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Sanchar Sathi: एपल ने ‘संचार साथी’ एप प्री-इंस्टॉल करने से किया इनकार, जल्द सरकार को भेजेगी औपचारिक जवाब
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Tue, 02 Dec 2025 03:47 PM IST
सार
Sanchar Sathi: एपल iOS पर बाहरी एप को जबरन जोड़ने की अनुमति नहीं देता, इसलिए कंपनी संचार सारथी एप के आदेश को अपने सिस्टम के खिलाफ मान रही है। दूसरी तरफ एंड्रॉयड एक ओपन-सोर्स सिस्टम है, जिससे सैमसंग और शाओमी जैसे ब्रांड सिस्टम लेवल पर ऐसे एप जोड़ सकते हैं।
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कंपनी सरकार से जल्द साझा करेगी चिंताएं
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हाल ही में भारत सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया था कि वे अपने सभी नए स्मार्टफोन में संचार साथी एप को प्री-इंस्टॉल करके बेचें। हालांकि, स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी एपल ने भारत सरकार ने इन निर्देशों में मानने से मना कर दिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि एपल इस फैसले का विरोध करेगी और अपनी चिंताएं सरकार के सामने रखेगी।
सूत्रों का कहना है कि एपल का मानना है कि इस तरह की अनिवार्यता उसके डिवाइसों की प्राइवेसी और सुरक्षा संरचना पर असर डाल सकती है। कंपनी इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण और चर्चा की मांग करेगी। वहीं, दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा जारी यह आदेश देश में साइबर धोखाधड़ी और मोबाइल सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
सरकारी आदेश पर एपल ने जताई आपत्ति
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने एपल, सैमसंग और शाओमी जैसी कंपनियों को 90 दिनों के भीतर अपने फोन में Sanchar Saathi एप प्रीलोड करने और उसके फीचर्स को डिसेबल न होने देने का गुप्त आदेश दिया है। एपल ने इस आदेश पर आपत्ति जताई है और कहा कि वह दुनिया के किसी भी देश में ऐसा अनिवार्य एप प्रीलोड नहीं करता है। कंपनी का दावा है कि इससे iOS की प्राइवेसी और सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रभावित होगा।
स्मार्टफोन कंपनियां बनाम सरकार
रिपोर्ट के मुताबिक, एपल iOS पर बाहरी एप को जबरन जोड़ने की अनुमति नहीं देता, इसलिए कंपनी इस आदेश को अपने सिस्टम के खिलाफ मान रही है। दूसरी तरफ एंड्रॉयड एक ओपन-सोर्स सिस्टम है, जिससे सैमसंग और शाओमी जैसे ब्रांड सिस्टम लेवल पर ऐसे एप जोड़ सकते हैं।
रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के अनुसार ये कंपनियां सरकार के आदेश को रिव्यू कर रही हैं और आगे की रणनीति बना रही हैं। सरकार का तर्क है कि बढ़ते साइबर फ्रॉड, चोरी के फोन और IMEI स्पूफिंग को रोकने के लिए संचार साथी एप अनिवार्य प्रीलोड जरूरी है।
क्या है संचार साथी एप
संचार साथी एप दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा बनाया गया एक सरकारी साइबर सुरक्षा व ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य मोबाइल यूजर्स को डिजिटल फ्रॉड, चोरी हुए फोन और अनधिकृत सिम से सुरक्षा प्रदान करना है। इसे सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) से जोड़ा गया है।
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सूत्रों का कहना है कि एपल का मानना है कि इस तरह की अनिवार्यता उसके डिवाइसों की प्राइवेसी और सुरक्षा संरचना पर असर डाल सकती है। कंपनी इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण और चर्चा की मांग करेगी। वहीं, दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा जारी यह आदेश देश में साइबर धोखाधड़ी और मोबाइल सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से लागू किया गया है।
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सरकारी आदेश पर एपल ने जताई आपत्ति
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने एपल, सैमसंग और शाओमी जैसी कंपनियों को 90 दिनों के भीतर अपने फोन में Sanchar Saathi एप प्रीलोड करने और उसके फीचर्स को डिसेबल न होने देने का गुप्त आदेश दिया है। एपल ने इस आदेश पर आपत्ति जताई है और कहा कि वह दुनिया के किसी भी देश में ऐसा अनिवार्य एप प्रीलोड नहीं करता है। कंपनी का दावा है कि इससे iOS की प्राइवेसी और सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रभावित होगा।
स्मार्टफोन कंपनियां बनाम सरकार
रिपोर्ट के मुताबिक, एपल iOS पर बाहरी एप को जबरन जोड़ने की अनुमति नहीं देता, इसलिए कंपनी इस आदेश को अपने सिस्टम के खिलाफ मान रही है। दूसरी तरफ एंड्रॉयड एक ओपन-सोर्स सिस्टम है, जिससे सैमसंग और शाओमी जैसे ब्रांड सिस्टम लेवल पर ऐसे एप जोड़ सकते हैं।
रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के अनुसार ये कंपनियां सरकार के आदेश को रिव्यू कर रही हैं और आगे की रणनीति बना रही हैं। सरकार का तर्क है कि बढ़ते साइबर फ्रॉड, चोरी के फोन और IMEI स्पूफिंग को रोकने के लिए संचार साथी एप अनिवार्य प्रीलोड जरूरी है।
क्या है संचार साथी एप
संचार साथी एप दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा बनाया गया एक सरकारी साइबर सुरक्षा व ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य मोबाइल यूजर्स को डिजिटल फ्रॉड, चोरी हुए फोन और अनधिकृत सिम से सुरक्षा प्रदान करना है। इसे सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) से जोड़ा गया है।