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Android: एंड्रॉयड यूजर्स को मिलेगा नया फीचर, ज्यादा बैटरी खाने वाले एप्स की आसानी से होगी पहचान

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Tue, 11 Nov 2025 03:42 PM IST
सार

अब अगर कोई एप आपकी बैटरी ज्यादा खर्च करता है, तो गूगल खुद आपको पहले से ही चेतावनी देगा। जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे एप्स के नाम के पास लाल चेतावनी बैज (रेड वार्निंग बैज) दिखेगा, जो बताएगा कि 'यह एप बैटरी जल्दी खत्म कर सकता है'

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Android users will soon get a warning before downloading battery draining apps
ज्यादा बैटरी खाने वाले एप्स की होगी पहचान - फोटो : istock
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विस्तार
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हमारे फोन में अक्सर ऐसी दिक्कतें आती हैं जहां किसी एप की वजह से फोन की बैटरी बहुत ज्यादा खर्च होती है। ऐसे में हमें पता भी नहीं चल पाता कि ये फोन की दिक्कत है या फोन के अंदर किसी एप की। इसी कड़ी में अब अगर कोई एप आपकी बैटरी ज्यादा खर्च करता है, तो गूगल खुद आपको पहले से ही चेतावनी देगा। जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे एप्स के नाम के पास लाल चेतावनी बैज (रेड वार्निंग बैज) दिखेगा, जो बताएगा कि 'यह एप बैटरी जल्दी खत्म कर सकता है'
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क्या है नया सिस्टम?

गूगल और सैमसंग ने मिलकर एक नया सिस्टम बनाया है जो उन एप्स को पकड़ता है जो बैकग्राउंड में चलते रहते हैं और बैटरी खत्म करते रहते हैं। एंड्रॉयड के 'वाइटल्स (Vitals)' फीचर में अब एक नया अपडेट जोड़ा गया है। यह उन एप्स को ट्रैक करेगा जो 24 घंटे में 2 घंटे से ज्यादा बैकग्राउंड एक्टिव रहते हैं (जिसे 'वेक लॉक' कहा जाता है)। कुछ एप्स जैसे ऑडियो चलाने वाले या फाइल ट्रांसफर करने वाले एप्स को इस नियम से छूट मिलेगी। क्योंकि ये एप्स हमारी जानकारी में बैकग्राउंड में चलते हैं और इन्हें हम खुद परमिशन देते हैं। अगर किसी एप के कम से कम 5% सेशंस पिछले 28 दिनों में इस लिमिट से ऊपर गए हैं, तो गूगल उसे 'बैटरी खत्म करने वाला एप' मानेगा।
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यूजर्स के लिए इसका मतलब क्या है?

गूगल 1 मार्च 2026 से ऐसे एप्स से दो तरीके से निपटेगा। पहला ऐसे एप्स प्ले स्टोर पर कम दिखेंगे यानी गूगल की सिफारिशों (रिकमेंडेशन) से हट जाएंगे। दूसरा ऐसे एप्स डाउनलोड करने से पहले लाल चेतावनी लेबल दिखेगा जिसमें लिखा होगा- 'इस एप में ज्यादा बैकग्राउंड एक्टिविटी है और यह आपकी बैटरी जल्दी खत्म कर सकता है' इससे यूजर्स को पहले ही पता चल जाएगा कि कौन सा एप बैटरी का दुश्मन है।

क्यों जरूरी है ये अपडेट?

कई एप्स बिना बताए बैकग्राउंड में चलते रहते हैं और बैटरी जल्दी खत्म करते हैं। गूगल चाहता है कि डेवलपर्स अपने एप्स को ऐसे डिजाइन करें कि वे बैटरी कम खर्च करें। यह अपडेट यूजर्स को ज्यादा नियंत्रण और पारदर्शिता देगा ताकि वे समझदारी से एप इंस्टॉल कर सकें।
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