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AI: डिजिटलाइजेशन और एआई के बढ़ते असर से ग्लोबल बैंकिंग सेक्टर को खतरा, S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने किया दावा

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Thu, 13 Nov 2025 07:38 PM IST
सार

ग्लोबल बैंकिंग सेक्टर इस समय कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। S&P ग्लोबल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये कुछ बैंकों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं, जबकि कुछ बैंकों के लिए ये नए मौके का अवसर भी बन सकते हैं। 

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S&P says Banks at crossroads as AI costs rise and risks escalate
एआई (सांकेतिक फोटो) - फोटो : AI
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ग्लोबल बैंकिंग सेक्टर इस समय कई बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। तेज डिजिटलाइजेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ता इस्तेमाल, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते साइबर खतरे इन चुनौतियों की मुख्य वजह है। S&P ग्लोबल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये बदलाव कुछ बैंकों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं, जबकि कुछ बैंकों के लिए ये नए मौके का अवसर भी बन सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में मजबूत और कमजोर बैंकों के बीच अंतर और बढ़ेगा। यानी कुछ बैंक और मजबूत होंगे, जबकि कुछ बैंक पीछे रह जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, कई बाहरी और आर्थिक कारण ग्लोबल बैंकिंग सेक्टर को प्रभावित कर रहे हैं।

ये हैं ग्लोबल बैंकिंग सेक्टर को प्रभावित करने वाले मुख्य कारण

 

व्यापार परिदृश्य

एआई अपनाने वाले नए खिलाड़ी तेजी से मार्केट शेयर बढ़ा रहे हैं। अब बैंकों की प्रतिस्पर्धा इस बात पर निर्भर करेगी कि कौनसा बैंक एआई को कितनी समझदारी से अपनाता है।

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वित्तीय प्रदर्शन

बैंकों को एआई सॉल्यूशंस लगाने में काफी खर्च करना पड़ेगा और इन सिस्टम्स को चलाने की रनिंग कॉस्ट भी होगी। लेकिन लंबे समय में क्षमता बढ़ने, ब्रांड वैल्यू और कस्टमर लॉयल्टी से बैंकों की कमाई में सुधार हो सकता है।

जोखिम प्रबंधन

एआई टेक्नोलॉजी के साथ नए टेक्निकल रिस्क आते हैं और बैंकों की थर्ड पार्टी वेंडर्स पर निर्भरता बढ़ जाती है। हालांकि एआई रिस्क पहचानने, मॉनिटर करने और उसका सही मूल्य तय करने में बैंकों की मदद भी कर सकता है। इन सभी कारणों का असर बैंकों की क्रेडिट क्वालिटी, बिजनेस मॉडल, प्रतिष्ठा और परिचालन, मार्केट रिस्क पर पड़ेगा।

वित्तीय दृष्टिकोण

S&P के अनुमान के मुताबिक 2026 में बैंकों के क्रेडिट घाटा करीब 655 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकते हैं जो 2025 से 7.5% ज्यादा है। 2027 में ये नुकसान 683 बिलियन डॉलर तक जा सकता है। यानी 4.3% की और बढ़ोतरी हो सकती है। इन बढ़ते नुकसानों का सबसे बड़ा हिस्सा एशिया-पैसिफिक क्षेत्र, खासकर चीन के छोटे कारोबारों और उपभोक्ता कर्ज से जुड़ी अनिश्चितताओं से आएगा। हालांकि, रिपोर्ट का कहना है कि ये नुकसान नियंत्रित रहेंगे क्योंकि बैंकों की कमाई मजबूत है और हाल के वर्षों में सख्त नियमों की वजह से उनकी स्थिति बेहतर हुई है।

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