगों को आखिरकार राहत मिल गई है। लाहौल में रविवार को फंसे वाहनों को रोहतांग टनल से आर-पार करवाया गया। तीन बसों समेत कुल 117 वाहन टनल के आर-पार हुए। इनमें से 72 वाहनों को लाहौल की ओर से, 45 वाहनों को मनाली से लाहौल की ओर छोड़ा गया। 117 वाहनों में कुल 500 लोगों ने रोहतांग टनल से आवाजाही की।
इससे लाहौल में फंसे लोगों ने राहत की सांस ली है। प्रशासन ने टनल प्रबंधन से पांच गाड़ियों को भेजने का आग्रह किया था। लेकिन रोहतांग टनल से वाहनों को भेजने की सूचना मिलते टनल के पास वाहनों का जमावड़ा लगा रहा। देखते ही देखते रोहतांग टनल के लाहौल वाले छोर नॉर्थ पोर्टल में गाड़ियों की कतारें लगी रहीं। लोग दिनभर लोग टनल से जाने का इंतजार करते रहे। काफी देर तक वाहनों को जाने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद लोगों ने कृषि मंत्री से संपर्क कर उन्हें स्थिति से अवगत करवाया।
बताया जा रहा है कि कृषि, आईटी और जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मारकंडा ने लाहौल में फंसे हुए लोगों को राहत देने के लिए बीआरओ के अधिकारियों के साथ इस संबंध में मंत्रणा की है। इसके बाद टनल प्रबंधन ने गाड़ियों को टनल से आवाजाही करने की अनुमति दी। तीन बसों के अलावा छोटे वाहन, टैक्सियों को रविवार को टनल से भेजा गया। ग्राम पंचायत गोशाल के उप प्रधान अजीत सिंह ने कहा कि घाटी में फंसे लोग रोहतांग दर्रा बहाल होने का इंतजार कर रहे थे।
बीआरओ ने दावा किया था कि रविवार को रोहतांग दर्रा बहाल हो जाएगा। लेकिन दर्रा बहाल न होने के चलते लोगों को अपनी समस्या मंत्री के समक्ष रखनी पड़ी। इसके बाद लाहौल में फंसे वाहनों को टनल से आवाजाही की अनुमति मिल सकी। उन्होंने कहा कि टनल से आवाजाही पर लोगों ने राहत की सांस ली है। बीआरओ के कमांडर उमाशंकर ने कहा कि 117 वाहनों में 500 से अधिक लोग टनल से आर-पार हुए हैं।
बर्फबारी से रोहतांग दर्रा बंद होने के कारण जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में फंसे लोगों को आखिरकार राहत मिल गई है। लाहौल में रविवार को फंसे वाहनों को रोहतांग टनल से आर-पार करवाया गया। तीन बसों समेत कुल 117 वाहन टनल के आर-पार हुए। इनमें से 72 वाहनों को लाहौल की ओर से, 45 वाहनों को मनाली से लाहौल की ओर छोड़ा गया। 117 वाहनों में कुल 500 लोगों ने रोहतांग टनल से आवाजाही की।
इससे लाहौल में फंसे लोगों ने राहत की सांस ली है। प्रशासन ने टनल प्रबंधन से पांच गाड़ियों को भेजने का आग्रह किया था। लेकिन रोहतांग टनल से वाहनों को भेजने की सूचना मिलते टनल के पास वाहनों का जमावड़ा लगा रहा। देखते ही देखते रोहतांग टनल के लाहौल वाले छोर नॉर्थ पोर्टल में गाड़ियों की कतारें लगी रहीं। लोग दिनभर लोग टनल से जाने का इंतजार करते रहे। काफी देर तक वाहनों को जाने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद लोगों ने कृषि मंत्री से संपर्क कर उन्हें स्थिति से अवगत करवाया।
बताया जा रहा है कि कृषि, आईटी और जनजातीय विकास मंत्री रामलाल मारकंडा ने लाहौल में फंसे हुए लोगों को राहत देने के लिए बीआरओ के अधिकारियों के साथ इस संबंध में मंत्रणा की है। इसके बाद टनल प्रबंधन ने गाड़ियों को टनल से आवाजाही करने की अनुमति दी। तीन बसों के अलावा छोटे वाहन, टैक्सियों को रविवार को टनल से भेजा गया। ग्राम पंचायत गोशाल के उप प्रधान अजीत सिंह ने कहा कि घाटी में फंसे लोग रोहतांग दर्रा बहाल होने का इंतजार कर रहे थे।
बीआरओ ने दावा किया था कि रविवार को रोहतांग दर्रा बहाल हो जाएगा। लेकिन दर्रा बहाल न होने के चलते लोगों को अपनी समस्या मंत्री के समक्ष रखनी पड़ी। इसके बाद लाहौल में फंसे वाहनों को टनल से आवाजाही की अनुमति मिल सकी। उन्होंने कहा कि टनल से आवाजाही पर लोगों ने राहत की सांस ली है। बीआरओ के कमांडर उमाशंकर ने कहा कि 117 वाहनों में 500 से अधिक लोग टनल से आर-पार हुए हैं।