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Tech Explained: चार्जर की केबल पर क्यों बना होता है सिलेंडर जैसा गोला? ज्यादातर लोग नहीं जानते इसका काम
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 12 Nov 2025 05:18 PM IST
सार
What is Ferrite Bead: क्या आपने कभी गौर किया है कि चार्जर या लैपटॉप के केबल पर एक छोटा सिलेंडरनुमा गोला लगा होता है? क्या आपने सोचा है कि यह किस काम आता है? ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते। तो चलिए डिटेल में जानते हैं कि इस सिलेंडर जैसे दिखने वाले गोले का क्या काम होता है।
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फेराइट बीड
- फोटो : AI
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विस्तार
रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाले लैपटॉप, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के चार्जर केबल पर एक सिलेंडर जैसा छोटा सा गोला अक्सर नजर आता है। यह गोला देखने में साधारण लगता है, लेकिन इसका महत्व बहुत बड़ा है। ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं या सोचते हैं कि यह केबल की मजबूती के लिए है, जबकि वास्तव में यह एक तकनीकी चमत्कार है जो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करना आसान बनाता है। इस गोलाकार हिस्से को फेराइट बीड (Ferrite Bead) या फेराइट चोक (Ferrite Choke) कहा जाता है, जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस को रोकने में मदद करता है।
यह कैसे करता है काम?
जब चार्जर या केबल से बिजली गुजरती है, तो उसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस यानी चुंबकीय रुकावटें पैदा होती हैं। ये रुकावटें हाई-फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों के रूप में होती हैं। जो अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों जैसे स्पीकर में अजीब आवाजें या वाई-फाई सिग्नल में रुकावट पैदा करता है। फेराइट बीड इन अनचाही फ्रीक्वेंसीज को फिल्टर करता है, जिससे आपका फोन, लैपटॉप या चार्जर स्मूथ तरीके से काम करता है और सिग्नल इंटरफेरेंस नहीं होता।
क्यों जरूरी है ये छोटा हिस्सा?
फेराइट बीड न केवल डिवाइस को बाहरी सिग्नल रुकावटों से बचाता है, बल्कि ओवरहीटिंग और पावर लॉस जैसी समस्याओं से भी सुरक्षा देता है। फेराइट बीड इन तरंगों को अवशोषित कर लेता है और केवल जरूरी विद्युत ऊर्जा को ही पास होने देता है। इससे न केवल चार्जिंग प्रक्रिया सुचारू रहती है, बल्कि रेडियो, टीवी या अन्य डिवाइस में होने वाली इंटरफेरेंस भी कम हो जाती है। यह तकनीक खासतौर पर यूएसबी केबल और पावर कॉर्ड में इस्तेमाल की जाती है, जहां इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेयरेंस का खतरा ज्यादा होता है।
हालांकि, यह कोई अनिवार्य हिस्सा नहीं है, लेकिन यूरोपीय संघ और अन्य देशों के नियमों के तहत ईएमआई कंट्रोल के लिए इसे शामिल किया जाता है। ज्यादातर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती, लेकिन अब अगली बार जब आप चार्जर देखें, तो इस छोटे गोलाकार हिस्से की सराहना जरूर करें।
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यह कैसे करता है काम?
जब चार्जर या केबल से बिजली गुजरती है, तो उसमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस यानी चुंबकीय रुकावटें पैदा होती हैं। ये रुकावटें हाई-फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों के रूप में होती हैं। जो अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों जैसे स्पीकर में अजीब आवाजें या वाई-फाई सिग्नल में रुकावट पैदा करता है। फेराइट बीड इन अनचाही फ्रीक्वेंसीज को फिल्टर करता है, जिससे आपका फोन, लैपटॉप या चार्जर स्मूथ तरीके से काम करता है और सिग्नल इंटरफेरेंस नहीं होता।
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क्यों जरूरी है ये छोटा हिस्सा?
फेराइट बीड न केवल डिवाइस को बाहरी सिग्नल रुकावटों से बचाता है, बल्कि ओवरहीटिंग और पावर लॉस जैसी समस्याओं से भी सुरक्षा देता है। फेराइट बीड इन तरंगों को अवशोषित कर लेता है और केवल जरूरी विद्युत ऊर्जा को ही पास होने देता है। इससे न केवल चार्जिंग प्रक्रिया सुचारू रहती है, बल्कि रेडियो, टीवी या अन्य डिवाइस में होने वाली इंटरफेरेंस भी कम हो जाती है। यह तकनीक खासतौर पर यूएसबी केबल और पावर कॉर्ड में इस्तेमाल की जाती है, जहां इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेयरेंस का खतरा ज्यादा होता है।
हालांकि, यह कोई अनिवार्य हिस्सा नहीं है, लेकिन यूरोपीय संघ और अन्य देशों के नियमों के तहत ईएमआई कंट्रोल के लिए इसे शामिल किया जाता है। ज्यादातर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती, लेकिन अब अगली बार जब आप चार्जर देखें, तो इस छोटे गोलाकार हिस्से की सराहना जरूर करें।