गौरीगंज (अमेठी)। राज्यमंत्री के जिला अस्पताल पहुंचते ही अस्पताल में दवाओं की खपत बढ़ गई। आमतौर पर प्रतिदिन जहां मरीजों को कुल 30 प्रकार की दवाएं ही दी जाती थीं वहीं शुक्रवार को मरीजों को 84 प्रकार दी दवाएं वितरित की गईं। अस्पताल पहुंचे 620 मरीजों को 6000 पैरासीटामॉल टैब्लेट बांट दी गईं। दरअसल स्वास्थ्य राज्यमंत्री शुक्रवार को संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत करने जिला अस्पताल पहुंचे थे। ऐसे में चिकित्सकों ने सतर्कता दिखाते हुए मरीजों को बाहर से दवा लिखने से गुरेज किया।
प्रदेश सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में विभिन्न प्रकार के रोगों की जांच व दवाइयों के वितरण की निशुल्क व्यवस्था की है। हालांकि चिकित्सकों की कमीशन खोरी के चलते लगातार मरीजों व तीमारदारों की जेब ढीली होती है। अस्पताल में मौजूद दवाएं व जांच न लिखकर बाहर से जांच कराने व दवाएं खरीदने के लिए तीमारदारों को कहते हैं। जब कोई वीवीआईपी कार्यक्रम होता है तो उस दिन कमीशनखोरी का राज छिपाने के लिए चिकित्सक बाहर के बजाए सरकारी अस्पताल में मौजूद जांच व दवाइयां लिखते हैं।
चिकित्सकों ने यही शुक्रवार को भी किया। चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह संयुक्त जिला अस्पताल में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत करने पहुंचे थे। स्वास्थ्य मंत्री के अस्पताल में आने की सूचना पर चिकित्सक सतर्क हो गए। पूरे दिन मरीजों को बाहर की दवाइयां लिखने के बजाय अस्पताल में दवाओं का वितरण किया गया तो चिकित्सकों की कमीशन खोरी का राज उजागर हो गया। 620 मरीजों को 84 प्रकार की दवाइयां वितरित की गईं। कमीशन खोरी के चलते 26 जून को 27, 28 व 25 जून को 25, 30 जून को 15 व एक जुलाई (स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रम के दिन) को 84 प्रकार की दवाइयां मरीजों में वितरित हुईं।
जिला अस्पताल में मौजूद हैं 157 प्रकार की दवाएं
ड्रग वेयर हाउस में 238 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं। जिनमें से शुक्रवार को संयुक्त जिला अस्पताल में 157 प्रकार की दवाइयां मौजूद थीं। लेकिन चिकित्सक कमीशन खोरी के चक्कर में मरीजों को अंदर से दवा देने के बजाए बाहर से दवा लिखते हैं।
अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या व मुख्य दवाइयों की खपत
दिनांक - मरीज - पैरासीटामॉल - बीकासूल - कैल्शियम
27 जून - 1039 - 4000 - 2000 - 1000
28 जून - 779 - 3000 - 4000 - 1000
29 जून - 669 - 3000 - 2000 - 2000
30 जून - 130 - 3000 - 450 - 500
01 जुलाई -620 - 6000 - 1900 - 3000
बीमारी के अनुसार वितरित हो रही दवाएं
सीएमएस डॉ. बद्री प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि जिला अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है। ओपीडी में चिकित्सक मरीजों की बीमारी के अनुसार दवाएं पर्चे पर लिख रहे हैं। यह दवाएं वितरण काउंटर से मरीजों को दी जा रही हैं। वर्तमान समय में बुखार पीड़ितों की संख्या अधिक होने से पैरासीटामॉल दवा दी जा रही है। मरीजों को अस्पताल से ही दवाएं देने का निर्देश दिया गया है। बावजूद इसके यदि कोई चिकित्सक मरीज को बाहर से दवा लिख रहा है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
गौरीगंज (अमेठी)। राज्यमंत्री के जिला अस्पताल पहुंचते ही अस्पताल में दवाओं की खपत बढ़ गई। आमतौर पर प्रतिदिन जहां मरीजों को कुल 30 प्रकार की दवाएं ही दी जाती थीं वहीं शुक्रवार को मरीजों को 84 प्रकार दी दवाएं वितरित की गईं। अस्पताल पहुंचे 620 मरीजों को 6000 पैरासीटामॉल टैब्लेट बांट दी गईं। दरअसल स्वास्थ्य राज्यमंत्री शुक्रवार को संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत करने जिला अस्पताल पहुंचे थे। ऐसे में चिकित्सकों ने सतर्कता दिखाते हुए मरीजों को बाहर से दवा लिखने से गुरेज किया।
प्रदेश सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में विभिन्न प्रकार के रोगों की जांच व दवाइयों के वितरण की निशुल्क व्यवस्था की है। हालांकि चिकित्सकों की कमीशन खोरी के चलते लगातार मरीजों व तीमारदारों की जेब ढीली होती है। अस्पताल में मौजूद दवाएं व जांच न लिखकर बाहर से जांच कराने व दवाएं खरीदने के लिए तीमारदारों को कहते हैं। जब कोई वीवीआईपी कार्यक्रम होता है तो उस दिन कमीशनखोरी का राज छिपाने के लिए चिकित्सक बाहर के बजाए सरकारी अस्पताल में मौजूद जांच व दवाइयां लिखते हैं।
चिकित्सकों ने यही शुक्रवार को भी किया। चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह संयुक्त जिला अस्पताल में संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत करने पहुंचे थे। स्वास्थ्य मंत्री के अस्पताल में आने की सूचना पर चिकित्सक सतर्क हो गए। पूरे दिन मरीजों को बाहर की दवाइयां लिखने के बजाय अस्पताल में दवाओं का वितरण किया गया तो चिकित्सकों की कमीशन खोरी का राज उजागर हो गया। 620 मरीजों को 84 प्रकार की दवाइयां वितरित की गईं। कमीशन खोरी के चलते 26 जून को 27, 28 व 25 जून को 25, 30 जून को 15 व एक जुलाई (स्वास्थ्य मंत्री के कार्यक्रम के दिन) को 84 प्रकार की दवाइयां मरीजों में वितरित हुईं।
जिला अस्पताल में मौजूद हैं 157 प्रकार की दवाएं
ड्रग वेयर हाउस में 238 प्रकार की दवाएं उपलब्ध हैं। जिनमें से शुक्रवार को संयुक्त जिला अस्पताल में 157 प्रकार की दवाइयां मौजूद थीं। लेकिन चिकित्सक कमीशन खोरी के चक्कर में मरीजों को अंदर से दवा देने के बजाए बाहर से दवा लिखते हैं।
अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों की संख्या व मुख्य दवाइयों की खपत
दिनांक - मरीज - पैरासीटामॉल - बीकासूल - कैल्शियम
27 जून - 1039 - 4000 - 2000 - 1000
28 जून - 779 - 3000 - 4000 - 1000
29 जून - 669 - 3000 - 2000 - 2000
30 जून - 130 - 3000 - 450 - 500
01 जुलाई -620 - 6000 - 1900 - 3000
बीमारी के अनुसार वितरित हो रही दवाएं
सीएमएस डॉ. बद्री प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि जिला अस्पताल में दवाओं की कोई कमी नहीं है। ओपीडी में चिकित्सक मरीजों की बीमारी के अनुसार दवाएं पर्चे पर लिख रहे हैं। यह दवाएं वितरण काउंटर से मरीजों को दी जा रही हैं। वर्तमान समय में बुखार पीड़ितों की संख्या अधिक होने से पैरासीटामॉल दवा दी जा रही है। मरीजों को अस्पताल से ही दवाएं देने का निर्देश दिया गया है। बावजूद इसके यदि कोई चिकित्सक मरीज को बाहर से दवा लिख रहा है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।