वर्ष 1991 में आगरा जिले का कृषि क्षेत्र (शुद्ध बोया गया क्षेत्र) 2,82,816 हेक्टेयर था, जो 2019 में 2,59,295 हेक्टेयर हो गया है। यानी बीते 30 साल में कृषि क्षेत्र 23.5 हजार हेक्टेयर कम हुआ। इसके बावजूद उन्नत तकनीक और सालभर में तीन फसल तक लेने से उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोत्तरी हुई है।
कृषि उपनिदेशक पुरुषोत्तम कुमार मिश्र के मुताबिक आगरा में कृषि क्षेत्र कम हुआ है। आगरा से सटे बिचपुरी ब्लॉक के ही अधिकांश गांव शहरी क्षेत्र में आ गए हैं। बरौली ब्लॉक में भी तेजी से बदलाव हुआ है। कृषि क्षेत्र कम होने के बावजूद फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोत्तरी हुई है। क्योंकि अब किसान साल में सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि तीन फसल तक लेता है। खेती में नए प्रयोगों ने भी उत्पादन को बढ़ाया है।
इसके अलावा 30 साल पहले जिस भूमि पर खेती नहीं होती थी, वह कृषि योग्य बनाई गई। वह भूमि वर्तमान में कृषि उपयोगी की श्रेणी में है। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जिले में सर्वाधिक रकबा गेहूं का 1.25 लाख हेक्टेयर है। कुल 3.98 लाख किसान पंजीकृत हैं। उप निदेशक उद्यान, कौशल कुमार नीरज के मुताबिक आलू का उत्पादन वर्तमान में 280 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
छह साल में इस तरह घटा रकबा
फसल 2014 2015 2016 2017 2018 2019
गेहूं 120753 120802 120903 128553 134141 132369
चावल 10164 9401 4892 5252 5432 5296
बाजरा 118146 129352 115536 122607 113844 118486
मक्का 45 47 115 50 115 33
उड़द 150 327 300 132 258 287
खेती का वर्तमान रकबा
गेहूं : 1.25 लाख हेक्टेयर
आलू : 71 हजार हेक्टेयर
सरसों : 65 हजार हेक्टेयर
जौ : 15 हजार हेक्टेयर
चना : 10 हजार हेक्टेयर
मटर : 10 हजार हेक्टेयर
मसूर दाल : 08 हजार हेक्टेयर
इस तरह बढ़ी उत्पादकता (क्विंटल प्रति हेक्टेयर)
फसल 2014 2015 2016 2017 2018 2019
गेहूं 32.25 32.35 40.8 40.34 43.69 43.55
चावल 23.84 23.99 25.42 24.96 24.62 25.76
बाजर 20.85 19.01 24.49 23.81 22.85 24.82
मक्का 26 28.51 29.82 30.8 32.91 35.15
उड़द 4.4 2.91 5.40 5.1 5.55 4.8
जागरूक हुआ है किसान
गांव सुडरई के किसान महाराज सिंह ने कहा कि किसान जागरूक हुआ है, नई तकनीक के साथ खेती करता है। उसका प्रभाव उत्पादन की बढ़ोत्तरी के रूप में है। किसान पुष्पेंद्र ने कहा कि खेती करने के तौर तरीके बदले। जैविक खेती की तरफ रुझान बढ़ा। इससे उत्पादकता बढ़ी।
जमीन को उपयोगी बनाया
गांव पीपलखेड़ा के किसान संजीव सिंह ने कहा कि जो जमीन खाली रहती थी, उसे भी कृषि उपयोगी बनाकर किसान ने खेती करना शुरू किया। गांव सहारा के किसान नवल सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र कम जरूर हुआ है, लेकिन किसान ने कड़ी मेहनत से उत्पादन में बढ़ोत्तरी की है।
विस्तार
वर्ष 1991 में आगरा जिले का कृषि क्षेत्र (शुद्ध बोया गया क्षेत्र) 2,82,816 हेक्टेयर था, जो 2019 में 2,59,295 हेक्टेयर हो गया है। यानी बीते 30 साल में कृषि क्षेत्र 23.5 हजार हेक्टेयर कम हुआ। इसके बावजूद उन्नत तकनीक और सालभर में तीन फसल तक लेने से उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोत्तरी हुई है।
कृषि उपनिदेशक पुरुषोत्तम कुमार मिश्र के मुताबिक आगरा में कृषि क्षेत्र कम हुआ है। आगरा से सटे बिचपुरी ब्लॉक के ही अधिकांश गांव शहरी क्षेत्र में आ गए हैं। बरौली ब्लॉक में भी तेजी से बदलाव हुआ है। कृषि क्षेत्र कम होने के बावजूद फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में बढ़ोत्तरी हुई है। क्योंकि अब किसान साल में सिर्फ एक फसल नहीं, बल्कि तीन फसल तक लेता है। खेती में नए प्रयोगों ने भी उत्पादन को बढ़ाया है।
इसके अलावा 30 साल पहले जिस भूमि पर खेती नहीं होती थी, वह कृषि योग्य बनाई गई। वह भूमि वर्तमान में कृषि उपयोगी की श्रेणी में है। जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जिले में सर्वाधिक रकबा गेहूं का 1.25 लाख हेक्टेयर है। कुल 3.98 लाख किसान पंजीकृत हैं। उप निदेशक उद्यान, कौशल कुमार नीरज के मुताबिक आलू का उत्पादन वर्तमान में 280 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।