Sanchar Sathi: कांग्रेस ने दूरसंचार विभाग के 'संचार साथी' एप आदेश को बताया असंवैधानिक, आदेश वापस लेने की मांग
कांग्रेस ने दूरसंचार विभाग के नए आदेश को असंवैधानिक बताते हुए सभी मोबाइल फोन्स में संचार साथी एप के प्री-इंस्टॉलेशन के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि यह कदम नागरिकों की निजता और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
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दूरसंचार विभाग (DoT) के सभी नए मोबाइल हैंडसेट में संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल करने के आदेश को कांग्रेस ने असंवैधानिक बताया है। कांग्रेस ने दूरसंचार विभाग से इसे तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की है। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि निजता का अधिकार, जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकारों का हिस्सा है। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "‘बिग ब्रदर हमें नहीं देख सकता। दूरसंचार विभाग का यह निर्देश पूरी तरह असंवैधानिक है। निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 में सुरक्षित है"।
कांग्रेस का आरोप: एप से निगरानी का खतरा
वेणुगोपाल ने इसे मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया एक्स (X) पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, ऐसा सरकारी एप जिसे यूजर अनइंस्टॉल भी नहीं कर सकता, लोगों की गतिविधियों पर निगरानी रखने वाला डिस्टोपियन टूल बन सकता है। उनका आरोप है कि यह कदम नागरिकों की हर गतिविधि, बातचीत और फैसलों पर नजर रखने का एक माध्यम बन जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आदेश नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर हो रहे 'लगातार हमलों' की नई कड़ी है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कांग्रेस ने इस आदेश को पूरी तरह खारिज करते हुए तुरंत इसे वापस लेने की मांग की है।
दूरसंचार विभाग का आदेश क्या कहता है?
वेणुगोपाल ने दूरसंचार विभाग का वह आदेश भी साझा किया जिसमें दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम 2024 (संशोधित) के तहत सभी नए मोबाइल फोन में संचार साथी एप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य किया गया है।
आदेश के अनुसार मोबाइल निर्माता और आयातकों को 120 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी। नियमों का पालन न करने पर दूरसंचार अधिनियम 2023 और अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है और दूरसंचार विभाग के संशोधन या वापसी तक जारी रहेगा।