रानी की सराय। दिन, मंगलवार, समय करीब 8.15 बजे, स्थान बेलइसा सब्जी मंडी परिसर। अमर उजाला की टीम पड़ताल करने पहुंची तो मुख्य गेट से प्रवेश करते ही अवैध दुकानों का जंजाल देखने को मिला। पहली दुकान अचार की थी। इसके बाद जमीन पर एक के बाद एक करीब पांच दुकानें मिली। जिसमें छोले भटूरे की भी दुकान संचालित हो रही थी। टीम अंदर प्रवेश कर देखा तो बिना टेंडर के ही दो दर्जन से अधिक अवैध दुकानें संचालित होती पाई गईं। वहीं इसे लेकर जब अधिकारी से सवाल किया गया तो अधिकारी भी निरुत्तर रहे।
जानकारी मुताबिक मंडी परिसर में सब्जी की दुकानों को छोड़कर बाकी के दुकानों का बकायदा टेंडर कर दुकान आवंटन करने की प्रक्रिया है। बावजूद इसके मंडी परिषद के अधिकारी सभी नियमों को ताक पर रख दिए हैं। सूत्रों की माने तो चंद पैसे की लालच में जिम्मेदार नियमों को ताक पर रखकर दुकानों का संचालन अवैध तरीके से कराते हैं। इसकी जब पड़ताल हुई तो पूरा सच सामने आ गया। मंडी परिसर बेलइसा में अधिकारियों की शह पर दो दर्जन से अधिक अवैध दुकानें फलफूल रही हैं। नियम विरुद्ध तरीके से चल रहे इन अवैध दुकानों पर जिम्मेदार अफसर मेहरबान हैं। जबकि नियमित दुकान लगाने के लिए बकायदा टेंडर किया जाता है। बिना टेंडर के ही दुकानों का संचालन किया जा रहा है। मंडी परिसर में सब्जी के साथ ही कपड़ा, गुटखा, चाय व नास्ता की दुकानें संचालित की जा रही है। यह दुकानें कहीं न कहीं जाम का भी कारण बन रही है। मंडी परिसर में सब्जी की दुकानों के लिए आवंटन किया गया है। ताकि वह अपनी सब्जी रखकर बीेचसकें, लेकिन सबसे मजे की बात तो यह है कि उक्त सब्जी के दुकान के अंदर ही चाय-नास्ता का भी दुकान का संचालन किया जा रहा है। इससे साफ है कि सब्जी बेचने के लिए आवंटित दुकान के अंदर भी चाय-नास्ता की दुकान संचालित हो रही है।
बेलइसा के प्रभारी मंडी सचिव सभानंद तिवारी ने बताया कि चाय-नास्ता व पानी की दुकानों का संचालन करने के लिए बकायदा टेंडर किया जाता है। इसके बाद ही दुकान आवंटित किया जाता है। टेंडर कब हुआ है इसकी जानकारी तो नहीं लेकिन परिसर के अंदर जो दुकानें सचालित हो रही हैं वह गलत है। मामले को संज्ञान में लिया गया है। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
रानी की सराय। दिन, मंगलवार, समय करीब 8.15 बजे, स्थान बेलइसा सब्जी मंडी परिसर। अमर उजाला की टीम पड़ताल करने पहुंची तो मुख्य गेट से प्रवेश करते ही अवैध दुकानों का जंजाल देखने को मिला। पहली दुकान अचार की थी। इसके बाद जमीन पर एक के बाद एक करीब पांच दुकानें मिली। जिसमें छोले भटूरे की भी दुकान संचालित हो रही थी। टीम अंदर प्रवेश कर देखा तो बिना टेंडर के ही दो दर्जन से अधिक अवैध दुकानें संचालित होती पाई गईं। वहीं इसे लेकर जब अधिकारी से सवाल किया गया तो अधिकारी भी निरुत्तर रहे।
जानकारी मुताबिक मंडी परिसर में सब्जी की दुकानों को छोड़कर बाकी के दुकानों का बकायदा टेंडर कर दुकान आवंटन करने की प्रक्रिया है। बावजूद इसके मंडी परिषद के अधिकारी सभी नियमों को ताक पर रख दिए हैं। सूत्रों की माने तो चंद पैसे की लालच में जिम्मेदार नियमों को ताक पर रखकर दुकानों का संचालन अवैध तरीके से कराते हैं। इसकी जब पड़ताल हुई तो पूरा सच सामने आ गया। मंडी परिसर बेलइसा में अधिकारियों की शह पर दो दर्जन से अधिक अवैध दुकानें फलफूल रही हैं। नियम विरुद्ध तरीके से चल रहे इन अवैध दुकानों पर जिम्मेदार अफसर मेहरबान हैं। जबकि नियमित दुकान लगाने के लिए बकायदा टेंडर किया जाता है। बिना टेंडर के ही दुकानों का संचालन किया जा रहा है। मंडी परिसर में सब्जी के साथ ही कपड़ा, गुटखा, चाय व नास्ता की दुकानें संचालित की जा रही है। यह दुकानें कहीं न कहीं जाम का भी कारण बन रही है। मंडी परिसर में सब्जी की दुकानों के लिए आवंटन किया गया है। ताकि वह अपनी सब्जी रखकर बीेचसकें, लेकिन सबसे मजे की बात तो यह है कि उक्त सब्जी के दुकान के अंदर ही चाय-नास्ता का भी दुकान का संचालन किया जा रहा है। इससे साफ है कि सब्जी बेचने के लिए आवंटित दुकान के अंदर भी चाय-नास्ता की दुकान संचालित हो रही है।
बेलइसा के प्रभारी मंडी सचिव सभानंद तिवारी ने बताया कि चाय-नास्ता व पानी की दुकानों का संचालन करने के लिए बकायदा टेंडर किया जाता है। इसके बाद ही दुकान आवंटित किया जाता है। टेंडर कब हुआ है इसकी जानकारी तो नहीं लेकिन परिसर के अंदर जो दुकानें सचालित हो रही हैं वह गलत है। मामले को संज्ञान में लिया गया है। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।