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Baghpat News: जाम में थमी गाड़ी और रुक गई जिंदगी की रफ्तार
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हादसे में मृतक डेयरी संचालक प्रमोद तोमर की फाइल फोटो। स्रोत:परिजन
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इसी हेडिंग का इस्तेमाल किया जाए
- गौरीपुर मोड़ पर ईंट ढोने वाले ट्रक की टक्कर से घायल हो गया था बाइक सवार डेयरी संचालक प्रमोद
- जिला अस्पताल में लेकर जाने लगे परिजन तो जाम में फंस गई गाड़ी, पंद्रह मिनट तक फंसे रहे
- एक किमी दूर जिला अस्पताल की जगह मजबूरी में 15 किमी दूर बड़ौत लेकर गए तो मौत हो गई
संवाद न्यूज एजेंसी
बागपत। दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर गौरीपुर मोड़ के पास ईंट ढोने वाले ट्रक की टक्कर से मंगलवार शाम को बाइक सवार डेयरी संचालक प्रमोद तोमर (52) निवासी गौरीपुर मोड़ गंभीर रूप से घायल हो गए। वहां आए परिवार वाले उन्हें जिला अस्पताल लेकर जाने लगे तो जाम में गाड़ी फंस गई। वहां फंसे रहने पर परिवार वालों को एक किलोमीटर दूर जिला अस्पताल की जगह 15 किलोमीटर बड़ौत नजदीक लगा और घायल को वहां लेकर जाने लगे। रास्ते में प्रमोद की मौत हो गई।
गौरीपुर मोड़ पर रहने वाले प्रमोद डेयरी संचालक थे, जो मंगलवार दोपहर को कलक्ट्रेट स्थित बैंक में रुपये जमा करने गए थे। वहां के बाद अन्य काम निपटाकर वह शाम को बाइक से वापस लौट रहे थे। गौरीपुर मोड़ से आगे पहुंचे तो पीछे से आए ईंट ढोने वाले ट्रक ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। इस हादसे में प्रमोद गंभीर रूप से घायल हो गए। ट्रक लेकर चालक भागने लगा तो राहगीरों ने पीछा कर पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।
हादसे का पता चलने पर परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और गाड़ी में प्रमोद को जिला अस्पताल लेकर जाने लगे। गौरीपुर मोड़ पर जाम लगा होने के कारण गाड़ी आगे नहीं जा सकी और पंद्रह मिनट इंतजार करने के बाद उन्होंने 15 किलोमीटर दूर बड़ौत के अस्पताल की तरफ गाड़ी घुमा दी। रास्ते में प्रमोद की मौत हो गई। प्रमोद के भतीजे अनुज तोमर ने बताया कि उसके चाचा के परिवार में दो बेटी और एक बेटा है। इस मामले में जांच अधिकारी सत्यम जंघाला ने बताया कि तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
-- नाबालिग पर ईंट ढोने वाला ट्रक चलाने का आरोप
अनुज ने बताया कि उसके चाचा प्रमोद को टक्कर मारने वाले ट्रक के चालक को पकड़ा गया तो वह काफी कम उम्र का निकला। अनुज ने नाबालिग से ट्रक चलवाने का आरोप लगाया। पुलिस ने उम्र की जांच के लिए चालक के कागज मंगवाए मगर परिवार वालों ने उसके कागज नहीं होने की बात कही। उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं मिल सका।
- गाड़ी नहीं फंसती तो बच सकती थी जान
जिस गाड़ी में प्रमोद को परिजन उपचार के लिए एक किमी दूर जिला अस्पताल के लिए लेकर चले थे अगर वह गाड़ी जाम में नहीं फंसती तो वह अस्पताल चंद मिनट में पहुंच जाते। गाड़ी फंसने के कारण उनको मजबूरी में बड़ौत की तरफ जाना पड़ा और प्रमोद की मौत हो गई।
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- गौरीपुर मोड़ पर ईंट ढोने वाले ट्रक की टक्कर से घायल हो गया था बाइक सवार डेयरी संचालक प्रमोद
- जिला अस्पताल में लेकर जाने लगे परिजन तो जाम में फंस गई गाड़ी, पंद्रह मिनट तक फंसे रहे
- एक किमी दूर जिला अस्पताल की जगह मजबूरी में 15 किमी दूर बड़ौत लेकर गए तो मौत हो गई
संवाद न्यूज एजेंसी
बागपत। दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर गौरीपुर मोड़ के पास ईंट ढोने वाले ट्रक की टक्कर से मंगलवार शाम को बाइक सवार डेयरी संचालक प्रमोद तोमर (52) निवासी गौरीपुर मोड़ गंभीर रूप से घायल हो गए। वहां आए परिवार वाले उन्हें जिला अस्पताल लेकर जाने लगे तो जाम में गाड़ी फंस गई। वहां फंसे रहने पर परिवार वालों को एक किलोमीटर दूर जिला अस्पताल की जगह 15 किलोमीटर बड़ौत नजदीक लगा और घायल को वहां लेकर जाने लगे। रास्ते में प्रमोद की मौत हो गई।
गौरीपुर मोड़ पर रहने वाले प्रमोद डेयरी संचालक थे, जो मंगलवार दोपहर को कलक्ट्रेट स्थित बैंक में रुपये जमा करने गए थे। वहां के बाद अन्य काम निपटाकर वह शाम को बाइक से वापस लौट रहे थे। गौरीपुर मोड़ से आगे पहुंचे तो पीछे से आए ईंट ढोने वाले ट्रक ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। इस हादसे में प्रमोद गंभीर रूप से घायल हो गए। ट्रक लेकर चालक भागने लगा तो राहगीरों ने पीछा कर पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।
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हादसे का पता चलने पर परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और गाड़ी में प्रमोद को जिला अस्पताल लेकर जाने लगे। गौरीपुर मोड़ पर जाम लगा होने के कारण गाड़ी आगे नहीं जा सकी और पंद्रह मिनट इंतजार करने के बाद उन्होंने 15 किलोमीटर दूर बड़ौत के अस्पताल की तरफ गाड़ी घुमा दी। रास्ते में प्रमोद की मौत हो गई। प्रमोद के भतीजे अनुज तोमर ने बताया कि उसके चाचा के परिवार में दो बेटी और एक बेटा है। इस मामले में जांच अधिकारी सत्यम जंघाला ने बताया कि तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
अनुज ने बताया कि उसके चाचा प्रमोद को टक्कर मारने वाले ट्रक के चालक को पकड़ा गया तो वह काफी कम उम्र का निकला। अनुज ने नाबालिग से ट्रक चलवाने का आरोप लगाया। पुलिस ने उम्र की जांच के लिए चालक के कागज मंगवाए मगर परिवार वालों ने उसके कागज नहीं होने की बात कही। उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं मिल सका।
- गाड़ी नहीं फंसती तो बच सकती थी जान
जिस गाड़ी में प्रमोद को परिजन उपचार के लिए एक किमी दूर जिला अस्पताल के लिए लेकर चले थे अगर वह गाड़ी जाम में नहीं फंसती तो वह अस्पताल चंद मिनट में पहुंच जाते। गाड़ी फंसने के कारण उनको मजबूरी में बड़ौत की तरफ जाना पड़ा और प्रमोद की मौत हो गई।

हादसे में मृतक डेयरी संचालक प्रमोद तोमर की फाइल फोटो। स्रोत:परिजन