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Ayodhya News: तीन साल तक मौसम की मार से सुरक्षित रहेगा राम ध्वज
संवाद न्यूज एजेंसी, अयोध्या
Updated Wed, 12 Nov 2025 09:22 PM IST
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23-राम मंदिर परिसर में चल रहा काम - ट्रस्ट
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अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में प्रस्तावित राम ध्वज के निर्माण में तकनीकी मंथन और वैज्ञानिक परीक्षणों के बाद अब अंतिम रूप तय कर लिया गया है। ध्वज का कपड़ा इस तरह तैयार किया गया है कि वह तीन वर्षों तक तेज धूप, वर्षा और धूल के असर से प्रभावित नहीं होगा। ट्रस्ट के इंजीनियरिंग सलाहकारों का अनुमान है कि इस तकनीकी उन्नयन के बाद अगले तीन वर्षों तक ध्वज को बदलने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। केवल सफाई और सामान्य रखरखाव से इसकी गुणवत्ता बरकरार रहेगी।
ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार, ध्वज निर्माण के लिए देश के प्रमुख वस्त्र अनुसंधान केंद्रों से परामर्श लिया गया। विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में टिकाऊपन, वजन, रंग स्थायित्व और हवा में फड़फड़ाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए कई नमूनों पर वायुगतिकीय और रासायनिक स्थायित्व के परीक्षण किए गए। पहले प्रस्तावित ध्वज का कपड़ा लगभग 11 किलोग्राम वजन का था, जो हवा और नमी के असर से जल्दी भारी हो जाता। अब नॉयलान फैब्रिक से ध्वज का निर्माण होगा। इस कपड़े का वजन दो से ढा़ई किलोग्राम होगा।
यह उच्च-गुणवत्ता वाले माइक्रो फाइबर और नायलॉन मिश्रित पॉलिमर से निर्मित होगा, जो सामान्य धातु-युक्त कपड़े की तुलना में कहीं अधिक टिकाऊ और लचीला होता है। राम ध्वज का रंग और आकार पारंपरिक रूप को बनाए रखते हुए आधुनिक तकनीक से तैयार किया जाएगा। कपड़े की एज बाइंडिंग (किनारों की विशेष सिलाई) इस तरह की जा रही है कि हवा में झंडा फटे नहीं। विशेषज्ञों ने बताया कि पूरा ध्वज 90 किमी प्रति घंटे की हवा का दबाव झेलने में सक्षम होगा
रस्सी टूटी, फिर भी जारी रहा परीक्षण
ध्वज चढ़ाने की प्रारंभिक प्रक्रिया के दौरान दो बार रस्सी टूटने की घटना हुई। इंजीनियरिंग टीम ने तुरंत इसे तकनीकी दृष्टि से परखा और पाया कि अत्यधिक तनाव के समय रस्सी की पकड़ कमजोर हो रही थी। अब नई रस्सी कानपुर से मंगाई गई है। जो स्टेनलेस स्टील कोर और सिंथेटिक नायलॉन फाइबर से बनी है जो हवा के तेज झोंकों में भी 300 किलोग्राम तक का भार झेल सकेगी।
नायलॉन कपड़े की खासियत
नायलॉन कपड़े की मुख्य विशेषताओं में मज़बूती, टिकाऊपन, हल्कापन और पानी का प्रतिरोध शामिल है। यह झुर्रियों और घर्षण प्रतिरोधी है और जल्दी सूख जाता है। इसकी कम नमी सोखने की क्षमता के कारण फफूंदी लगने की संभावना भी कम होती है।
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ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार, ध्वज निर्माण के लिए देश के प्रमुख वस्त्र अनुसंधान केंद्रों से परामर्श लिया गया। विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में टिकाऊपन, वजन, रंग स्थायित्व और हवा में फड़फड़ाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए कई नमूनों पर वायुगतिकीय और रासायनिक स्थायित्व के परीक्षण किए गए। पहले प्रस्तावित ध्वज का कपड़ा लगभग 11 किलोग्राम वजन का था, जो हवा और नमी के असर से जल्दी भारी हो जाता। अब नॉयलान फैब्रिक से ध्वज का निर्माण होगा। इस कपड़े का वजन दो से ढा़ई किलोग्राम होगा।
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यह उच्च-गुणवत्ता वाले माइक्रो फाइबर और नायलॉन मिश्रित पॉलिमर से निर्मित होगा, जो सामान्य धातु-युक्त कपड़े की तुलना में कहीं अधिक टिकाऊ और लचीला होता है। राम ध्वज का रंग और आकार पारंपरिक रूप को बनाए रखते हुए आधुनिक तकनीक से तैयार किया जाएगा। कपड़े की एज बाइंडिंग (किनारों की विशेष सिलाई) इस तरह की जा रही है कि हवा में झंडा फटे नहीं। विशेषज्ञों ने बताया कि पूरा ध्वज 90 किमी प्रति घंटे की हवा का दबाव झेलने में सक्षम होगा
रस्सी टूटी, फिर भी जारी रहा परीक्षण
ध्वज चढ़ाने की प्रारंभिक प्रक्रिया के दौरान दो बार रस्सी टूटने की घटना हुई। इंजीनियरिंग टीम ने तुरंत इसे तकनीकी दृष्टि से परखा और पाया कि अत्यधिक तनाव के समय रस्सी की पकड़ कमजोर हो रही थी। अब नई रस्सी कानपुर से मंगाई गई है। जो स्टेनलेस स्टील कोर और सिंथेटिक नायलॉन फाइबर से बनी है जो हवा के तेज झोंकों में भी 300 किलोग्राम तक का भार झेल सकेगी।
नायलॉन कपड़े की खासियत
नायलॉन कपड़े की मुख्य विशेषताओं में मज़बूती, टिकाऊपन, हल्कापन और पानी का प्रतिरोध शामिल है। यह झुर्रियों और घर्षण प्रतिरोधी है और जल्दी सूख जाता है। इसकी कम नमी सोखने की क्षमता के कारण फफूंदी लगने की संभावना भी कम होती है।