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AI: फ्री एआई यूजर्स के लिए मुश्किलें बढ़ीं, गूगल और ओपनएआई ने घटाई लिमिट्स

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Tue, 02 Dec 2025 05:36 PM IST
सार

गूगल और ओपनएआई ने जेमिनी और सोरा पर फ्री एक्सेस की लिमिट घटा दी है। अब फ्री यूजर्स को कम प्रॉम्प्ट्स, कम इमेज और कम वीडियो जेनरेशन मिलेगी। कंपनियों का कहना है कि बढ़ती मांग और भारी कंप्यूटिंग लागत को संभालने के लिए ये फैसला लिया गया है।

 

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Google & OpenAI Cut Free AI Limits: New Restrictions on Gemini and Sora
ओपन एआई सोरा और गूगल जेमिनी - फोटो : OpenAI Sora & Google Gemini
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विस्तार
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यूजर्स के लिए फ्री एआई टूल्स का इस्तेमाल अब पहले से मुश्किल होने वाला है। क्योंकि गूगल ने अपने जेमिनी और ओपनएआई ने अपने सोरा मॉडल्स पर फ्री एक्सेस की लिमिट घटा दी है। इससे उन यूजर्स को झटका लग सकता है, जो रोजमर्रा के कंटेट क्रिएशन के लिए फ्री एआई सेवाओं पर निर्भर रहते थे। कंपनियों का कहना है कि बढ़ती मांग और भारी कंप्यूटिंग लागत को संभालने के लिए ये जरूरी कदम उठाने पड़े हैं।

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गूगल ने फ्री प्रॉम्प्ट और इमेज-जेनरेशन की लिमिट बदली

गूगल ने जेमिनी 3 प्रो की लॉन्चिंग के साथ ही फ्री यूजर्स के लिए कुछ लिमिट्स लगाए थे। जिसमें एक यूजर को प्रतिदिन 5 प्रॉम्प्ट्स और नैनो बनाना प्रो के जरिए 3 इमेज जेनरेशन बनाने की अनुमति थी। लेकिन अब कंपनी ने सपोर्ट पेज से ये स्पष्ट संख्या हटा दी है। नई पॉलिसी के अनुसार, फ्री एक्सेस की रोजाना लिमिट "डिमांड के हिसाब से बदल सकती है"। कुछ समय के लिए नैनो बनाना प्रो पर इमेज लिमिट 3 से घटाकर 2 कर दी गई थी, लेकिन बाद में इसे फिर से 3 किया गया। कंपनी ने साफ संकेत दिया है कि आगे भी ये लिमिट्स एडजस्ट होती रहेंगी।

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ओपनएआई ने भी सोरा 2 की वीडियो जेनरेशन लिमिट घटाई

गूगल की तरह ही ओपनएआई ने भी सोरा 2 के फ्री यूजर्स के लिए वीडियो बनाने की लिमिट को 30 से घटाकर सिर्फ 6 कर दिया है। सोरा टीम के प्रमुख Bill Peebles ने सोशल मीडिया एक्स (X) पर लिखा कि प्लेटफॉर्म की "GPUs are melting", यानी भारी यूसेज की वजह से सर्वर्स पर बहुत ज्यादा लोड पड़ रहा है। वीडियो जेनरेशन में हाई कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है इसलिए ये कटौती जरूरी बताई गई।

फ्री यूजर्स पर पहले लागू होंगी पाबंदियां

गूगल का कहना है कि पेड यूजर्स को प्राथमिकता दी जाएगी। अगर सर्वर पर दबाव बढ़ता है, तो सबसे पहले फ्री अकाउंट्स पर सीमाएं और कड़ी होंगी। ताकि सर्विस की क्वॉलिटी बनी रहे। इन अपडेट्स से साफ है कि कंपनियां फ्री एक्सेस हटाना नहीं चाहतीं, लेकिन डिमांड बढ़ने पर लिमिट्स और कम हो सकती हैं।

पेड प्लान्स में क्या मिलता है?

फ्री यूजर्स की तुलना में पेड सब्सक्रिप्शन में काफी ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं। जैसे: ज्यादा प्रॉम्प्ट्स, ज्यादा इमेज जेनरेशन, बड़ा कॉन्टेक्स्ट विंडो, डीप रिसर्च और एजेंट फीचर्स और हाई-एंड वीडियो जेनरेशन क्षमता। जहां फ्री यूजर्स को सिर्फ 32,000 टोकन्स का कॉन्टेक्स्ट विंडो मिलता है। वहीं प्रो और अल्ट्रा प्लान में यह 1 मिलियन टोकन्स तक बढ़ जाता है।

जो भुगतान करेंगे उन्हीं को मिलेगी पूरी क्षमता

एआई एक हाई-कॉस्ट टेक्नोलॉजी बनती जा रही है। इसलिए गूगल और ओपनएआई जैसे दिग्गज अब ऐसा मॉडल अपना रहे हैं। जिसमें फ्री एक्सेस सिर्फ एंट्री-लेवल फीचर्स तक सीमित है। वहीं, सबसे एडवांस और पावरफुल क्षमताएं सिर्फ पेड प्लान्स में मिल रही हैं। साफ है एआई कंपनियां यूजर्स को धीरे-धीरे सब्सक्रिप्शन मॉडल की ओर ले जा रही हैं, जहां पूरी क्षमता उन्हीं को मिलेगी जो पैसे चुकाएंगे।

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