लॉकडाउन में साधु-संतों के ब्रह्मलीन होने पर अंतिम दर्शन व समाधि के लिए अब दूसरे राज्यों और जिलों से संत नहीं बुलाए जाएंगे। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के नाम पर भीड़ के हाथों जूना अखाड़े के दो संतों की हत्या और लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने यह निर्णय लिया है। परिषद ने अखाड़ों से जुड़े महंतों और अन्य साधु-संतों के लिए इस नियम का पालन करने के लिए कहा है।
महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो संतों की हत्या को लेकर साधु समाज में व्याप्त देशव्यापी आक्रोश के बीच अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने ब्रह्मलीन होने पर समाधि के लिए गाइड लाइन जारी की है। परिषद के मुताबिक दरअसल पालघर में जिन दो संतों समेत तीन लोगों को भीड़ ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया, वे अपने गुरु की समाधि में शामिल होने जा रहे थे।
ऐसे में अखाड़ा परिषद ने किसी भी संत के ब्रह्मलीन होने पर समाधि के दौरान लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए कहा है। परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने सभी 13 अखाड़ों और अन्य साधु-संतों से कहा है कि लॉकडाउन में अगर कोई संत -महंत ब्रह्मलीन होते हैं, तो उस इलाके के ग्रामीण और परंपरागत आसपास के लोग ही उनकी समाधि में शामिल हों।
दूसरे प्रांत या जिले से साधु-संतों, अनुयायियों को समाधि में जाने से फिलहाल लॉकडाउन की अवधि तक परहेज करना चाहिए। महंत नरेंद्र गिरि ने आरोप लगाया है कि कोरोना के बहाने समुदाय विशेष के लोगों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद अखाड़ा परिषद इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए रणनीति तय करेगा।
लॉकडाउन में साधु-संतों के ब्रह्मलीन होने पर अंतिम दर्शन व समाधि के लिए अब दूसरे राज्यों और जिलों से संत नहीं बुलाए जाएंगे। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के नाम पर भीड़ के हाथों जूना अखाड़े के दो संतों की हत्या और लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने यह निर्णय लिया है। परिषद ने अखाड़ों से जुड़े महंतों और अन्य साधु-संतों के लिए इस नियम का पालन करने के लिए कहा है।
महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो संतों की हत्या को लेकर साधु समाज में व्याप्त देशव्यापी आक्रोश के बीच अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने ब्रह्मलीन होने पर समाधि के लिए गाइड लाइन जारी की है। परिषद के मुताबिक दरअसल पालघर में जिन दो संतों समेत तीन लोगों को भीड़ ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया, वे अपने गुरु की समाधि में शामिल होने जा रहे थे।
ऐसे में अखाड़ा परिषद ने किसी भी संत के ब्रह्मलीन होने पर समाधि के दौरान लॉकडाउन के नियमों का पालन करने के लिए कहा है। परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने सभी 13 अखाड़ों और अन्य साधु-संतों से कहा है कि लॉकडाउन में अगर कोई संत -महंत ब्रह्मलीन होते हैं, तो उस इलाके के ग्रामीण और परंपरागत आसपास के लोग ही उनकी समाधि में शामिल हों।
दूसरे प्रांत या जिले से साधु-संतों, अनुयायियों को समाधि में जाने से फिलहाल लॉकडाउन की अवधि तक परहेज करना चाहिए। महंत नरेंद्र गिरि ने आरोप लगाया है कि कोरोना के बहाने समुदाय विशेष के लोगों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद अखाड़ा परिषद इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए रणनीति तय करेगा।