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Shimla News: किराया न चुकाने पर संजौली निवासी को छह माह की कैद
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तीन लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एकांश कपिल ने सुनाया फैसला
साल 2014 में संजौली क्षेत्र में दोषी ने किराये पर ली थी दुकान
संवाद न्यूज एजेंसी
शिमला। अदालत ने चेक बाउंस के 11 साल पुराने मामले में संजौली निवासी आयरिश ग्रोवर को दोषी करार देते हुए छह महीने की कैद और 3 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की स्थिति में दोषी को दो महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एकांश कपिल ने यह फैसला सुनाया है।
यह मामला साल 2014 में संजौली क्षेत्र का है। शिकायतकर्ता डीएस जारेट से दोषी ने भवन में एक दुकान किराये पर लेने के लिए संपर्क किया। किराया समझौते के तहत सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद 60,500 रुपये के मासिक किराये पर दुकान का कब्जा सौंपा गया। समझौता खत्म होने के बाद आरोपी के पास 20 हजार बकाया था। इसके बाद जुलाई 2021 को दोनों पक्षों के बीच इस दुकान के लिए एक नया समझौता हुआ। आरोप लगे थे कि दोषी मासिक किस्तो का भुगतान नियमित रूप से नहीं कर रहा था। दिसंबर 2023 को आरोपी ने ऋण चुकाने के लिए शिकायतकर्ता के पक्ष में चेक जारी किया लेकिन चेक बाउंस हो गया। जनवरी 2024 को निर्धारित समय में कर्ज न चुकाने पर शिकायतकर्ता ने एनआई एक्ट के तहत न्यायालय के समक्ष केस दायर किया था। न्यायालय में केस के दौरान दोनों पक्षों की ओर दलीलें दी गई और सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते फैसला सुनाया है।
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अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एकांश कपिल ने सुनाया फैसला
साल 2014 में संजौली क्षेत्र में दोषी ने किराये पर ली थी दुकान
संवाद न्यूज एजेंसी
शिमला। अदालत ने चेक बाउंस के 11 साल पुराने मामले में संजौली निवासी आयरिश ग्रोवर को दोषी करार देते हुए छह महीने की कैद और 3 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की स्थिति में दोषी को दो महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एकांश कपिल ने यह फैसला सुनाया है।
यह मामला साल 2014 में संजौली क्षेत्र का है। शिकायतकर्ता डीएस जारेट से दोषी ने भवन में एक दुकान किराये पर लेने के लिए संपर्क किया। किराया समझौते के तहत सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद 60,500 रुपये के मासिक किराये पर दुकान का कब्जा सौंपा गया। समझौता खत्म होने के बाद आरोपी के पास 20 हजार बकाया था। इसके बाद जुलाई 2021 को दोनों पक्षों के बीच इस दुकान के लिए एक नया समझौता हुआ। आरोप लगे थे कि दोषी मासिक किस्तो का भुगतान नियमित रूप से नहीं कर रहा था। दिसंबर 2023 को आरोपी ने ऋण चुकाने के लिए शिकायतकर्ता के पक्ष में चेक जारी किया लेकिन चेक बाउंस हो गया। जनवरी 2024 को निर्धारित समय में कर्ज न चुकाने पर शिकायतकर्ता ने एनआई एक्ट के तहत न्यायालय के समक्ष केस दायर किया था। न्यायालय में केस के दौरान दोनों पक्षों की ओर दलीलें दी गई और सबूतों के आधार पर आरोपी को दोषी करार देते फैसला सुनाया है।
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