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Asian Archery: भारतीय पुरुष रिकर्व टीम ने समाप्त किया 18 वर्ष का सूखा, एशियाई स्वर्ण पदक अपने नाम किया
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, ढाका
Published by: शोभित चतुर्वेदी
Updated Fri, 14 Nov 2025 03:50 PM IST
सार
यशदीप भोगे, अतनु दास और राहुल की तिकड़ी ने 2-4 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए सेओ मिंगी, किम येचन और जंग जिहो की कोरिया की दूसरी श्रेणी की टीम पर 5-4 से नाटकीय जीत दर्ज की और 2009 से इस प्रतियोगिता पर कोरिया के दबदबे को खत्म किया।
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भारतीय पुरुष रिकर्व टीम
- फोटो : Twitter
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विस्तार
भारतीय पुरुष रिकर्व टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई तीरंदाजी चैंपियनशिप में 18 वर्षों का सूखा समाप्त करते हुए स्वर्ण पदक जीत लिया है। भारतीय टीम ने शुक्रवार को दक्षिण कोरिया को शूटऑफ में हराकर स्वर्ण अपने नाम किया। यह पिछले 18 साल में भारतीय टीम का पहला एशियाई स्वर्ण पदक है। यशदीप भोगे, अतनु दास और राहुल की तिकड़ी ने 2-4 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए सेओ मिंगी, किम येचन और जंग जिहो की कोरिया की दूसरी श्रेणी की टीम पर 5-4 से नाटकीय जीत दर्ज की और 2009 से इस प्रतियोगिता पर कोरिया के दबदबे को खत्म किया।
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अतनु दास ने किया कमाल
दोनों टीमों ने शूटऑफ में 29 अंक बनाए, लेकिन दो बार के ओलंपियन दास ने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए 10 अंक वाला निशाना साधा जो कोरिया के तीरंदाज के निशाने के मुकाबले केंद्र से अधिक करीब था। इस तरह भारतीय पुरुष टीम ने 2007 के बाद पहली बार इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस परिणाम के साथ चैंपियनशिप में भारत के पदकों की संख्या चार स्वर्ण और दो रजत हो गई।
दोनों टीमों ने शूटऑफ में 29 अंक बनाए, लेकिन दो बार के ओलंपियन दास ने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए 10 अंक वाला निशाना साधा जो कोरिया के तीरंदाज के निशाने के मुकाबले केंद्र से अधिक करीब था। इस तरह भारतीय पुरुष टीम ने 2007 के बाद पहली बार इस चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इस परिणाम के साथ चैंपियनशिप में भारत के पदकों की संख्या चार स्वर्ण और दो रजत हो गई।
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कंपाउंड टीम ने गुरुवार को तीन स्वर्ण और दो रजत पदक जीत लिए थे। भारत के कंपाउंड तीरंदाजों का प्रदर्शन शानदार रहा है जिसमें ज्योति सुरेखा वेन्नम ने टीम और व्यक्तिगत दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर यादगार दोहरा प्रदर्शन किया। यह रिकर्व पुरुष टीम के कोच राहुल बनर्जी के लिए बेहद भावुक क्षण था जो 2007 की चैंपियन टीम के सदस्य थे। तब स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम में उनके साथ मंगल सिंह चंपिया और जयंत तालुकदार भी थे। खिलाड़ी के तौर पर चैंपियन बनने के अठारह साल बाद 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता ने दूसरी जीत हासिल की।
उतार-चढ़ाव भरा रहा मुकाबला
कोरिया भले ही अपने दिग्गज ओलंपिक चैंपियन किम वूजिन के बिना आया हो, लेकिन टीम में बेहतरीन प्रतिभाएं मौजूद हैं। सेओ मिंगी राष्ट्रीय ट्रायल में शीर्ष पर रहे, 20 वर्षीय किम येचन चेंगदू विश्वविद्यालय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हैं। इस तिकड़ी में प्रतिभाशाली जंग जिहो भी शामिल है। फाइनल मुकाबला उतार-चढ़ाव से भरा रहा। कोरिया ने पहले सेट में आठ के एक निशाने के बाद 56 अंकों से शुरुआत की और भारत ने उसे माकुल जवाब दिया।
कोरिया ने तीसरे सेट में कोरिया ने 57 अंकों के साथ बढ़त हासिल की लेकिन भारत ने चौथे सेट में लगातार 10 अंकों वाले निशाने से शुरुआत कर दबाव बना लिया। टीम इस सेट को 57-53 से जीतने में सफल रही। स्कोर 4-4 से बराबर होने के बाद मुकाबला शूट ऑफ में गया जहां टीम ने शानदार निशाने के साथ पिछले दो दशक के खिताबी सूखे को खत्म किया।
कोरिया भले ही अपने दिग्गज ओलंपिक चैंपियन किम वूजिन के बिना आया हो, लेकिन टीम में बेहतरीन प्रतिभाएं मौजूद हैं। सेओ मिंगी राष्ट्रीय ट्रायल में शीर्ष पर रहे, 20 वर्षीय किम येचन चेंगदू विश्वविद्यालय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता हैं। इस तिकड़ी में प्रतिभाशाली जंग जिहो भी शामिल है। फाइनल मुकाबला उतार-चढ़ाव से भरा रहा। कोरिया ने पहले सेट में आठ के एक निशाने के बाद 56 अंकों से शुरुआत की और भारत ने उसे माकुल जवाब दिया।
कोरिया ने तीसरे सेट में कोरिया ने 57 अंकों के साथ बढ़त हासिल की लेकिन भारत ने चौथे सेट में लगातार 10 अंकों वाले निशाने से शुरुआत कर दबाव बना लिया। टीम इस सेट को 57-53 से जीतने में सफल रही। स्कोर 4-4 से बराबर होने के बाद मुकाबला शूट ऑफ में गया जहां टीम ने शानदार निशाने के साथ पिछले दो दशक के खिताबी सूखे को खत्म किया।