अंबेडकरनगर। धान खरीद प्रारंभ हुए ढाई माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक 20 हजार 409 किसानों का एक लाख 9 हजार 156 मीट्रिक टन धान की ही खरीद हो सकी है। यह खरीद 1 लाख 58 हजार 400 मीट्रिक टन की तुलना में लगभग 69 प्रतिशत है। धान खरीद का कार्य 28 फरवरी तक होना है। इसे देखते हुए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 5 एजेंसियों के सभी क्रय केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वे समय रहते शत-प्रतिशत धान की खरीद के लक्ष्य को पूरा करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उधर खरीदे गए धान का भुगतान समय पर न होने से किसानों को मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। लगभग 5 हजार किसानों का 34 करोड़ 38 लाख रुपये का बकाया है।
धान बिक्री के लिए किसानों की मुश्किलें प्रशासन के तमाम दिशा-निर्देश के बाद भी बरकरार हैं। ऑनलाइन व ऑफलाइन के चक्कर में कई बार किसानों को धान की बिक्री करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। मौजूदा समय में ऑफलाइन टोकन सिस्टम से ही किसानों के धान की खरीद की जा रही है। इससे धान किसानों ने काफी राहत महसूस की है। बताते चलें कि किसानों को धान बिक्री करने में किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 5 एजेेंसियों के कुल 82 केंद्र स्थापित किए गए थे। 1 नवंबर से खरीद का कार्य प्रारंभ हुआ है।
खाद्य एवं विपणन विभाग के अनुसार अब 20 हजार 409 किसानों का 109156.490 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। यह खरीद निर्धारित लक्ष्य 1 लाख 58 हजार 400 मीट्रिक टन की तुलना में लगभग 69 प्रतिशत है। धान खरीद का कार्य 28 फरवरी तक होना है। ऐसे में क्रय केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि समय रहते लय को शत-प्रतिशत पूरा कर लिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे किसान
धान बिक्री को लेकर एक तरफ जहां किसान मुश्किलों से जूझ रहे हैं, तो वहीं उन्हेें समय पर भुगतान न होने से भी आर्थिक मुश्किलेें उठानी पड़ रही हैं। खाद्य एवं विपणन विभाग कार्यालय के अनुसार 1 अरब 77 करोड़ 37 लाख 7 हजार 74 रुपये का भुगतान लगभग 15 हजार किसानों को हो चुका है। अभी लगभग 5 हजार किसानों का 34 करोड़ 38 लाख 5 हजार 805 रुपये का भुगतान होना शेष है। विभाग के अनुसार शीघ्र ही संबंधित किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि भुगतान को लेकर किसानों की चिंता लगातार बनी हुई है। किसानों का कहना है कि वे भुगतान के लिए बार-बार जिम्मेदारों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सिर्फ शीघ्र भुगतान का ही आश्वासन दिया जाता है।
शुरू हुआ नवीन मंडी में ट्रॉलियों का प्रवेश
लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए खाद्य विभाग ने नवीन मंडी परिषद में पिछले बुधवार को मंडी में नए धान लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली के प्रवेश पर 18 जनवरी मंगलवार तक बंद कर दिया था। यह कहा गया था कि जब तक मंडी समिति परिषद परिसर में पहले से मौजूद धान की तौल नहीं हो जाती, तब तक नई धान लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इस बीच बुधवार 19 जनवरी से एक बार फिर से नए धान लदी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी गई। ऐस में सुबह से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा।
शत-प्रतिशत खरीद का निर्देश
धान खरीद में तेजी लाए जाने के निर्देश सभी क्रय केंद्र प्रभारियों को दिए गए हैं। 28 फरवरी तक खरीद का कार्य होना है। ऐसे मेें क्रय केेंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि खरीद के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा किया जाए। साथ ही किसानों का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। -राजेश कुमार, खाद्य एवं विपणन अधिकारी
अंबेडकरनगर। धान खरीद प्रारंभ हुए ढाई माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक 20 हजार 409 किसानों का एक लाख 9 हजार 156 मीट्रिक टन धान की ही खरीद हो सकी है। यह खरीद 1 लाख 58 हजार 400 मीट्रिक टन की तुलना में लगभग 69 प्रतिशत है। धान खरीद का कार्य 28 फरवरी तक होना है। इसे देखते हुए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 5 एजेंसियों के सभी क्रय केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वे समय रहते शत-प्रतिशत धान की खरीद के लक्ष्य को पूरा करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उधर खरीदे गए धान का भुगतान समय पर न होने से किसानों को मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। लगभग 5 हजार किसानों का 34 करोड़ 38 लाख रुपये का बकाया है।
धान बिक्री के लिए किसानों की मुश्किलें प्रशासन के तमाम दिशा-निर्देश के बाद भी बरकरार हैं। ऑनलाइन व ऑफलाइन के चक्कर में कई बार किसानों को धान की बिक्री करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। मौजूदा समय में ऑफलाइन टोकन सिस्टम से ही किसानों के धान की खरीद की जा रही है। इससे धान किसानों ने काफी राहत महसूस की है। बताते चलें कि किसानों को धान बिक्री करने में किसी भी प्रकार की मुश्किल न हो, इसके लिए जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 5 एजेेंसियों के कुल 82 केंद्र स्थापित किए गए थे। 1 नवंबर से खरीद का कार्य प्रारंभ हुआ है।
खाद्य एवं विपणन विभाग के अनुसार अब 20 हजार 409 किसानों का 109156.490 मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। यह खरीद निर्धारित लक्ष्य 1 लाख 58 हजार 400 मीट्रिक टन की तुलना में लगभग 69 प्रतिशत है। धान खरीद का कार्य 28 फरवरी तक होना है। ऐसे में क्रय केंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि समय रहते लय को शत-प्रतिशत पूरा कर लिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।
भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे किसान
धान बिक्री को लेकर एक तरफ जहां किसान मुश्किलों से जूझ रहे हैं, तो वहीं उन्हेें समय पर भुगतान न होने से भी आर्थिक मुश्किलेें उठानी पड़ रही हैं। खाद्य एवं विपणन विभाग कार्यालय के अनुसार 1 अरब 77 करोड़ 37 लाख 7 हजार 74 रुपये का भुगतान लगभग 15 हजार किसानों को हो चुका है। अभी लगभग 5 हजार किसानों का 34 करोड़ 38 लाख 5 हजार 805 रुपये का भुगतान होना शेष है। विभाग के अनुसार शीघ्र ही संबंधित किसानों का भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि भुगतान को लेकर किसानों की चिंता लगातार बनी हुई है। किसानों का कहना है कि वे भुगतान के लिए बार-बार जिम्मेदारों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन सिर्फ शीघ्र भुगतान का ही आश्वासन दिया जाता है।
शुरू हुआ नवीन मंडी में ट्रॉलियों का प्रवेश
लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए खाद्य विभाग ने नवीन मंडी परिषद में पिछले बुधवार को मंडी में नए धान लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली के प्रवेश पर 18 जनवरी मंगलवार तक बंद कर दिया था। यह कहा गया था कि जब तक मंडी समिति परिषद परिसर में पहले से मौजूद धान की तौल नहीं हो जाती, तब तक नई धान लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इस बीच बुधवार 19 जनवरी से एक बार फिर से नए धान लदी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को प्रवेश की अनुमति प्रदान कर दी गई। ऐस में सुबह से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के पहुंचने का सिलसिला प्रारंभ हो गया, जो देर शाम तक जारी रहा।
शत-प्रतिशत खरीद का निर्देश
धान खरीद में तेजी लाए जाने के निर्देश सभी क्रय केंद्र प्रभारियों को दिए गए हैं। 28 फरवरी तक खरीद का कार्य होना है। ऐसे मेें क्रय केेंद्र प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि खरीद के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा किया जाए। साथ ही किसानों का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। -राजेश कुमार, खाद्य एवं विपणन अधिकारी