न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अरविंद कुमार यादव ने बालिका से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा। नारखी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव निवासी पांच वर्षीय बालिका विगत 31 जुलाई 2020 की दोपहर तीन बजे घर के बाहर बच्चों के साथ खेल रही थी। तभी सूरज निवासी पिपरौली नारखी उसे टॉफी दिलाने के बहाने बहला-फुसला कर ले गया।
चाचा के घर ले जाकर किया दुष्कर्म
दुकान से टॉफी दिलाकर वह बालिका को अपने चाचा नेत्रपाल के घर ले गया और बालिका के साथ दुष्कर्म किया। इधर, बच्ची को घर के बाहर से लापता बालिका की परिजनों ने तलाश शुरू कर दी। कुछ देर बाद बालिका गांव में ही रोती हुई मिली। पूछताछ में बालिका ने अपनी मां को दर्द होने की बात बताई। इस पर बालिका की मां ने थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी सूरज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने मामले में चार्जशीट लगाकर न्यायालय में पेश की।
अर्थदंड भी लगाया
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पोस्को अरविंद कुमार यादव ने 16 महीने के भीतर सुनवाई पूरी की। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल सिंह और बचाव पक्ष से अधिवक्ता मधुलिका सिंह एडवोकेट ने पैरवी की। इस दौरान तमाम साक्ष्य, सुबूत और गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी सूरज को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई। दोषी पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। विशेष लोक अभियोजक कमल सिंह ने बताया कि अभियुक्त की जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी। अर्थदंड जमा होने पर उसका 80 प्रतिशत पीड़िता को प्रदान किया जाएगा।
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विस्तार
न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अरविंद कुमार यादव ने बालिका से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने की स्थिति में दोषी को छह माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा। नारखी थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव निवासी पांच वर्षीय बालिका विगत 31 जुलाई 2020 की दोपहर तीन बजे घर के बाहर बच्चों के साथ खेल रही थी। तभी सूरज निवासी पिपरौली नारखी उसे टॉफी दिलाने के बहाने बहला-फुसला कर ले गया।
चाचा के घर ले जाकर किया दुष्कर्म
दुकान से टॉफी दिलाकर वह बालिका को अपने चाचा नेत्रपाल के घर ले गया और बालिका के साथ दुष्कर्म किया। इधर, बच्ची को घर के बाहर से लापता बालिका की परिजनों ने तलाश शुरू कर दी। कुछ देर बाद बालिका गांव में ही रोती हुई मिली। पूछताछ में बालिका ने अपनी मां को दर्द होने की बात बताई। इस पर बालिका की मां ने थाने में तहरीर दी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी सूरज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने मामले में चार्जशीट लगाकर न्यायालय में पेश की।
अर्थदंड भी लगाया
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश पोस्को अरविंद कुमार यादव ने 16 महीने के भीतर सुनवाई पूरी की। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल सिंह और बचाव पक्ष से अधिवक्ता मधुलिका सिंह एडवोकेट ने पैरवी की। इस दौरान तमाम साक्ष्य, सुबूत और गवाहों के बयानों के आधार पर न्यायालय ने आरोपी सूरज को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई। दोषी पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। विशेष लोक अभियोजक कमल सिंह ने बताया कि अभियुक्त की जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी। अर्थदंड जमा होने पर उसका 80 प्रतिशत पीड़िता को प्रदान किया जाएगा।
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