{"_id":"6914d58d02d792a35f07f7f4","slug":"farmers-body-found-in-forest-villagers-claim-he-was-killed-by-a-tiger-balrampur-news-c-99-1-slko1029-136866-2025-11-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"Balrampur News: जंगल में मिला किसान शव, ग्रामीण बोले-बाघ ने मार डाला","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Balrampur News: जंगल में मिला किसान शव, ग्रामीण बोले-बाघ ने मार डाला
विज्ञापन
बलरामपुर के पिपरा सड़वा गांव में मृतक के घर जुटी ग्रामीणों की भीड़ ।
- फोटो : बलरामपुर के पिपरा सड़वा गांव में मृतक के घर जुटी ग्रामीणों की भीड़ ।
विज्ञापन
गैसड़ी। पचपेड़वा इलाके के बेलभरिया गांव के मजरे पिपरा सड़वा निवासी किसान बिकाई गौतम (55) का शव मंगलवार शाम पास के जंगल में क्षत-विक्षत हालत में मिला। वह रविवार से लापता थे। ग्रामीणों ने दावा किया कि शव के पास एक बाघ मृत शरीर को खा रहा था, जिसे देखकर लोगों ने शोर मचा दिया। इस पर बाघ वहां से चला गया।घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम ने पहुंच कर जांच की। हालांकि, वन विभाग ने तेंदुआ होने की बात मानी है। प्रभारी निरीक्षक ओपी सिंह चौहान ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से वास्तविक जानकारी हो सकेगी।
ग्रामीणों के मुताबिक, बिकाई गौतम रविवार सुबह करीब 10 बजे अपने खेत की रखवाली के लिए घर से निकले थे। वह देर रात तक घर नहीं लौटे तो परिवारजनों को चिंता हुई। बेटे अशोक और ग्रामीणों ने रातभर खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। मंगलवार देर शाम गांव के कुछ लोग जंगल की ओर गए तो देखा कि घर से लगभग 500 मीटर दूर जंगल में बाघ शव को नोच रहा था। ग्रामीणों ने शोर मचाया तो बाघ घने जंगल में चला गया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
बिकाई की मौत से घर में चीख-पुकार मची हुई है। पत्नी इंद्रावती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के तीन बेटे और दो बेटियां हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर बताई जा रही है। बड़ी बेटी की शादी की तैयारी चल रही थी। वहीं, बड़ा बेटा अशोक पहले से ही पैर टूटने के कारण बिस्तर पर है। परिजनों का कहना है कि बिकाई मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे। उनकी मौत से पूरे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
ग्रामीणों में भय, कहा-रोज आता है बाघ
ग्रामीण कृष्ण नारायण यादव, शिव बिहारी लाल श्रीवास्तव, रामस्वरूप, राकेश, रामतीरथ, सीताराम, बृजलाल और वंशराज ने बताया कि गांव से करीब 200 मीटर की दूरी पर जंगल है, जिसके किनारे सौकसिया नाला बहता है। इसी क्षेत्र में बाघ अक्सर दिखता है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिनों गांव के बिलाऊ नामक युवक पर भी तेंदुए ने हमला कर दिया था, लेकिन ग्रामीणों के शोर मचाने पर वह बच गए थे। लगातार जंगली जानवरों की सक्रियता से गांव के लोग भयभीत हैं। खेतों में काम करना और शाम के बाद घर से निकलना मुश्किल हो गया है। सोमवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद विभाग ने बाघ और तेंदुए के आतंक को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने जंगल की सीमा पर जाली, तार लगाकर बैरिकेडिंग कराने और रात्रि गश्त बढ़ाने की मांग की है।
-- -- -- -- -- -- -- -
वन विभाग ने शुरू की कार्रवाई
भाभर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी योगेश कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को 2-4 की संख्या में एक साथ खेतों की ओर जाने की सलाह दी गई है। जल्द ही वन्यजीव को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि गांव में वन विभाग की टीम लगातार निगरानी कर रही है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की गई है। बाघ होने की पुष्टि नहीं की, कहा कि तेंदुआ माना जा सकता है। बाघ के होने की जानकारी के संबंध में जांच की जा रही है।
Trending Videos
ग्रामीणों के मुताबिक, बिकाई गौतम रविवार सुबह करीब 10 बजे अपने खेत की रखवाली के लिए घर से निकले थे। वह देर रात तक घर नहीं लौटे तो परिवारजनों को चिंता हुई। बेटे अशोक और ग्रामीणों ने रातभर खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। मंगलवार देर शाम गांव के कुछ लोग जंगल की ओर गए तो देखा कि घर से लगभग 500 मीटर दूर जंगल में बाघ शव को नोच रहा था। ग्रामीणों ने शोर मचाया तो बाघ घने जंगल में चला गया।
विज्ञापन
विज्ञापन
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
बिकाई की मौत से घर में चीख-पुकार मची हुई है। पत्नी इंद्रावती देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के तीन बेटे और दो बेटियां हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर बताई जा रही है। बड़ी बेटी की शादी की तैयारी चल रही थी। वहीं, बड़ा बेटा अशोक पहले से ही पैर टूटने के कारण बिस्तर पर है। परिजनों का कहना है कि बिकाई मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते थे। उनकी मौत से पूरे परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
ग्रामीणों में भय, कहा-रोज आता है बाघ
ग्रामीण कृष्ण नारायण यादव, शिव बिहारी लाल श्रीवास्तव, रामस्वरूप, राकेश, रामतीरथ, सीताराम, बृजलाल और वंशराज ने बताया कि गांव से करीब 200 मीटर की दूरी पर जंगल है, जिसके किनारे सौकसिया नाला बहता है। इसी क्षेत्र में बाघ अक्सर दिखता है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिनों गांव के बिलाऊ नामक युवक पर भी तेंदुए ने हमला कर दिया था, लेकिन ग्रामीणों के शोर मचाने पर वह बच गए थे। लगातार जंगली जानवरों की सक्रियता से गांव के लोग भयभीत हैं। खेतों में काम करना और शाम के बाद घर से निकलना मुश्किल हो गया है। सोमवार को ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद विभाग ने बाघ और तेंदुए के आतंक को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ग्रामीणों ने जंगल की सीमा पर जाली, तार लगाकर बैरिकेडिंग कराने और रात्रि गश्त बढ़ाने की मांग की है।
वन विभाग ने शुरू की कार्रवाई
भाभर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी योगेश कुमार ने बताया कि ग्रामीणों को 2-4 की संख्या में एक साथ खेतों की ओर जाने की सलाह दी गई है। जल्द ही वन्यजीव को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि गांव में वन विभाग की टीम लगातार निगरानी कर रही है और ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की गई है। बाघ होने की पुष्टि नहीं की, कहा कि तेंदुआ माना जा सकता है। बाघ के होने की जानकारी के संबंध में जांच की जा रही है।