सीबीआई की चार्जशीट में इस बात की पुष्टि हुई है कि लखनऊ में इंदु प्रकाश मिश्रा के घर पर नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि में मुलाकात हुई थी। यहां दोनों के बीच लिखित समझौता हुआ था। दोनों ने वादा किया था अब कोई बयानबाजी नहीं की जाएगी। नरेंद्र गिरि ने आनंद को माफ करते हुए वीडियो भी बनवाया था। साथ ही आनंद को अनुमति दी थी कि वह गुरु पूर्णिमा पर मठ लौट सकते हैं लेकिन दोनों ही पक्षों ने समझौते पर कोई अमल नहीं किया।
नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच विवाद के दौरान उनके तमाम करीबी दोनों में समझौता कराने के लिए लगे हुए थे। नरेंद्र गिरि ने इंदु प्रकाश मिश्रा, सुशील मिश्रा और ओमप्रकाश पांडेय से कहा था कि वह आनंद को समझाएं। दोनों पक्षों से बात कर 26 मई को लखनऊ में इंदु प्रकाश के घर नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि को बुलवाया गया। वहीं पर समझौते का ड्राफ्ट तैयार किया गया। जिस पर दोनों ने हस्ताक्षर किए। आनंद गिरि ने वहीं पर नरेंद्र गिरि के चरणों में बैठकर वीडियो बनवाया और कहा कि उससे बहुत बड़ी गलती हुई है, अब कान पकड़कर गुरु से माफी मांगते हैं। सारे आरोप वापस लेते हैं।
गुरु ने भी आनंद के सिर पर हाथ फेरते हुए उन्हें माफ कर दिया था। लिखित समझौते के तहत आनंद को गुरु पूर्णिमा पर मठ लौट जाना था। लौटते वक्त नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को कुछ पैसे भी दिए। पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर उसी दिन जारी कर दिया गया। हालांकि दोनों पक्षों में से किसी ने भी इस समझौते को नहीं माना। अंदरूनी तौर पर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहे।
आनंद गिरि ने हरिद्वार एसएसपी को लिखी थी चिट्ठी
आनंद गिरि ने हरिद्वार एसएसपी को चिट्ठी लिखकर बताया था कि मठ में उनकी बंदूक और एक वाहन है। उन्हें आशंका है कि इसका दुरुपयोग कर उन्हें आपराधिक मामले में फंसाया जा सकता है।
विस्तार
सीबीआई की चार्जशीट में इस बात की पुष्टि हुई है कि लखनऊ में इंदु प्रकाश मिश्रा के घर पर नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि में मुलाकात हुई थी। यहां दोनों के बीच लिखित समझौता हुआ था। दोनों ने वादा किया था अब कोई बयानबाजी नहीं की जाएगी। नरेंद्र गिरि ने आनंद को माफ करते हुए वीडियो भी बनवाया था। साथ ही आनंद को अनुमति दी थी कि वह गुरु पूर्णिमा पर मठ लौट सकते हैं लेकिन दोनों ही पक्षों ने समझौते पर कोई अमल नहीं किया।
नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि के बीच विवाद के दौरान उनके तमाम करीबी दोनों में समझौता कराने के लिए लगे हुए थे। नरेंद्र गिरि ने इंदु प्रकाश मिश्रा, सुशील मिश्रा और ओमप्रकाश पांडेय से कहा था कि वह आनंद को समझाएं। दोनों पक्षों से बात कर 26 मई को लखनऊ में इंदु प्रकाश के घर नरेंद्र गिरि और आनंद गिरि को बुलवाया गया। वहीं पर समझौते का ड्राफ्ट तैयार किया गया। जिस पर दोनों ने हस्ताक्षर किए। आनंद गिरि ने वहीं पर नरेंद्र गिरि के चरणों में बैठकर वीडियो बनवाया और कहा कि उससे बहुत बड़ी गलती हुई है, अब कान पकड़कर गुरु से माफी मांगते हैं। सारे आरोप वापस लेते हैं।
गुरु ने भी आनंद के सिर पर हाथ फेरते हुए उन्हें माफ कर दिया था। लिखित समझौते के तहत आनंद को गुरु पूर्णिमा पर मठ लौट जाना था। लौटते वक्त नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को कुछ पैसे भी दिए। पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर उसी दिन जारी कर दिया गया। हालांकि दोनों पक्षों में से किसी ने भी इस समझौते को नहीं माना। अंदरूनी तौर पर एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहे।
आनंद गिरि ने हरिद्वार एसएसपी को लिखी थी चिट्ठी
आनंद गिरि ने हरिद्वार एसएसपी को चिट्ठी लिखकर बताया था कि मठ में उनकी बंदूक और एक वाहन है। उन्हें आशंका है कि इसका दुरुपयोग कर उन्हें आपराधिक मामले में फंसाया जा सकता है।