गौरीगंज (अमेठी)। प्रदेश सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों का गेहूं खरीदने के लिए नामित पांच क्रय एजेंसियां तारीख बढ़ाने के बावजूद लक्ष्य का पांच प्रतिशत भी गेहूं नहीं खरीद सकी। आलम यह है कि 15 दिन खरीद तिथि बढ़ने के बावजूद महज 29 किसानों से ही गेहूं खरीदा जा सका। खरीद तिथि समाप्त होने तक सभी एजेंसियों ने मिलकर 91 दिन मेें 789 किसानों से 2777.78 एमटी गेहूं खरीद की, जो कि जिले को निर्धारित लक्ष्य का महज 4.63 फीसदी ही है।
जिले में गेहूं उत्पादन करने वाले किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत क्रय की जा सके, इसके लिए शासन ने बीते दिनों पांच एजेंसियों के 66 क्रय केंद्रों को मंजूरी दी थी। 2015 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होने वाली इस खरीद की शुरुआत एक अप्रैल से हुई। किसानों को गेहूं बेचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए क्रय केंद्रों पर मौजूद स्टाफ को छाया व पेयजल समेत सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को कहा गया था। एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो सके इसके लिए क्रय केंद्र खोल भी दिए गए। हालांकि शुरुआत में कई दिनों तक तो किसी भी केंद्र की बोहनी नहीं हुई।
क्रय केंद्रों पर किसानों की आमद कम होने के बाद जिला प्रशासन ने मोबाइल टीम से गांव-गांव गेहूं खरीद करने की योजना बनाते हुए टीम गठित कर गांव-गांव भेजी। बावजूद इसके सरकारी क्रय केंद्र निर्धारित लक्ष्य के आसपास भी फटक नहीं पाए। लक्ष्य पूरा नहीं होने पर 15 जून को शासन ने पत्र भेजकर 30 जून तक खरीद कर लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया। निर्देशों के बावजूद 91 दिन तक चली खरीद के आंकड़े बताते हैं कि क्रय केंद्रों नेे 789 किसानों से 2777.78 मीट्रिक टन गेहूं खरीद की।
आखिरी 15 दिनों में सिर्फ 29 किसानों से गेहूं खरीद कर 0.15 प्रतिशत ही खरीद कर सका। डिप्टी आरएमओ संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि बाजार में निर्धारित समर्थन मूल्य से अधिक गेहूं की कीमत होने से क्रय केंद्रों पर लक्ष्य के अनुसार खरीद नहीं हो पाई। लेकिन लक्ष्य पूरा करने में सफलता हासिल नहीं हो सकी।
5025 ने कराया पंजीकरण, 789 ने बेचा गेहूं
सीजन में निर्धारित क्रय केंद्रों पर गेहूं की उपज बेचने के लिए जिले के 5025 किसानों ने पंजीकरण कराया है। बावजूद इसके क्रय केंद्र पर अंतिम तारीख तक महज 789 किसानों ने ही अपनी फसल बेची।
गौरीगंज (अमेठी)। प्रदेश सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों का गेहूं खरीदने के लिए नामित पांच क्रय एजेंसियां तारीख बढ़ाने के बावजूद लक्ष्य का पांच प्रतिशत भी गेहूं नहीं खरीद सकी। आलम यह है कि 15 दिन खरीद तिथि बढ़ने के बावजूद महज 29 किसानों से ही गेहूं खरीदा जा सका। खरीद तिथि समाप्त होने तक सभी एजेंसियों ने मिलकर 91 दिन मेें 789 किसानों से 2777.78 एमटी गेहूं खरीद की, जो कि जिले को निर्धारित लक्ष्य का महज 4.63 फीसदी ही है।
जिले में गेहूं उत्पादन करने वाले किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत क्रय की जा सके, इसके लिए शासन ने बीते दिनों पांच एजेंसियों के 66 क्रय केंद्रों को मंजूरी दी थी। 2015 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होने वाली इस खरीद की शुरुआत एक अप्रैल से हुई। किसानों को गेहूं बेचने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए क्रय केंद्रों पर मौजूद स्टाफ को छाया व पेयजल समेत सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने को कहा गया था। एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो सके इसके लिए क्रय केंद्र खोल भी दिए गए। हालांकि शुरुआत में कई दिनों तक तो किसी भी केंद्र की बोहनी नहीं हुई।
क्रय केंद्रों पर किसानों की आमद कम होने के बाद जिला प्रशासन ने मोबाइल टीम से गांव-गांव गेहूं खरीद करने की योजना बनाते हुए टीम गठित कर गांव-गांव भेजी। बावजूद इसके सरकारी क्रय केंद्र निर्धारित लक्ष्य के आसपास भी फटक नहीं पाए। लक्ष्य पूरा नहीं होने पर 15 जून को शासन ने पत्र भेजकर 30 जून तक खरीद कर लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया। निर्देशों के बावजूद 91 दिन तक चली खरीद के आंकड़े बताते हैं कि क्रय केंद्रों नेे 789 किसानों से 2777.78 मीट्रिक टन गेहूं खरीद की।
आखिरी 15 दिनों में सिर्फ 29 किसानों से गेहूं खरीद कर 0.15 प्रतिशत ही खरीद कर सका। डिप्टी आरएमओ संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि बाजार में निर्धारित समर्थन मूल्य से अधिक गेहूं की कीमत होने से क्रय केंद्रों पर लक्ष्य के अनुसार खरीद नहीं हो पाई। लेकिन लक्ष्य पूरा करने में सफलता हासिल नहीं हो सकी।
5025 ने कराया पंजीकरण, 789 ने बेचा गेहूं
सीजन में निर्धारित क्रय केंद्रों पर गेहूं की उपज बेचने के लिए जिले के 5025 किसानों ने पंजीकरण कराया है। बावजूद इसके क्रय केंद्र पर अंतिम तारीख तक महज 789 किसानों ने ही अपनी फसल बेची।