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UP: रात भर हाईवे पर पड़े रहे दो भाइयों के शव... परिजन खोजते रहे; पुलिस ने थाने से किया वापस, बोली- कासगंज जाओ
अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़
Published by: शाहरुख खान
Updated Tue, 02 Dec 2025 03:21 PM IST
सार
अलीगढ़ में दो बुजुर्ग भाइयों की वाहन से कुचलकर मौत हो गई। रात भर हाईवे पर शव पड़े रहे। बरेली से भांजी की शादी कर लौटते समय हाईवे बाईपास पर देर शाम हादसा हुआ। सुबह को हादसे की खबर सुबह मिली।
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मृतकों की फाइल फोटो
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
अलीगढ़ महानगर के सासनी गेट क्षेत्र के मोहल्ला पंचनगरी के बुजुर्ग भाइयों सत्यप्रकाश (72) व रविंद्र कुमार (65) की रविवार देर शाम हाईवे बाईपास पर किसी वाहन से कुचलकर मौत हो गई। दुर्घटना के बाद दोनों शव रात भर हाईवे सहारे पड़े रहे।
वहीं मोबाइल बंद आने पर परिवार उन्हें खोजता रहा। सुबह किसी राहगीर की खबर पर पहुंची पुलिस ने शिनाख्त के बाद परिवार को खबर दी। खबर पर परिवार में कोहराम मचा हुआ है। इसे पुलिस पेट्रोलिंग की बड़ी लापरवाही कहा जा रहा है।
मोहल्ला पंच नगरी सराय हरनारायण रोड के चार भाइयों में सबसे बड़े सत्यप्रकाश व मझले रविंद्र कुमार बिसारिया शनिवार को चचेरी बहन की बेटी यानि भांजी की शादी में बरेली गए थे। शनिवार रात को शादी में शामिल होने के बाद रविवार सुबह वे कासगंज आकर कुछ घंटे वहां अपने चाचा के घर रुके।
परिवार के अनुसार यहां से दोपहर करीब साढ़े तीन बजे रोडवेज बस से अलीगढ़ के लिए चले। मगर घर नहीं आए। परिवार के अनुसार शाम करीब साढ़े छह बजे रविंद्र की परिवार से बात हुई, तब उन्होंने कहा था कि वह जल्द पहुंचने वाले हैं। देर रात तक घर न आने पर उनका मोबाइल मिलाया तो बंद आने लगा।
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वहीं मोबाइल बंद आने पर परिवार उन्हें खोजता रहा। सुबह किसी राहगीर की खबर पर पहुंची पुलिस ने शिनाख्त के बाद परिवार को खबर दी। खबर पर परिवार में कोहराम मचा हुआ है। इसे पुलिस पेट्रोलिंग की बड़ी लापरवाही कहा जा रहा है।
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मोहल्ला पंच नगरी सराय हरनारायण रोड के चार भाइयों में सबसे बड़े सत्यप्रकाश व मझले रविंद्र कुमार बिसारिया शनिवार को चचेरी बहन की बेटी यानि भांजी की शादी में बरेली गए थे। शनिवार रात को शादी में शामिल होने के बाद रविवार सुबह वे कासगंज आकर कुछ घंटे वहां अपने चाचा के घर रुके।
परिवार के अनुसार यहां से दोपहर करीब साढ़े तीन बजे रोडवेज बस से अलीगढ़ के लिए चले। मगर घर नहीं आए। परिवार के अनुसार शाम करीब साढ़े छह बजे रविंद्र की परिवार से बात हुई, तब उन्होंने कहा था कि वह जल्द पहुंचने वाले हैं। देर रात तक घर न आने पर उनका मोबाइल मिलाया तो बंद आने लगा।
परिजन रात भर खोजते रहे और सुबह कासगंज रवाना हो गए। इसी बीच सोमवार सुबह 9:30 बजे किसी राहगीर के जरिये दोनों के शव हाईवे बाईपास पर मथुरा रोड कट के सहारे गांव हाजीपुर चौहट्टा के पास पड़े देखे। इस सूचना पर पहुंची पुलिस ने कुछ देर में पहचान कर परिजनों को 10 बजे खबर दी।
तब परिजन कासगंज से वापस आए। इसके बाद दोपहर में पोस्टमार्टम आदि की प्रक्रिया के बाद शव परिवार को सौंप दिए गए। एसएचओ बालेंद्र सिंह के अनुसार दोनों की मृत्यु दुर्घटना से हुई है। बाकी कार्रवाई की जा रही है।
किसी ने शव हाईवे से खींचकर सड़क सहारे किए
पुलिस व खुद परिजनों को इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि शवों को हाईवे से खींचकर सहारे किया गया। मगर किसी ने पुलिस को रात में सूचना नहीं दी। ये अपने आप में सवाल है। परिवार का यह भी कहना है कि दुर्घटना में सत्यप्रकाश के सिर व सीने में गंभीर चोट थीं, जबकि रविंद्र के पांव की ओर अधिक चोट थीं। मोबाइल टूटा हुआ पड़ा था। देखने से लग रहा था कि किसी वाहन ने बुरी तरह कुचला है।
पुलिस व खुद परिजनों को इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि शवों को हाईवे से खींचकर सहारे किया गया। मगर किसी ने पुलिस को रात में सूचना नहीं दी। ये अपने आप में सवाल है। परिवार का यह भी कहना है कि दुर्घटना में सत्यप्रकाश के सिर व सीने में गंभीर चोट थीं, जबकि रविंद्र के पांव की ओर अधिक चोट थीं। मोबाइल टूटा हुआ पड़ा था। देखने से लग रहा था कि किसी वाहन ने बुरी तरह कुचला है।
मोबाइल पर मां ने कहते सुना था यहीं रोक दो बस
सत्यप्रकाश व रविंद्र चार भाइयों में सबसे बड़े व मझले थे। दूसरे नंबर के भाई अजीत घर पर ही थे, जबकि सबसे छोटे प्रदीप का पहले देहांत हो चुका है। सत्यप्रकाश के कोई संतान नहीं थी। उनकी पत्नी का भी देहांत हो चुका है। वे रविंद्र के साथ ही रहते थे। रविंद्र के एक बेटा व दो बेटी हैं।
सत्यप्रकाश व रविंद्र चार भाइयों में सबसे बड़े व मझले थे। दूसरे नंबर के भाई अजीत घर पर ही थे, जबकि सबसे छोटे प्रदीप का पहले देहांत हो चुका है। सत्यप्रकाश के कोई संतान नहीं थी। उनकी पत्नी का भी देहांत हो चुका है। वे रविंद्र के साथ ही रहते थे। रविंद्र के एक बेटा व दो बेटी हैं।
तीनों की शादी हो चुकी है। निजी कंपनी में जॉब करने वाले रविंद्र के बेटे शुभम व अन्य रिश्तेदारों ने बताया कि आखिरी बार शाम करीब साढ़े छह बजे मां आभा ने पापा को फोन मिलाया था। तब पापा ने यह कहा कि बस वे पहुंचने वाले हैं। साथ में मां ने पापा को बस परिचालक से यह कहते सुना था कि बस यहीं रुकवा दो। इसके बाद फोन कट गया।
रात में थाने से किया वापस, बोले कासगंज जाओ
पोस्टमार्टम केंद्र पर शुभम ने यह भी बताया कि वह रात में जब घर पहुंचा। तब मां ने यह विषय बताया। इसके बाद से परिजनों संग पापा व ताऊजी को खोज रहा था। रात 11 बजे करीब सासनी गेट थाने जाकर भी जानकारी देनी चाही। वहां विषय समझने के बाद सलाह दे दी गई कि आप लोग कासगंज जाओ। वहीं से जानकारी होगी।
पोस्टमार्टम केंद्र पर शुभम ने यह भी बताया कि वह रात में जब घर पहुंचा। तब मां ने यह विषय बताया। इसके बाद से परिजनों संग पापा व ताऊजी को खोज रहा था। रात 11 बजे करीब सासनी गेट थाने जाकर भी जानकारी देनी चाही। वहां विषय समझने के बाद सलाह दे दी गई कि आप लोग कासगंज जाओ। वहीं से जानकारी होगी।
पुलिस ने संकलित किए फॉरेंसिक साक्ष्य, माना दुर्घटना
सीओ प्रथम मयंक पाठक ने बताया कि यह सही है कि रात में किसी वाहन की चपेट में आकर दोनों की मृत्यु हो गई। इसके बाद इनके शव वहां पड़े रहे। किसी ने या तो सूचना पुलिस को नहीं दी। या देखा नहीं जा सका। मृत्यु के कारणों को लेकर दुर्घटनास्थल पर फॉरेंसिक जांच भी कराई गई है, जिससे चोटों से व घटनास्थल पर दुर्घटना स्पष्ट हो रही है। सीसीटीवी से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि दुर्घटना कितने बजे हुई। किस वाहन से हुई।
सीओ प्रथम मयंक पाठक ने बताया कि यह सही है कि रात में किसी वाहन की चपेट में आकर दोनों की मृत्यु हो गई। इसके बाद इनके शव वहां पड़े रहे। किसी ने या तो सूचना पुलिस को नहीं दी। या देखा नहीं जा सका। मृत्यु के कारणों को लेकर दुर्घटनास्थल पर फॉरेंसिक जांच भी कराई गई है, जिससे चोटों से व घटनास्थल पर दुर्घटना स्पष्ट हो रही है। सीसीटीवी से यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि दुर्घटना कितने बजे हुई। किस वाहन से हुई।