बाराबंकी। काला सोना यानी अफीम की खेती करने वाले 600 किसानों ने इस बार अफीम नहीं निकाली। इन किसानों ने अपनी फसल जुतवाने के लिए अफीम विभाग के पास आवेदन कर दिए हैं। यह संख्या कुल अफीम किसानों की आधी है। इसी के साथ बाकी किसानों की अफीम तौल शुरू हो गई है। शुक्रवार तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच करीब दो सौ किसानों की अफीम तौली गई।
अफीम की खेती के लिए बाराबंकी को आधा दर्जन जिलों का केंद्र बनाया गया था। इस बार जिले के 1120, लखनऊ के 40, रायबरेली के दो, अयोध्या के 24 व गाजियाबाद के तीन समेत कुल 1189 किसानों को अफीम की खेती का लाइसेंस दिया गया था। खेतों का क्षेत्रफल 500 से 1200 वर्गमीटर निर्धारित किया गया था। नियमानुसार जिन किसानों को लगता है कि फसल खराब हो गई है और अफीम का उत्पादन बहुत कम होगा वे चीरा नहीं लगाते हैं और अपनी फसल जुतवाने के लिए विभाग के पास आवेदन कर सकते हैं।
इस बार 1180 में से करीब 600 किसानों ने फसल जुतवाने का आवेदन किया है। इनमें करीब साढ़े चार सौ किसान जिले के हैं। जल्द ही इनके खेतों में लगी फसल जुतवाकर नष्ट करवा दी जाएगी। इसी के साथ बाकी 600 किसानों की अफीम जमा कराने का क्रम शुरू हो गया है।
शहर के राजकमल रोड स्थित अफीम कार्यालय में शुक्रवार को 200 से अधिक किसान अफीम लेकर पहुंचे। यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अफीम की तौल की जा रही है। इसकी सीसीटीवी कैमरों से निगरानी हो रही है। किसानों की सुविधा के लिए अफीम कार्यालय परिसर में टेंट, बिस्तर, पेयजल व मोबाइल की व्यवस्था भी की गई है। अफीम की तौल 17 अप्रैल तक चलेगी।
करीब 600 किसानों की अफीम जमा कराई जा रही है। कार्यालय परिसर में ही कांटे लगाए गए हैं। जिन किसानों ने फसल जुतवाने के लिए आवेदन किया है उनकी फसल भी जल्द जुतवा दी जाएगी। अफीम की तौल होने के बाद इसे गाजीपुर स्थित अफीम फैक्टरी में भेजा जायेगा।
-डीएस सिंह, जिला अफीम अधिकारी
बाराबंकी। काला सोना यानी अफीम की खेती करने वाले 600 किसानों ने इस बार अफीम नहीं निकाली। इन किसानों ने अपनी फसल जुतवाने के लिए अफीम विभाग के पास आवेदन कर दिए हैं। यह संख्या कुल अफीम किसानों की आधी है। इसी के साथ बाकी किसानों की अफीम तौल शुरू हो गई है। शुक्रवार तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच करीब दो सौ किसानों की अफीम तौली गई।
अफीम की खेती के लिए बाराबंकी को आधा दर्जन जिलों का केंद्र बनाया गया था। इस बार जिले के 1120, लखनऊ के 40, रायबरेली के दो, अयोध्या के 24 व गाजियाबाद के तीन समेत कुल 1189 किसानों को अफीम की खेती का लाइसेंस दिया गया था। खेतों का क्षेत्रफल 500 से 1200 वर्गमीटर निर्धारित किया गया था। नियमानुसार जिन किसानों को लगता है कि फसल खराब हो गई है और अफीम का उत्पादन बहुत कम होगा वे चीरा नहीं लगाते हैं और अपनी फसल जुतवाने के लिए विभाग के पास आवेदन कर सकते हैं।
इस बार 1180 में से करीब 600 किसानों ने फसल जुतवाने का आवेदन किया है। इनमें करीब साढ़े चार सौ किसान जिले के हैं। जल्द ही इनके खेतों में लगी फसल जुतवाकर नष्ट करवा दी जाएगी। इसी के साथ बाकी 600 किसानों की अफीम जमा कराने का क्रम शुरू हो गया है।
शहर के राजकमल रोड स्थित अफीम कार्यालय में शुक्रवार को 200 से अधिक किसान अफीम लेकर पहुंचे। यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अफीम की तौल की जा रही है। इसकी सीसीटीवी कैमरों से निगरानी हो रही है। किसानों की सुविधा के लिए अफीम कार्यालय परिसर में टेंट, बिस्तर, पेयजल व मोबाइल की व्यवस्था भी की गई है। अफीम की तौल 17 अप्रैल तक चलेगी।
करीब 600 किसानों की अफीम जमा कराई जा रही है। कार्यालय परिसर में ही कांटे लगाए गए हैं। जिन किसानों ने फसल जुतवाने के लिए आवेदन किया है उनकी फसल भी जल्द जुतवा दी जाएगी। अफीम की तौल होने के बाद इसे गाजीपुर स्थित अफीम फैक्टरी में भेजा जायेगा।
-डीएस सिंह, जिला अफीम अधिकारी