आजमगढ़। पर्यटन विभाग उप्र, वन विभाग के सहयोग से जिला प्रशासन के सानिध्य में नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से शुरू हुआ 22वें आजमगढ़ पुस्तक मेले का मंगलवार को समापन हो गया। फिर अगले वर्ष आने के वादे संग पुस्तक मेला समाप्त हुआ। मुख्य अतिथि एसपी अनुराग आर्य ने कहा कि पुस्तक संस्कृति के उत्थान में आजमगढ़ पुस्तक मेले की ऐतिहासिक भूमिका है। इस तरह का मेला विद्यार्थियों में पढ़ने की ललक पैदा करता है। मेले की महत्ता को बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मेला सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि गांवों में भी होना चाहिए। हमें हमेशा किताबों के करीब रहना चाहिए तभी हम जिंदगी में सही रास्ते पर चलेंगे। हमें किताबों से ही पता चलता है कि क्या सही है क्या गलत। किताबें पढ़ने से ही हम समाज और अपने देश को तरक्की पर ले जा सकते हैं। उन्होंने एसएसडी से आए कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि कलाकारों ने इतनी खूबसूरती से प्रस्तुति की कि हमें समय का पता ही नहीं चला। अध्यक्षता करते हुए पीएससी कमांडेंट एन कोलांची ने कहा कि यह पुस्तक मेला संदेश दे रहा है कि जो पढ़ेगा वो रचेगा जो रचेगा वो बचेगा। बचपन में किताबों का संस्कार सपने देखने की आदत डालता है और सपना ही है कि जीवन में मूर्त होता है। संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि डीएम ने पुस्तक मेेले की सफलता को देखते हुए जिले के सभी स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष स्थलों की पंचायत के साथ समंवय स्थापित कर स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को समर्पित पुस्तकालय का निर्माण कराने की बात कही है। शिब्ली कालेज के प्राचार्य डा. हारूफ ने कहा कि दास्ताने गोई की प्रस्तुति से कालेज परिसर में किस्सा गोई की नई परंपरा शुरू हो रही है। विद्यार्थियों में किताबों को लेकर एक नए तरह का रोमांच है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए शिब्ली इंटर कालेज के प्रधानाचार्य जैद नुरूल्लाह ने कहा कि किताबें जिंदगी को बेहतर मार्ग दिखाती हैं। डा. दिनेश खन्ना कार्यकारी निदेशक नेशनल स्कूल आफ के मार्गदर्शन में अब्दूल लतीफ खटाना की प्रेरणा से संस्कार रंग टोली के समन्वयक संदीप चौधरी के नेत्त्व में प्रख्यात रंगकर्मी बंशी कौल द्वारा निर्देर्शित नेशनल स्कूल आफ ड्रामा द्वारा किस्से सूझबूझ की जीवंत प्रस्तुति 22वें पुस्तक मेले के मंच पर की गयी। 22 कलाकारों के समूह ने करीब एक घंटे दस मिनट तक लोगों को अपनी शानदार प्रस्तुति से बांधे रखा। नाटक में कलाकार सोमिता कुडू, तसब्बर अली, जयन्ता, राधा, कंचन, मोहित जैन, स्वप्ना, स्निग्धा, राकेश सिंह, ज्योत्सना, मिनाक्षी, प्रकाश व ध्वनि व्यवस्था धीरेंद्र, सौरभ, के द्वारा किया गया तो वही मंच सज्जा विक्रम कुमार, मुजिब्बुर रहमान तक़नीर अहमद, प्रशासनिक कार्य पंकज ध्यानी, शैलेन्द्र कुमार व सहायक भगत राम ने किया। इस मौके पर पर इंडियन आयल के वाणिज्य अधिकारी राहुल सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के वीके सिंह, शिक्षक अनीता, अफीफा, ऋचा आदि उपस्थित थे।
आजमगढ़। पर्यटन विभाग उप्र, वन विभाग के सहयोग से जिला प्रशासन के सानिध्य में नेशनल बुक ट्रस्ट के सहयोग से शुरू हुआ 22वें आजमगढ़ पुस्तक मेले का मंगलवार को समापन हो गया। फिर अगले वर्ष आने के वादे संग पुस्तक मेला समाप्त हुआ।
मुख्य अतिथि एसपी अनुराग आर्य ने कहा कि पुस्तक संस्कृति के उत्थान में आजमगढ़ पुस्तक मेले की ऐतिहासिक भूमिका है। इस तरह का मेला विद्यार्थियों में पढ़ने की ललक पैदा करता है। मेले की महत्ता को बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक मेला सिर्फ शहरों में नहीं बल्कि गांवों में भी होना चाहिए। हमें हमेशा किताबों के करीब रहना चाहिए तभी हम जिंदगी में सही रास्ते पर चलेंगे। हमें किताबों से ही पता चलता है कि क्या सही है क्या गलत। किताबें पढ़ने से ही हम समाज और अपने देश को तरक्की पर ले जा सकते हैं। उन्होंने एसएसडी से आए कलाकारों का स्वागत करते हुए कहा कि कलाकारों ने इतनी खूबसूरती से प्रस्तुति की कि हमें समय का पता ही नहीं चला। अध्यक्षता करते हुए पीएससी कमांडेंट एन कोलांची ने कहा कि यह पुस्तक मेला संदेश दे रहा है कि जो पढ़ेगा वो रचेगा जो रचेगा वो बचेगा। बचपन में किताबों का संस्कार सपने देखने की आदत डालता है और सपना ही है कि जीवन में मूर्त होता है। संस्कृतिकर्मी राजीव रंजन ने कहा कि डीएम ने पुस्तक मेेले की सफलता को देखते हुए जिले के सभी स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष स्थलों की पंचायत के साथ समंवय स्थापित कर स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को समर्पित पुस्तकालय का निर्माण कराने की बात कही है। शिब्ली कालेज के प्राचार्य डा. हारूफ ने कहा कि दास्ताने गोई की प्रस्तुति से कालेज परिसर में किस्सा गोई की नई परंपरा शुरू हो रही है। विद्यार्थियों में किताबों को लेकर एक नए तरह का रोमांच है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए शिब्ली इंटर कालेज के प्रधानाचार्य जैद नुरूल्लाह ने कहा कि किताबें जिंदगी को बेहतर मार्ग दिखाती हैं। डा. दिनेश खन्ना कार्यकारी निदेशक नेशनल स्कूल आफ के मार्गदर्शन में अब्दूल लतीफ खटाना की प्रेरणा से संस्कार रंग टोली के समन्वयक संदीप चौधरी के नेत्त्व में प्रख्यात रंगकर्मी बंशी कौल द्वारा निर्देर्शित नेशनल स्कूल आफ ड्रामा द्वारा किस्से सूझबूझ की जीवंत प्रस्तुति 22वें पुस्तक मेले के मंच पर की गयी। 22 कलाकारों के समूह ने करीब एक घंटे दस मिनट तक लोगों को अपनी शानदार प्रस्तुति से बांधे रखा। नाटक में कलाकार सोमिता कुडू, तसब्बर अली, जयन्ता, राधा, कंचन, मोहित जैन, स्वप्ना, स्निग्धा, राकेश सिंह, ज्योत्सना, मिनाक्षी, प्रकाश व ध्वनि व्यवस्था धीरेंद्र, सौरभ, के द्वारा किया गया तो वही मंच सज्जा विक्रम कुमार, मुजिब्बुर रहमान तक़नीर अहमद, प्रशासनिक कार्य पंकज ध्यानी, शैलेन्द्र कुमार व सहायक भगत राम ने किया। इस मौके पर पर इंडियन आयल के वाणिज्य अधिकारी राहुल सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के वीके सिंह, शिक्षक अनीता, अफीफा, ऋचा आदि उपस्थित थे।
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