महानगर की बन्नादेवी पुलिस-साइबर सेल द्वारा दो मासूम बच्चों की कहानी व फेसबुक की मदद से खोले गए ब्लाइंड किरन सागर हत्याकांड में और भी नए तथ्य सामने आए हैं। पुलिस जांच में उजागर हुआ है कि किरन के हत्यारोपी प्रेमी मनोज सागर ने किरन से पैदा अपने डेढ़ साल के बेटे को अपनी सगी निसंतान साली को गोद दे दिया है। साथ में वह किरन के दोनों बच्चों को सारसौल के एक अनाथ आश्रम के गेट पर यह कहकर छोड़ गया था कि अगर कोई पूछे तो कहना कि उनके मामा उन्हें यहां छोड़ गए हैं। अनाथ आश्रम का पता उसने गूगल पर सर्च करके तलाशा था।
पुलिस जांच में सामने आया कि 2018 से प्रेम संबंधों में रह रहे किरन सागर व मनोज सागर से एक बेटा पैदा हुआ। पहले से किरन पर दो बच्चे आर्यन व अवनी हैं। 11 दिसंबर को जब किरन चंडौस में पूजा व मनोज से मिलने आई तो मनोज से पैदा बेटे को अपनी मां के पास आगरा छोड़कर आई थी। दोनों बड़े बच्चों को साथ लाई थी। मनोज ने यहां पूजा की मदद से किरन की हत्या की। फिर उसकी लाश को बाइक पर लादकर बच्चों को उसी बाइक पर बैठाकर पहले लाश ठिकाने लगाई। फिर बच्चों को सारसौल के पास अनाथ आश्रम के बाहर छोड़ा। इसके बाद मनोज अपने बच्चे को आगरा से बहाने से ले आया। फिर उसे अपनी पत्नी पूजा की बहन यानी गाजियाबाद निवासी साली को गोद दे दिया। तब से वह बच्चा साली के पास है। सीओ द्वितीय मोहसिन खान ने बताया कि मनोज व पूजा से पूछताछ में यह खुलासे हुए हैं। बता दें कि मंगलवार को पुलिस ने साढ़े तीन माह पुराने हत्याकांड का सारसौल पर लावारिस घूमते मिले बच्चों की मदद से खुलासा किया है।
इतना डराया कि कई दिन तक सहमे रहे बच्चे
चाइल्ड लाइन निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा के अनुसार बच्चों को मनोज ने अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद बच्चों को जब उसी बाइक पर बैठाकर लाया, जिस पर लाश लदी थी तो वह उन्हें डराता धमकाता आ रहा था। चूंकि उनकी आंखों के सामने मां को मारा था। इसलिए बच्चे डर गए। एक ही बात रटाई कि कोई कुछ पूछे, एक ही बात बतानी है कि मामा यहां छोड़ गए हैं। अनाथ आश्रम के सामने छोड़ने का मकसद था कि बच्चे अंदर चले जाएंगे तो पुलिस तक नहीं पहुंचेंगे। तीन चार दिन तक तो यहां भी बच्चों ने कुछ नहीं बताया। मगर धीरे-धीरे बच्चे खुले और फिर बताया कि वह इन बच्चों को कभी प्यार नहीं करता था। हमेशा उनको मारता-पीटता था। जब भी बच्चे पैसे मांगते तो उनको पीटता। फिर मां का नाम बताया तो फेसबुक पर जब उन्होंने अपनी मां का फोटो पहचान लिया तो उसे देख वे फिर सहम गए। उसके बाद से वे अपनी मां के पास जाने की जिद करने लगे। मनोज को अपने पिता के रूप में ही उन्होंने बताया। बच्चे उसे पिता ही मानते थे। चाइल्ड लाइन पदाधिकारी या पुलिस जब भी उन्हें कहीं ले जाते तो एक ही बात कहते कि क्या पिता के पास ले जा रहे हो। मगर जब हत्या का खुलासा होने के बाद नानी के सामने आए तो वे खुश हो गए और नानी के साथ हंसी खुशी चले गए।
पति से मिला धोखा, प्रेमी ने ले ली जान
आगरा से बच्चों को लेने आई किरन की मां ने पुलिस को बताया कि पति किरन को बहुत पीटता था। इसी से तंग आकर वह मनोज के संपर्क में आई। उधर किरन के पति के भी किसी अन्य महिला से संबंध हो गए। इस धोखे से वह और टूट गई। मगर दूसरे प्रेमी ने तो उसकी जान ही ले ली। वह पति से अलग होने के बाद नोएडा इस मकसद से गई थी कि वहां नौकरी कर बच्चों को पालेगी। मगर उल्टा हो गया।
केस बना आधार, अब हर थाने में होगी लावारिस बच्चों के मां-बाप की तलाश
अलीगढ़। इस हत्याकांड के खुलासे के बाद बुधवार को एसएसपी के निर्देशन में एसपी क्राइम रजनी व सीओ द्वितीय मोहसिन खान ने चाइल्ड लाइन व थानों में तैनात बाल कल्याण अधिकारियों संग बैठक की। इसमें तय किया गया है कि पिछले कुछ समय में मिले लावारिस बच्चों के परिवारों को नए सिरे से खोजने का अभियान चलाया जाए। इस खोज में किरन हत्याकांड का तरीका अपनाया जाए। बच्चों के स्तर से जो भी क्लू मिले, उस पर काम किया जाए। हो सकता है कि इस तरह की और भी बड़ी सफलता मिल सकती है।
महानगर की बन्नादेवी पुलिस-साइबर सेल द्वारा दो मासूम बच्चों की कहानी व फेसबुक की मदद से खोले गए ब्लाइंड किरन सागर हत्याकांड में और भी नए तथ्य सामने आए हैं। पुलिस जांच में उजागर हुआ है कि किरन के हत्यारोपी प्रेमी मनोज सागर ने किरन से पैदा अपने डेढ़ साल के बेटे को अपनी सगी निसंतान साली को गोद दे दिया है। साथ में वह किरन के दोनों बच्चों को सारसौल के एक अनाथ आश्रम के गेट पर यह कहकर छोड़ गया था कि अगर कोई पूछे तो कहना कि उनके मामा उन्हें यहां छोड़ गए हैं। अनाथ आश्रम का पता उसने गूगल पर सर्च करके तलाशा था।
पुलिस जांच में सामने आया कि 2018 से प्रेम संबंधों में रह रहे किरन सागर व मनोज सागर से एक बेटा पैदा हुआ। पहले से किरन पर दो बच्चे आर्यन व अवनी हैं। 11 दिसंबर को जब किरन चंडौस में पूजा व मनोज से मिलने आई तो मनोज से पैदा बेटे को अपनी मां के पास आगरा छोड़कर आई थी। दोनों बड़े बच्चों को साथ लाई थी। मनोज ने यहां पूजा की मदद से किरन की हत्या की। फिर उसकी लाश को बाइक पर लादकर बच्चों को उसी बाइक पर बैठाकर पहले लाश ठिकाने लगाई। फिर बच्चों को सारसौल के पास अनाथ आश्रम के बाहर छोड़ा। इसके बाद मनोज अपने बच्चे को आगरा से बहाने से ले आया। फिर उसे अपनी पत्नी पूजा की बहन यानी गाजियाबाद निवासी साली को गोद दे दिया। तब से वह बच्चा साली के पास है। सीओ द्वितीय मोहसिन खान ने बताया कि मनोज व पूजा से पूछताछ में यह खुलासे हुए हैं। बता दें कि मंगलवार को पुलिस ने साढ़े तीन माह पुराने हत्याकांड का सारसौल पर लावारिस घूमते मिले बच्चों की मदद से खुलासा किया है।
इतना डराया कि कई दिन तक सहमे रहे बच्चे
चाइल्ड लाइन निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा के अनुसार बच्चों को मनोज ने अपनी प्रेमिका की हत्या के बाद बच्चों को जब उसी बाइक पर बैठाकर लाया, जिस पर लाश लदी थी तो वह उन्हें डराता धमकाता आ रहा था। चूंकि उनकी आंखों के सामने मां को मारा था। इसलिए बच्चे डर गए। एक ही बात रटाई कि कोई कुछ पूछे, एक ही बात बतानी है कि मामा यहां छोड़ गए हैं। अनाथ आश्रम के सामने छोड़ने का मकसद था कि बच्चे अंदर चले जाएंगे तो पुलिस तक नहीं पहुंचेंगे। तीन चार दिन तक तो यहां भी बच्चों ने कुछ नहीं बताया। मगर धीरे-धीरे बच्चे खुले और फिर बताया कि वह इन बच्चों को कभी प्यार नहीं करता था। हमेशा उनको मारता-पीटता था। जब भी बच्चे पैसे मांगते तो उनको पीटता। फिर मां का नाम बताया तो फेसबुक पर जब उन्होंने अपनी मां का फोटो पहचान लिया तो उसे देख वे फिर सहम गए। उसके बाद से वे अपनी मां के पास जाने की जिद करने लगे। मनोज को अपने पिता के रूप में ही उन्होंने बताया। बच्चे उसे पिता ही मानते थे। चाइल्ड लाइन पदाधिकारी या पुलिस जब भी उन्हें कहीं ले जाते तो एक ही बात कहते कि क्या पिता के पास ले जा रहे हो। मगर जब हत्या का खुलासा होने के बाद नानी के सामने आए तो वे खुश हो गए और नानी के साथ हंसी खुशी चले गए।
पति से मिला धोखा, प्रेमी ने ले ली जान
आगरा से बच्चों को लेने आई किरन की मां ने पुलिस को बताया कि पति किरन को बहुत पीटता था। इसी से तंग आकर वह मनोज के संपर्क में आई। उधर किरन के पति के भी किसी अन्य महिला से संबंध हो गए। इस धोखे से वह और टूट गई। मगर दूसरे प्रेमी ने तो उसकी जान ही ले ली। वह पति से अलग होने के बाद नोएडा इस मकसद से गई थी कि वहां नौकरी कर बच्चों को पालेगी। मगर उल्टा हो गया।
केस बना आधार, अब हर थाने में होगी लावारिस बच्चों के मां-बाप की तलाश
अलीगढ़। इस हत्याकांड के खुलासे के बाद बुधवार को एसएसपी के निर्देशन में एसपी क्राइम रजनी व सीओ द्वितीय मोहसिन खान ने चाइल्ड लाइन व थानों में तैनात बाल कल्याण अधिकारियों संग बैठक की। इसमें तय किया गया है कि पिछले कुछ समय में मिले लावारिस बच्चों के परिवारों को नए सिरे से खोजने का अभियान चलाया जाए। इस खोज में किरन हत्याकांड का तरीका अपनाया जाए। बच्चों के स्तर से जो भी क्लू मिले, उस पर काम किया जाए। हो सकता है कि इस तरह की और भी बड़ी सफलता मिल सकती है।