अमेठी। ब्लॉक की चंडेरिया ग्राम पंचायत का एक परिवार लोगों के बीच चर्चा में है। इस परिवार की एक बिटिया प्रोन्नति पाकर नायाब तहसीलदार तो एक बेटा बीएसए बन गया है।
संग्रामपुर के चंडेरिया निवासी ईंट व्यवसायी केडी मिश्र की पुत्री शैव्या मिश्रा छह वर्ष पहले राजस्व निरीक्षक पद पर चयनित हुई थीं। उन्हें गौरीगंज तहसील में तैनाती मिली थी। पिछले दिनों हुई डीपीसी के बाद शैव्या को नायब तहसीलदार के पद पर प्रमोशन मिला है। शैव्या को लखनऊ में नई तैनाती मिली है।
केडी मिश्र के ही परिवार के कडे़दीन मिश्र के बेटे अजय कुमार मिश्र को भी शासन ने महोबा का जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बनाया है। अजय अभी तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जौनपुर में वरिष्ठ प्रवक्ता थे। जहां से उन्हें प्रोन्नत करके गुरुवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोबा बनाया गया।
शैव्या की शुरुआती शिक्षा अमेठी शहर तो अजय की गांव के प्राथमिक, जूनियर व आसपास के अन्य विद्यालयों में हुई है। बाद में अजय पढ़ाई के सिलसिले में कानपुर चले गये थे। अजय के पिता कड़ेडीन मिश्र सामान्य कृषक हैं। शैव्या व अजय के पिता ने कहा कि आज हमारी मेहनत का सही फल मिला। एक ही परिवार से दो लोगों के अफसर बनने से गांव के लोग भी खुश हैं।
अमेठी। ब्लॉक की चंडेरिया ग्राम पंचायत का एक परिवार लोगों के बीच चर्चा में है। इस परिवार की एक बिटिया प्रोन्नति पाकर नायाब तहसीलदार तो एक बेटा बीएसए बन गया है।
संग्रामपुर के चंडेरिया निवासी ईंट व्यवसायी केडी मिश्र की पुत्री शैव्या मिश्रा छह वर्ष पहले राजस्व निरीक्षक पद पर चयनित हुई थीं। उन्हें गौरीगंज तहसील में तैनाती मिली थी। पिछले दिनों हुई डीपीसी के बाद शैव्या को नायब तहसीलदार के पद पर प्रमोशन मिला है। शैव्या को लखनऊ में नई तैनाती मिली है।
केडी मिश्र के ही परिवार के कडे़दीन मिश्र के बेटे अजय कुमार मिश्र को भी शासन ने महोबा का जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बनाया है। अजय अभी तक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जौनपुर में वरिष्ठ प्रवक्ता थे। जहां से उन्हें प्रोन्नत करके गुरुवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोबा बनाया गया।
शैव्या की शुरुआती शिक्षा अमेठी शहर तो अजय की गांव के प्राथमिक, जूनियर व आसपास के अन्य विद्यालयों में हुई है। बाद में अजय पढ़ाई के सिलसिले में कानपुर चले गये थे। अजय के पिता कड़ेडीन मिश्र सामान्य कृषक हैं। शैव्या व अजय के पिता ने कहा कि आज हमारी मेहनत का सही फल मिला। एक ही परिवार से दो लोगों के अफसर बनने से गांव के लोग भी खुश हैं।