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Football: भारतीय फुटबॉल के सभी हितधारकों से मिलेंगे खेल मंत्री मनसुख मांडविया, 3 दिसंबर को होगी बैठक
स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Mayank Tripathi
Updated Mon, 01 Dec 2025 09:44 PM IST
सार
भारतीय फुटबॉल में जारी संकट को दूर करने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया 3 दिसंबर को सभी प्रमुख हितधारकों के साथ दिनभर चली बैठकों में समाधान तलाशेंगे।
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मनसुख मांडविया, केंद्रीय खेल मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
भारतीय फुटबॉल में जारी संकट को दूर करने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया 3 दिसंबर को सभी प्रमुख हितधारकों के साथ दिनभर चली बैठकों में समाधान तलाशेंगे। इन हितधारकों में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ), पूर्व वाणिज्यिक साझेदार एफएसडीएल, इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) क्लब, आई-लीग क्लब, प्रसारक, ओटीटी प्लेटफॉर्म और संभावित नए वाणिज्यिक साझेदार शामिल होंगे।
एआईएफएफ अपनी घरेलू लीग के संचालन के लिए नया वाणिज्यिक साझेदार खोजने में विफल रहा है। जुलाई में एफएसडीएल ने एआईएफएफ को सूचित किया था कि 15 साल पुराने मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (MRA) के नवीनीकरण को लेकर स्पष्टता न होने के कारण ISL को होल्ड पर रखा जा रहा है। यह समझौता 8 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसके बाद से घरेलू फुटबॉल कई समस्याओं में उलझा हुआ है, हालांकि इस दौरान एक सकारात्मक पहलू यह रहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव द्वारा तैयार नए एआईएफएफ संविधान को मंजूरी दे दी।
सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने राव की रिपोर्ट में उठाए गए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर संज्ञान लिया है और केंद्र सरकार से कहा है कि वह सभी हितधारकों की बात सुनकर ऐसा समाधान निकाले जो फीफा के वैश्विक मानकों के अनुरूप हो।
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एआईएफएफ अपनी घरेलू लीग के संचालन के लिए नया वाणिज्यिक साझेदार खोजने में विफल रहा है। जुलाई में एफएसडीएल ने एआईएफएफ को सूचित किया था कि 15 साल पुराने मास्टर राइट्स एग्रीमेंट (MRA) के नवीनीकरण को लेकर स्पष्टता न होने के कारण ISL को होल्ड पर रखा जा रहा है। यह समझौता 8 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसके बाद से घरेलू फुटबॉल कई समस्याओं में उलझा हुआ है, हालांकि इस दौरान एक सकारात्मक पहलू यह रहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव द्वारा तैयार नए एआईएफएफ संविधान को मंजूरी दे दी।
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सुप्रीम कोर्ट की भूमिका
सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने राव की रिपोर्ट में उठाए गए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर संज्ञान लिया है और केंद्र सरकार से कहा है कि वह सभी हितधारकों की बात सुनकर ऐसा समाधान निकाले जो फीफा के वैश्विक मानकों के अनुरूप हो।