श्री पारस अस्पताल में दमघोंटू मॉकड्रिल मामले में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच रिपोर्ट का इंतजार करिए। अस्पताल सील है। संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। पूरे प्रकरण की जांच चल रही है।
बता दें कि 26 अप्रैल को कथित मॉकड्रिल के वीडियो वायरल होने पर आगरा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा था। मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर जिलाधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद डीएम ने अस्पताल सील कर उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया। डॉ. अरिन्जय जैन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज है। हालांकि आठ दिन बाद भी मुकदमे में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इधर, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सर्किट हाउस में श्री पारस प्रकरण में सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे पीड़ित
कलक्ट्रेट में एडीएम सिटी के समक्ष बुधवार को बयान दर्ज कराने के लिए पीड़ित नहीं आए। पूर्व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पश्चिमपुरी निवासी लक्ष्मी नारायण की पत्नी की श्री पारस अस्पताल में मौत हो गई थी। आरोप था कि ऑक्सीजन कमी से मरीज की जान चली गई। एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि बयान दर्ज कराने से इनकार करते हुए पीड़ित ने कहा, उनके प्रार्थनापत्र को ही अंतिम बयान मान लिया जाए। प्रार्थनापत्र में लिखे तथ्यों के आधार पर जांच की जाए। एडीएम सिटी को 10 शिकायतें मिलीं थीं। जिनमें आठ मृतकों के सात परिजनों ने ऑक्सीजन व अस्पताल की लापरवाही से मौतों के आरोप लगाए हैं। छह पीड़ितों के बयान दर्ज हो चुके हैं। एडीएम सिटी ने बताया कि दो दिन में जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
डेथ ऑडिट भी अधूरा
प्रशासन ने 26 और 27 अप्रैल को सात मौत होने की बात कही। प्रत्यावेदन देने वाले नरेश पारस ने 22 मौतों के आरोप लगाए हैं। संदिग्ध मरीजों की मौतों की जांच के लिए डीएम ने एसएन के चार चिकित्सकों टीम बनाई है। तीन बार टीम अस्पताल जाकर जांच कर चुकी हैं। चार दिन बाद भी डेथ ऑडिट पूरा नहीं हो सका है।
श्री पारस अस्पताल प्रकरण: छह मृतकों के परिजनों ने बताया भयावह दिन का सच, ऑक्सीजन खत्म हो गई मरीज ले जाइए...
विस्तार
श्री पारस अस्पताल में दमघोंटू मॉकड्रिल मामले में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच रिपोर्ट का इंतजार करिए। अस्पताल सील है। संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। पूरे प्रकरण की जांच चल रही है।
बता दें कि 26 अप्रैल को कथित मॉकड्रिल के वीडियो वायरल होने पर आगरा से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मचा था। मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर जिलाधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिसके बाद डीएम ने अस्पताल सील कर उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया। डॉ. अरिन्जय जैन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज है। हालांकि आठ दिन बाद भी मुकदमे में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। इधर, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सर्किट हाउस में श्री पारस प्रकरण में सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे पीड़ित
कलक्ट्रेट में एडीएम सिटी के समक्ष बुधवार को बयान दर्ज कराने के लिए पीड़ित नहीं आए। पूर्व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी पश्चिमपुरी निवासी लक्ष्मी नारायण की पत्नी की श्री पारस अस्पताल में मौत हो गई थी। आरोप था कि ऑक्सीजन कमी से मरीज की जान चली गई। एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने बताया कि बयान दर्ज कराने से इनकार करते हुए पीड़ित ने कहा, उनके प्रार्थनापत्र को ही अंतिम बयान मान लिया जाए। प्रार्थनापत्र में लिखे तथ्यों के आधार पर जांच की जाए। एडीएम सिटी को 10 शिकायतें मिलीं थीं। जिनमें आठ मृतकों के सात परिजनों ने ऑक्सीजन व अस्पताल की लापरवाही से मौतों के आरोप लगाए हैं। छह पीड़ितों के बयान दर्ज हो चुके हैं। एडीएम सिटी ने बताया कि दो दिन में जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
डेथ ऑडिट भी अधूरा
प्रशासन ने 26 और 27 अप्रैल को सात मौत होने की बात कही। प्रत्यावेदन देने वाले नरेश पारस ने 22 मौतों के आरोप लगाए हैं। संदिग्ध मरीजों की मौतों की जांच के लिए डीएम ने एसएन के चार चिकित्सकों टीम बनाई है। तीन बार टीम अस्पताल जाकर जांच कर चुकी हैं। चार दिन बाद भी डेथ ऑडिट पूरा नहीं हो सका है।
श्री पारस अस्पताल प्रकरण: छह मृतकों के परिजनों ने बताया भयावह दिन का सच, ऑक्सीजन खत्म हो गई मरीज ले जाइए...