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Ambedkar Nagar News: स्टाफ की कमी से जूझ रहा आलापुर का राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय
संवाद न्यूज एजेंसी, अम्बेडकरनगर
Updated Thu, 13 Nov 2025 11:46 PM IST
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आलापुर (अंबेडकरनगर)। क्षेत्र का पंडित राम लखन शुक्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय इन दिनों गंभीर शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। महाविद्यालय में स्नातक (बीए, बीकॉम, बीएससी) से लेकर परास्नातक (एमए) स्तर तक की कक्षाएं तो संचालित हैं, मगर शिक्षकों की भारी कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था पर सीधा असर पड़ रहा है।
महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान, गणित, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, शारीरिक शिक्षा और वाणिज्य जैसे प्रमुख विभागों में दो-दो प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं। इसके चलते कई विषयों की कक्षाएं या तो अतिथि शिक्षकों के भरोसे संचालित हैं या फिर अनियमित रूप से चल रही हैं। वर्तमान सत्र में लगभग चार सौ छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। बता दें कि भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अभिषेक निषाद ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर महाविद्यालय में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर शीघ्र नियमित नियुक्ति की मांग की है।
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ठप हैं प्रायोगिक कक्षाएं
फोटो - 4
बीएससी की छात्रा क्षमा ने बताया कि कॉलेज में जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान के शिक्षक लंबे समय से नहीं हैं, जिसके कारण प्रायोगिक कार्य और नियमित शिक्षण कक्षाएं दोनों प्रभावित हो रही हैं। विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए प्रयोगशाला की पढ़ाई अत्यंत आवश्यक होती है, परंतु शिक्षकों के अभाव में प्रयोगशालाएं महीनों से निष्क्रिय पड़ी हैं।
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पांच कक्षाओं को संभाल रहे हैं एक शिक्षक
फोटो - 5
एमए संस्कृत की छात्रा रमा तिवारी ने बताया कि उनके विभाग में केवल एक शिक्षक हैं, जिन्हें एक साथ पांच कक्षाओं को संभालना पड़ रहा है। इससे शिक्षण की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। कॉलेज में करीब 60 प्रतिशत पद रिक्त हैं, जिसके कारण कई विभागों में नियमित कक्षाएं संभव नहीं हो पा रहीं।
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अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जा रहीं
विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए कॉलेज प्रशासन उपलब्ध शिक्षकों से अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जा रही हैं। साथ ही डिजिटल शिक्षण व्यवस्था और ई-लर्निंग सुविधाओं को सशक्त किया जा रहा है।
- डॉ. वीरेंद्र कुमार मौर्य, प्रभारी प्राचार्य
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महाविद्यालय में भौतिक विज्ञान, गणित, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, शारीरिक शिक्षा और वाणिज्य जैसे प्रमुख विभागों में दो-दो प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं। इसके चलते कई विषयों की कक्षाएं या तो अतिथि शिक्षकों के भरोसे संचालित हैं या फिर अनियमित रूप से चल रही हैं। वर्तमान सत्र में लगभग चार सौ छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। बता दें कि भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष अभिषेक निषाद ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर महाविद्यालय में रिक्त पड़े शिक्षकों के पदों पर शीघ्र नियमित नियुक्ति की मांग की है।
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ठप हैं प्रायोगिक कक्षाएं
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बीएससी की छात्रा क्षमा ने बताया कि कॉलेज में जंतु विज्ञान और वनस्पति विज्ञान के शिक्षक लंबे समय से नहीं हैं, जिसके कारण प्रायोगिक कार्य और नियमित शिक्षण कक्षाएं दोनों प्रभावित हो रही हैं। विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए प्रयोगशाला की पढ़ाई अत्यंत आवश्यक होती है, परंतु शिक्षकों के अभाव में प्रयोगशालाएं महीनों से निष्क्रिय पड़ी हैं।
पांच कक्षाओं को संभाल रहे हैं एक शिक्षक
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एमए संस्कृत की छात्रा रमा तिवारी ने बताया कि उनके विभाग में केवल एक शिक्षक हैं, जिन्हें एक साथ पांच कक्षाओं को संभालना पड़ रहा है। इससे शिक्षण की गुणवत्ता पर असर पड़ रहा है। कॉलेज में करीब 60 प्रतिशत पद रिक्त हैं, जिसके कारण कई विभागों में नियमित कक्षाएं संभव नहीं हो पा रहीं।
अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जा रहीं
विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए कॉलेज प्रशासन उपलब्ध शिक्षकों से अतिरिक्त कक्षाएं चलाई जा रही हैं। साथ ही डिजिटल शिक्षण व्यवस्था और ई-लर्निंग सुविधाओं को सशक्त किया जा रहा है।
- डॉ. वीरेंद्र कुमार मौर्य, प्रभारी प्राचार्य